गाजा – इस्रायल और पैलेस्टाईन की समस्या का हल निकालने के लिए अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषित किए प्रस्ताव पर पैलेस्टिनी नागरिकों ने कडी प्रतिक्रिया दर्ज की है| गाजा के रास्तों पर बडी संख्या में उतरें पैलेस्टिनी नागरिक राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के फोटो जलाकर अपना गुस्सा व्यक्त कर रहे है| कुछ भी हो पर यह प्रस्ताव हम स्वीकार नही करेंगे, पुरी पैलेस्टिनी जनता एकता के साथ अमरिका-इस्रायल की साजिश नाकाम किए बिना नही रहेगी, यह इशारा हमास के नेताओं ने दिया है|
अखंड जेरूसलम पर इस्रालय का अधिकार बरकरार रहेगा और वह इस्रायल की राजधानी होगी, यह बात राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपने ‘पीस प्लैन’ में रखी थी| इसके बदले में पैलेस्टिन को अब उनके हक में होनेवाली जमीन से दोगुनी जमीन देने का ऐलान ट्रम्प ने किया| साथ ही पूर्वीय जेरूसलम में पैलेस्टाईन की भी राजधानी हो सकती है, यह कहकर ट्रम्प ने यह प्रस्ताव यानी ‘डील ऑफ द सेंच्युरी’ होने का दावा किया|
‘किसी भी इस्रायली या पैलेस्टिनी को अपनी जगह छोडनी नही होगी, यही इस प्लैन की सबसे बडी विशेषता है| यह प्लैन स्वीकार करके पैलेस्टाईन ने आतंकवाद और हिंसा की राह छोडी तो अमरिका करीबन ५० अरब डॉलर्स पैलेस्टाईन में निवेश करेगी’, यह भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने आगे कहा था| पर, उनका यह प्रस्ताव पैलेस्टिनी नागरिकों ने पुरी तरह से ठुकराया है| गुरूवार के दिन गाजा के रास्तों पर पैलेस्टिनी नागरिकों ने बडी संख्या में उतरकर अमरिका और इस्रायल का उच्च स्वर में निषेध किया|
इन प्रदर्शनकारियों ने टायर्स को आग लगाई और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष एवं इस्रायली प्रधानमंत्री के फोटो जलाकर अपना असंतोष व्यक्त किया| अमरिका और इस्रायल हमें जेरूसलम समेत पावन अल अक्सा मस्जिद पर अधिकार छोडने को कह रहे है| यह कभी भी संभव नही होगा, ऐसा यह प्रदर्शनकारी कह रहे थे| इसे विरोध करने के लिए हमारे बच्चे भी स्कूल नही गए है, यह दावा पैलेस्टिनी नागरिक कर रहे है| तभी, हमास का प्रवक्ता राफत मोर्रा ने इस मसले पर पुरे पैलेस्टिनी नागरिकों की एकता बनी होने की बात कही है|
अमरिका और इस्रायल की यह योजना पैलेस्टिन को कुचलनेवाली, इस्रायल ने पैलेस्टाईन पर किए अतिक्रमण को अधिकृत करनेवाली एवं पैलेस्टिनी नागरिकों के अधिकार ठुकरानेवाली है| यह कभी भी स्वीकार नही होगा| बल्कि पैलेस्टिनी अपने उद्देश्य के लिए इसके आगे और भी अधिक आक्रामकता से संघर्ष करेंगे और इसके लिए पैलेस्टिनी एक हुए है’, ऐसा रफात मोर्रा ने कहा है| अन्य पैलेस्टिनी नेता भी इसी भाषा में अमरिका और इस्रायल का निषेध कर रहे है|
तुर्की, ईरान और जॉर्डन ने अमरिका के इस प्रस्ताव पर कडी प्रतिक्रिया दर्ज करके इस प्रस्ताव का बडी तीव्रता के साथ विरोध किया है| तभी, सौदी अरब, इजिप्ट और संयुक्त अरब अमिरात ने इस प्रस्ताव पर सीधे प्रतिक्रिया दर्ज नही की है, पर इस्रायल और पैलेस्टाईन की बातचीत हो, यह मांग रखी है| पर, अमरिका के इस प्रस्ताव पर बातचीत संभव नही है, यह कहकर पैलेस्टिनी नागरिकों के सभी संगठन बातचीत की संभावना ठुकरा रही है|
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