कैरो/त्रिपोली, दि.२२ – इजिप्त के राष्ट्राध्यक्ष ने लिबिया में लष्करी हस्तक्षेप के बारे में किया बयान यह युद्ध का ऐलान माना जायेगा, ऐसी चेतावनी लिबियन सरकार ने दी है। इजिप्त के राष्ट्राध्यक्ष अब्देल फताह अल-सिसी ने, इजिप्त के लष्कर को लिबिया की मुहिम के लिए सिद्ध रहने के आदेश दिये थे। लिबिया के ‘सिरते’ एवं ‘जुफ्रा’ का कब्ज़ा इजिप्त के लिए ‘रेड लाईन’ होकर, हमें लिबिया में लष्करी कार्रवाई करने के पूरे अधिकार हैं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष अल-सिसी ने जताया। इजिप्त की लिबिया मुहिम को सौदी अरेबिया तथा संयुक्त अरब अमिरात ने समर्थन दिया होकर, युरोपीय महासंघ ने तीव्र चिंता ज़ाहिर की है।
इस महीने के आरंभ में, लिबियन लष्कर ने राजधानी त्रिपोली में से बाग़ियों को खदेड़ देते हुए, तरहुन शहर पर भी कब्ज़ा किया था। संयुक्त राष्ट्रसंघ का समर्थन होनेवाले लिबियन सरकार ने प्राप्त की यह बहुत बड़ी विजय मानी जाती है। गत १४ महीनों से लिबिया की राजधानी त्रिपोली पर कब्ज़ा करने के लिए संघर्ष करनेवाले बाग़ी लष्करी नेता हफ्तार के लिए यह बहुत बड़ा झटका माना जाता है। तरहुन में प्राप्त हुई विजय निर्णायक होने का दावा करके, लिबियन सरकार तथा समर्थक लष्कर ने अन्य भागों पर आक्रमण करने के इरादें व्यक्त किये थे।
लेकिन लिबिया के पूर्वी तथा दक्षिणी ओर के ईंधनसंपन्न भाग पर अभी भी बाग़ी नेता हफ्तार का नियंत्रण है। हफ्तार का इस भाग पर का कब्ज़ा बरक़रार रहें इसलिए उन्हें समर्थन देनेवाले देश अब आगे आये हैं, ऐसा इजिप्त के राष्ट्राध्यक्ष अल-सिसी की चेतावनी से दिखायी दे रहा है।
‘लिबिया में कुछ लोग लष्करी ताक़त का इस्तेमाल करके बड़े क्षेत्र पर कब्ज़ा करने के इरादें बता रहे हैं। लेकिन हथियारों के बल पर वे पूर्वी अथवा पश्चिमी ऐसी किसी भी दिशा में बढ़ नहीं सकते, इसे वे अच्छी तरह ध्यान में रख़ें। संघर्ष रोकने के लिए जो कुछ प्रस्ताव सामने आया था, उसका सबने सम्मान करना ज़रूरी है। चर्चा करके लिबिया की समस्या का हल निकाला जा सकता है। लिबिया स्थित सिरते एवं जुफ्रा यह इजिप्त के लिए रेड लाईन है। उसके पार आने की कोशिश की, तो संघर्ष अटल है। उसके बाद यदि इजिप्त ने लिबिया में लष्करी हस्तक्षेप किया, तो उसे आंतर्राष्ट्रीय मान्यता है, ऐसा माना जायेगा’, इन शब्दों में इजिप्त के राष्ट्राध्यक्ष अल-सिसी ने लिबिया पर हमलें करने की धमकी दी।
लिबियन सीमा से सटकर होनेवाले इजिप्त के एक लष्करी अड्डे की भेंट के दौरान राष्ट्राध्यक्ष अल-सिसी ने यह धमकी दी। इस समय उन्होंने इजिप्त के लष्कर को, विदेश में मुहिम के लिए तैयार रहने के आदेश दिए। इजिप्त का लष्कर इस क्षेत्र का सबसे ताक़तवर लष्कर होने का दावा भी उन्होंने इस समय किया। इजिप्त की लिबिया में इस संभाव्य कार्रवाई को सौदी अरेबिया तथा संयुक्त अरब अमिरात ने समर्थन घोषित किया है। इजिप्त को अपनी सीमा सुरक्षित रखने का पूरा अधिकार है, ऐसा सौदी अरेबिया ने कहा है; वहीं, स्थिरता और सुरक्षा के लिए इजिप्त जो कुछ भी कार्रवाई करेगा, उसे अपना पूरा समर्थन होगा, ऐसा संयुक्त अरब अमिरात ने दिये निवेदन में कहा गया।
लिबिया में संयुक्त राष्ट्रसंघ, युरोपीय महासंघ तथा तुर्की का समर्थन होनेवाली सरकार से इसपर तीव्र प्रतिक्रिया आयी है। ‘इजिप्त के राष्ट्राध्यक्ष की कृति उक़साऊ और ठेंठ हस्तक्षेप करनेवाली है। लिबिया में किसी भी प्रकार की दख़लअन्दाज़ी यह उसकी संप्रभुता पर हमला है। इस कारण, इजिप्त के राष्ट्राध्यक्ष का बयान यानी युद्ध का ऐलान ही माना जायेगा’, ऐसी चेतावनी लिबियन सरकार ने दी।
लिबिया में संयुक्त राष्ट्रसंघ का समर्थन होनेवाली ‘गव्हर्मेंट ऑफ नॅशनल अकोर्ड’ सत्ता में है। लेकिन लिबिया के लष्करप्रमुख जनरल हफ्तार ने इस सरकार को चुनौती देकर लष्करी बग़ावत की थी। संयुक्त अरब अमिरात तथा इजिप्त इन देशों का समर्थन मिलें हफ्तार के पीछे रशिया ने भी अपनी ताक़त खडी की थी। उसके बलबूते पर हफ्तार ने, लिबियन लष्कर के एक बड़े गुट की सहायता से बड़े क्षेत्र पर कब्ज़ा करने में सफलता प्राप्त की थी। उसके बाद तुर्की तथा अन्य देशों की सहायता से लिबियन सरकार ने फिर से कुछ भाग पर कब्ज़ा कर लिया था। अब इजिप्त की चेतावनी के बाद, फिर एक बार लिबिया में रक्तरंजित संघर्ष भड़कने के संकेत मिल रहे हैं।
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