बैंकॉक – थायलैंड की सरकार ने चीन की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट ऐण्ड रोड़ इनिशिएटिव’ (बीआरआय) का हिस्से वाले ३० अरब डॉलर्स का ‘क्रा कैनल प्रोजेक्ट’ रद करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही थायलैंड ने चीन से दो पनडुब्बियां खरीदने का समझौता भी फिलहाल स्थगित करने का ऐलान किया है। थायलैंड के यह निर्णय चीन को आर्थिक एवं रणनीतिक स्तर पर बड़ा झटका समझा जा रहा है। कुछ दिन पहले ही म्यानमार ने ‘चायना म्यानमार इकॉनॉमिक कॉरिडोर’ (सीएमईसी) के कई प्रकल्पों से पीछे हटने का निर्णय लिया था। इसके बाद फिलिपाईन्स के विदेशमंत्री ने भी चीनी कंपनियों के साथ किए समझौते रद करने के संकेत दिए थे।
‘क्रा कैनल प्रोजेक्ट’ सीर्फ आर्थिक ही नहीं बल्कि रणनीतिक नज़रिए से भी चीन के लिए काफी अहम होने की बात समझी जा रही थी। चीन का अधिकांश व्यापार अभी भी समुद्री यातायात पर निर्भर है और इसके लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के हिस्से वाली मलाक्का की खाड़ी मुख्य आधार है। इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर तीनों देशों का समुद्री हिस्सा होनेवाला यह खाड़ी क्षेत्र हिंद महासागर और पैसिफिक महासागर को जोड़नेवाला अहम मार्ग है। चीन के लिए काफी अहम समझा जा रहा यह मार्ग रोकने की क्षमता अमरीका और भारत रखता है। भारत की नियंत्रण रेखा पर उकसानेवाली चीन की जारी हरकतों के बीच मलाक्का की खाड़ी में युद्धपोत तैनात करके भारत ने चीन को इशारा दिया था।
इसी कारण इस मार्ग के लिए विकल्प साबित होनेवाले थायलैंड में चीन ने करीबन ३० अरब डॉलर्स लागत के ‘क्रा कैनल प्रोजेक्ट’ निर्माण करने का निर्णय लिया था। १२० किलोमीटर लंबे इस कैनल की वजह से चीन के जहाज़ों को मलाक्का की खाड़ी से ७०० मील दूरी का सफर बचता था ऐसा कहा जा रहा है। उसी समय चीन के युद्धपोतों को साउथ चायना सी से सीधे हिंद महासागर में प्रवेश करने का मार्ग भी उपलब्ध था। थायलैंड का यह प्रस्तावित चीन का ‘क्रा कैनल प्रोजेक्ट’ बीते दो शतकों में समुद्री यातायात के लिए काफी अहम मार्ग साबित हुए सुएझ और पनामा कैनल के बराबरी का होने की बात समझी जा रही थी।
इसी लिए चीन ने थायलैंड में जोरदार लॉबिंग भी की थी। लेकिन, विपक्ष और स्थानीय जनता से हो रहे प्रचंड़ विरोध की पृष्ठभूमि पर थायलैंड की सरकार यह प्रकल्प रद करने के लिए मज़बूर हो गई। यह प्रकल्प रद करने के साथ ही चीन से पनडुब्बियों की खरीद करने का निर्णय भी थायलैंड ने स्थगित किया है। एक ही साथ लगे यह दो झटके चीन के प्रभाव क्षेत्र को लगा हुआ बड़ा झटका साबित होता है। मलेशिया, म्यानमार और साथ ही थायलैंड ने चीन को स्पष्ट इंकार करना यानी आग्नेय एशिया में चीन का प्रभाव ख़त्म होने के संकेत हैं, यह दावा विश्लेषक कर रहे हैं।
मलेशिया ने बीते वर्ष चीन के ‘बीआरआय’ परियोजना का हिस्सा होनवाले अरबों डॉलर्स के प्रकल्प रद किए थे। इसके बाद म्यानमार और थायलैंड ने किए निर्णयों से चीन के रणनीतिक इरादे चकनादूर होते दिखाई दे रहे हैं। थायलैंड द्वारा रद किया गया ‘क्रा कैनल प्रोजेक्ट’ चीन का आसियन देशों में सबसे बडा निवेश जाना जाता था।
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