वॉशिंग्टन/बीजिंग – ‘साउथ चायना सी’ के मुद्दे पर अमरीका और चीन के बीच बने तनाव में और बढ़ोतरी होती दिखाई दे रही है। चीन की ‘पीपल्स लिब्रेशन आर्मी’ ने सारे ‘साउथ चायना सी’ पर चीन का ही मालिकाना हक होने के डींगे मारकर अपने युद्धपोत और लड़ाकू विमानों की तैनाती बढ़ाई है। उसी समय अमरीका ने भी ‘साउथ चायना सी’ में अपने विमानों की गतिविधियां बढ़ाई है और आग्नेय एशियाई देशों की सुरक्षा के लिए कदम उठाना शुरू किया है। इन गतिविधियों की वजह से साउथ चायना सी में अमरीका और चीन के बीच युद्ध होने की संभावना बढ़ने का दावा विश्लेषक कर रहे है।
बीते सप्ताह में चीन ने अपनी समुद्री यातायात से संबंधित नियमों में अहम बदलाव किए है। इसके अनुसार चीन के हैनान प्रांत से साऊथ चायना सी के पैरासेल आयलैण्ड तक का इलाका इसके आगे चीन का तटीय (कोस्टल) क्षेत्र जाना जाएगा। चीन ने वर्ष 1974 में पैरासेल आयलैण्ड पर कब्ज़ा करने के बाद इसका ज़िक्र चीन के समुद्री किनारे से कुछ दूरी तक का क्षेत्र (ऑफशोअर) के तौर पर किया था। ‘ऑफशोअर’ के बजाय अब बदलाव करके इसे ‘कोस्टल’ क्षेत्र कहकर चीन ने फिर एक बार साउथ चायना सी क्षेत्र पर अपना ही हक होने की बात दिखाने की कोशिश की है। इससे पहले, अप्रैल महीने के आरम्भ में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने साउथ चायना सी के क्षेत्र में स्थित करीबन 80 ठिकानों को चीनी नाम देकर यह ठिकाने अपने होने का दिखावा किया था।
साउथ चायना सी क्षेत्र में स्थानिय कानून लागू न करने के साथ चीन ने इस क्षेत्र में लष्करी तैनाती में बढ़ोतरी करना भी शुरू किया है। फिलिपाईन्स के करीबी मिसचिफ रिफ इस कृत्रिम द्विप पर चीन ने अपनी दो प्रगत विध्वंसक तैनात किए हैं। साथ ही ‘स्पार्टले’ आयलैण्ड के क्षेत्र में स्थित सुबी रिफ नामक कृत्रिम द्विपों पर ‘सुखोई-30 एमकेआय’ लड़ाकू विमानों की तैनाती करना शुरू किया होने का दावा किया गया है। इसी क्षेत्र में चीन ने अपने तटरक्षक बल के कुछ जहाज़ रवाना करने की बात भी कही जा रही है।
बीते दो दिनों में चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी के सदर्न, नॉर्दर्न एवं इस्टर्न कमांड ने लड़ाकू विमानों के साथ बॉम्बर्स, फ्युल टैंकर्स, गश्ती विमान एवं अर्ली वॉर्निंग एअरक्राफ्ट के साथ युद्धाभ्यास करने की जानकारी भी चीन के सरकारी ‘पीपल्स डेली’ इस सरकारी दैनिक ने साझा की है।
चीन की ऐसी आक्रामक गतिविधियां जारी हैं तभी अमरीका ने भी तेज़ कदम उठाना सुरू किया है। साउथ चायना सी क्षेत्र में अमरिका के गश्ती एवं लड़ाकू विमानों के साथ ड्रोन्स के उड़ान भरने की मात्रा बढ़ने की बात भी सामने आ चुकी है। सिर्फ जुलाई महीने में ही अमरीका के विमानों ने साउथ चायना सी में 70 बार अपनी मुहीम चलाने की जानकारी चीन के अभ्यासगुट ने सामने रखी है। तैवान की हवाई सीमा में भी अमरिकी विमान हर दिन कम से कम दो-तीन बार उड़ान भरते हैं, यह दावा भी चीन के इस अभ्यासगुट ने किया है।
उसी समय अमरीका ने साउथ चायना सी का हिस्सा होनेवाले आग्नेय एशियाई देशों से भी चर्चा करना शुरू किया है। अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने सोमवार के दिन सिंगापुर एवं इंडोनेशिया के विदेशमंत्री के साथ फोन पर चर्चा करने की जानकारी विदेश विभाग ने प्रदान की है। इस चर्चा में चीन की गतिविधियों पर आलोचना करने के साथ ही चीन से बने खतरों के विरोध में आग्नेय एशियाई देशों की सुरक्षा के लिए अमरीका हर तरह की सहायता प्रदान करेगी, यह वादा भी अमरिकी विदेशमंत्री ने किया है। चीन की हुकूमत ने इन देशों पर दबाव बनाया है, ऐसे दावे सामने आ रहे थे इसलिए अमरिकी विदेशमंत्री ने की हुई यह चर्चा अहमियत रखती है।
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