रशिया द्वारा अमरिकी डॉलर्स का निवेश शून्य पर लाए जाने का दावा – सोने का निवेश रिकार्ड स्तर पर

रशिया द्वारा अमरिकी डॉलर्स का निवेश शून्य पर लाए जाने का दावा – सोने का निवेश रिकार्ड स्तर पर

मॉस्को/वॉशिंग्टन, दि. १९ (वृत्तसंस्था) – अमरिका डॉलर का इस्तेमाल हथियार की तरह कर रहा है ऐसा इल्जाम लगानेवाले रशिया द्वारा अमरिका का यह हथियार कमजोर करने की तैय्यारी शुरु हो गयी है। इसके लिए रशिया द्वारा अमरिकी डॉलर में हो रहा निवेश करीब शून्य पर लाया गया है और सोने में निवेश बढाया गया है। रशिया या यह फैसला अंतरराष्ट्रीय मुद्रा रहे अमरिकी डॉलर को लगा बडा झटका माना जाता है। इस के द्वारा रशिया उस पर प्रतिबंध लगानेवाले अमरिका के साथ आर्थिक स्तर पर जंग छिड चुका है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

पिछले साल भर में चीन, जापान, भारत, तुर्की जैसे देशों ने भी अमरिकी डॉलर में हुआ निवेश धीरे धीरे कम करना शुरु कर दिया है। चीन ने पिछले ही हफ्ते तीन अरब डॉलर्स के बॉण्ड्स बेचके धक्का दिया था। चीन द्वारा पिछले तीन महीनों से अमरिकी बॉण्ड्स की बिक्री शुरु है। यह बिक्री अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा शुरु किये गये कारोबारी जंग के खिलाफ ‘वॉर्निंग शॉट’ है, ऐसा कहा जाता है।

जापानने उसके पास रहा अमरिकी डॉलर का निवेश १.०२९ लाख करोड डॉलर तक नीचे लाया है। यह सन २०११ के बाद का नीचांक है। तुर्की द्वारा अपने विदेशी मुद्रा भांडार में अमरिकी डॉलर का निवेश ४२ प्रतिशत कम किया है। भारत द्वारा मार्च महीने के बाद सीधे पाचा महीनों में अमरिकी बॉण्ड्स की बिक्री शुरु है। अगस्त २०१८ के अंत में भारत के पास अमरिकी बॉण्ड्स का हिस्सा १४० अरब डॉलर्स है। मार्च महीने में यह प्रमाण १५७ अरब डॉलर्स था।

चीन, जापान, भारत और तुर्की के साथ रशिया ने भी उस के पास रहे अमरिकी बॉण्ड्स की बडी मात्रा में बिक्री की है। इस साल के शुरुआत को रशिया के पास करीब १०० अरब डॉलर्स के बॉण्ड्स थे। पर पिछले कुछ महीनों से बिक्री शुरु हुई है और अब यह हिस्सा शून्य तक लाने के प्रयास शुरु है। पिछले महीनें में रशिया द्वारा अमरिकी डॉलर में रहा निवेश १० अरब डॉलर तक नीचे लाया गया है, ऐसा बताया जा रहा है।

इस के साथ ही रशिया अपने विदेशी मुद्रा भांडार में सोने का हिस्सा बडी मात्रा में बढा रहा है। इस साल पहिले सात महीनों में रशिया द्वारा १३० टन से ज्यादा सोना खरीदा गया है। उसके बाद भी रशिया द्वारा सोने की खरीददारी शुरु है, लेकिन उसका निश्‍चित प्रमाण सामने नही आया है। पर रशिया द्वारा सोने का भांडार दो हजार टनों तक ले जाया गया है। विदेशी मुद्रा भांडार में सोने का हिस्सा रिकार्ड १८ प्रतिशत के उपर गया है।

अमरिकी डॉलर को खारिज करके सोने का निवेश बढाना, यह रशिया के अमरिका विरोधी नीति का प्रमुख हिस्सा है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने खुले में अमरिकी डॉलर को अंतरराष्ट्रीय कारोबार से बाहर निकलने की चेतावनी दी थी। उसके लिए रशिया सहयोगी देशों के साथ स्थानिक मुद्रा में लेनेदेन करने पर जोर देगा, ऐसे भी पुतिन ने कहा था। अमरिका द्वारा थोपे गये प्रतिबंधो को जवाब देने के लिए यह कोशिशें शुरु है। यह अमरिका के खिलाफ आर्थिक जंग का हिस्सा है, ऐसे संकेत रशियन नेता और अधिकारियों ने दिए है।

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