वॉशिंग्टन/हाँगकाँग – अमरीका ने हाँगकाँग के प्रशासन प्रमुख कैरी लैम समेत 11 लोगों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। हाँगकाँग की जनता की आज़ादी को कुचल रहे नेता एवं अधिकारियों पर अमरीका कार्रवाई करेगी, यह भूमिका राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कसकर अपनाई है और इसके अनुसार यह कार्रवाई करने की जानकारी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने साझा की। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने बीते महीने में हाँगकाँग का ‘स्पेशल स्टेटस’ रद करनेवाले आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद हाँगकाँग को चीन का ही हिस्सा समझा जाएगा, यह कहकर हाँगकाँग समेत चीन के अधिकारी एवं नेताओं पर प्रतिबंध लगाने को मंजूरी देनेवाले कानून को भी ट्रम्प ने स्वीकृति दी थी।
शुक्रवार के दिन अमरिकी विदेशमंत्री पोम्पिओ ने घोषित किए हुए प्रतिबंध बीते महीने में पारित हुए ‘हाँगकाँग ऑटोनॉमी ऐक्ट’ का हिस्सा हैं। हाँगकाँग के प्रशासकीय प्रमुख कैरी लैम समेत हाँगकाँग के पुलिस प्रमुख क्रिस तांग पिंग-केउंग एवं चीन के हाँगकाँग स्थित दफ़्तर के प्रमुख लुओ हुईनिंग के साथ कुल 11 लोगों को लक्ष्य किया है। इन सभी लोगों की अमरीका में मौजूद संपत्ति ज़ब्त की गई है। चीन की हुकूमत ने हाँगकाँग की जनता और ब्रिटेन की स्वायत्ता का वचन दिया था। लेकिन, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अब हाँगकाँग को दिए हुए इस वचन का पालन नहीं करेगी, यह बात अब स्पष्ट हुई है। इस कारण आगे से अब अमरीका भी हाँगकाँग को एक देश, एक व्यवस्था के अनुसार चीन का ही अंग समझेगी और हाँगकाँग की जनता की आज़ादी कुचल रहे लोगों पर कार्रवाई करेगी, यह भूमिका राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपनाई है, इन शब्दों में विदेशमंत्री पोम्पिओ ने इन प्रतिबंधों की जानकारी साझा की।
अमरीका ने लगाए प्रतिबंधों के विरोध में चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। हाँगकाँग को प्यादा बनाकर अमरीका बेशरमी से चीन के अंदरुनि कारोबार में दखलअंदाज़ी कर रही है, ऐसी आलोचना हाँगकाँग के प्रशासन ने की है। प्रतिबंध लगाकर चीन को समझौता करने के लिए मज़बूर करना संभव होगा, ऐसा विचार यदि अमरीका रखती है तो उन्होंने गलत कार्रवाई की है, इन शब्दों में हाँगकाँग में स्थित चीन लायजन ऑफिस के प्रमुख लुओ ने अमरीका को फटकार लगाई है।
बीते महीने से हाँगकाँग के लिए तैयार किए ‘नैशनल सिक्युरिटी लॉ’ का अमल शुरू हुआ है। इस कानून के अनुसार चीन के विरोध में होनेवाला कोई भी कृत्य गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी करार दिया गया है और ऐसा कृत्य करनेवालों को उम्रकैद की सजा देने का प्रावधान भी है। इस कानून के तहत गिरफ़्तारी होने पर हाँगकाँग के नागरिकों के लिए कोई भी स्थानीय कानून लागू नहीं होगा। नए कानुन के तहत दाखिल होनेवाले मामलों के मुकदमे की कार्रवाई खुफिया पद्धती से चलाने की अनुमति भी संबंधित यंत्रणाओं को प्रदान की गई है। चीन ने थोपे गए इस नए कानून के विरोध में हाँगकाँग के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ रही थी।
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