वॉशिंग्टन – अमरिका ने रशिया, चीन,?ईरान और उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाए है और यह देश पारंपरिक संघर्ष में अमरिका को जवाब देने के लिए सक्षम नही है| इस कारण यह देश अमरिका को रोकने के लिए अपारंपरिक युद्धनीति का इस्तेमाल करेंगे| इसीसे पहले जागतिक सायबर युद्ध शुरू होगा, यह इशारा आर्थिक विशेषज्ञ नुरिअल रुबिनी ने दिया है| अमरिका में इस वर्ष हो रहा राष्ट्राध्यक्ष का चुनाव इस सायबर युद्ध का अहम स्तर रहेगा, यह इशारा भी रुबिनी ने दिया| पीछले वर्ष में ही अमरिका की ‘सायबर कमांड’ ने अगले दिनों में रशिया, चीन, ईरान?और उत्तर कोरिया के सायबर हमलें बढने की संभावना होने के संकेत दिए थे|
रुबिनी, न्यूयॉर्क विद्यापीठ में वरिष्ठ प्राध्यापक के पद पर कार्यरत है और आर्थिक सलाहकार कंपनी के संस्थापक भी है| बिल क्लिंटन और बराक ओबामा के दौर में उन्होंने अमरिकी प्रशासन में आर्थिक विशेषज्ञ एवं सलाहकार की जिम्मेदारी संभाली थी| फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की सलाहकार समिती के सदस्य होनेवाले नुरिअल रुबिनी देश के शीर्ष आर्थिक विशेषज्ञों में से एक जाने जाते है| अमरिका में वर्ष २००८-०९ में देखी गई आर्थिक मंदी के बारे में रुबिनी ने दो वर्ष पहले ही बयान करके सनसनी मचाई थी|
इस पृष्ठभूमि पर एक अर्थ से संबंधित वेबसाईट को दी मुलाकात के दौरान रुबिनी ने जागतिक सायबर युद्ध के बारे में दिया इशारा ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित होता है| रुबिनी ने अपने बयान में यह कहा है की, जागतिक सायबर युद्ध अमरिका विरुद्ध रशिया, चीन, ईरान, उत्तर कोरिया के बीच होगा| इन देशों पर लगाए आर्थिक एवं अन्य क्षेत्र के प्रतिबंध ही इसका प्रमुख कारण होगा, यह दावा भी उन्होंने किया है|
‘अमरिका ने रशिया, चीन, उत्तर कोरिया और ईरान पर प्रतिबंध लगाए है| यह देश अमरिका को पारंपरिक तरीके से जवाब नही दे सकते| पारंपरिक संघर्ष का विचार करें तो आज भी अमरिका इन देशों की तुलना में बलशाली है| इस कारण अमरिका के विरोध में कमजोर होनेवाले यह देश अमरिका को रोकने के लिए असमान युद्ध तकनीक का सहारा लेंगे| असमान युद्ध तकनीक के जरिए शत्रु को अंदरुनि स्तर पर कमजोर किया जाता है| सायबर युद्ध के जरिए यही किया जा रहा है| इस वजह से आनेवाले वर्ष में हमें पहले जागतिक सायबर युद्ध का भडका होते दिखाई देगा’, यह इशारा रुबिनी ने दिया|
‘चीन, रशिया, ईरान और उत्तर कोरिया का उद्देश्य अमरिका में मतभेद बनाना और महासत्ता के तौर पर जागतिक स्तर पर बनी क्षमता कम करना ही है| अमरिका को इन चार देशों में सत्ता का तख्तापलट करवाना है| या इन देशों को कमजोर करना है, ऐसी भावना इन देशों में मजबूत हो रही है| इस वजह से यह देश अमरिका को जवाब देने की कोशिश करेंगे और यह जवाब सायबर क्षेत्र से दिया जाएगा’, इन शब्दों में रुबिनी ने अपने इशारे के पीछे की भूमिका स्पष्ट की|
पिछले कुछ वर्षों में अमरिका पर हो रहे सायबर हमलें और ‘सायबर कमांड’ एवं ‘सायबर वेपन्स’ समेत अमरिका ने की हुई तैयारी की पृष्ठभूमि पर आर्थिक विशेषज्ञ रुबिनी ने दी हुई चेतावनी ध्यान आकर्षित कर रही है| कुछ महीने पहले ही अमरिका के एक समाचार पत्र ने रशिया पर सायबर हमलें करने की योजना अमरिका की ‘सायबर कमांड’ ने तैयार की है, यह दावा किया था| अमरिका की गुप्तचर यंत्रणा, रक्षा विभाग एवं सायबर कमांड ने रशिया, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया से हो रहे सायबर हमलों के बारे में लगातार चिंता जताई है और नजदिकी दिनों में इन सायबर हमलों की तीव्रता बढ सकती है, यह इशारा भी दिया था|
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