तैपेई/बीजिंग – अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी केथ क्रैक का दौरा, नए हथियारों का प्रस्ताव और अमरीकी संसद में तैवान के समर्थन में पेश किए गए विधेयक की वजह से चीन की हुकूमत बड़ी बौखलाई होने की बात सामने आयी है। अमरीकी अधिकारियों का दौरा शुरू था तभी चीन के ३७ लड़ाकू विमानों ने तैवान की हवाई सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश करने की बात स्पष्ट हुई है। इसके साथ ही चीन ने तैवान की समुद्री क्षेत्र के करीब नए युद्धाभ्यास की शुरूआत की है और यह युद्धाभ्यास यानी तैवान पर कब्ज़ा करने की रिहर्सल होने की धमकी चीनी माध्यमों ने दी है। चीन की इन गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय जनतांत्रिक तैवान की सुरक्षा के लिए एक होकर सहायता करें, यह निवेदन तैवान के विदेशमंत्री जोसेफ वु ने किया है।
गुरूवार के दिन अमरीकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी केथ क्रैक और शिष्टमंडल तीन दिनों के दौरे के लिए दाखिल हुए थे। शुक्रवार के दिन क्रैक के साथ अमरीकी शिष्टमंडल ने तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग वेन से भेंट की। इसके अलावा अमरीकी शिष्टमंडल ने तैवान के विदेशमंत्री, प्रधानमंत्री एवं अर्थ और व्यापार विभाग के अधिकारियों से भेंट करके द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। शनिवार के दिन तैवान में पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ली तेंग हुई की स्मृति में आयोजित किए गए कार्यक्रम में भी अमरीकी शिष्टमंडल उपस्थित था। मात्र एक महीने में अपने दो वरिष्ठ अधिकारियों को तैवान यात्रा पर रवाना करके अमरीका ने तैवान के साथ संबंध और मज़बूत करने के संकेत दिए हैं।
अमरीका और तैवान की बढ़ती नज़दिकीयों से चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत को बड़ी मिर्च लगी है। चीन ने बीते दो दिनों में की हुई हरकतें चीन की हुकूमत की हुई बौखलाहट दिखानेवाली साबित हो रही है। शुक्रवार और शनिवार को लगातार दोनों दिन चीन के लड़ाकू विमानों ने तैवान की हवाई सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश करके दबाव बढ़ाने की कोशिश की। शुक्रवार के दिन १८ और शनिवार के दिन १९ लड़ाकू विमानों ने तैवान की सीमा पर उड़ान भरा, ऐसी जानकारी तैवान के रक्षा मंत्रालय ने साझा की। लगातार दो दिन इतनी तादाद में घुसपैठ करने की कोशिश करने का यह पहला अवसर है। इस घुसपैठ के साथ ही चीन के रक्षाबल ने तैवान के समुद्री क्षेत्र के करीब नए युद्धाभ्यास शुरू करने की बात भी सामने आयी है। इस युद्धाभ्यास में युद्धपोत, विध्वंसक, लड़ाकू एवं बॉम्बर्स, पनडुब्बियां और हेलिकॉप्टर्स भी शामिल हुए हैं।
चीन के इस युद्धाभ्यास को तैवान और तैवान की सहायता करनेवाले कम ना समझें, यह युद्धाभ्यास यानी तैवान पर कब्ज़ा करने की रिहर्सल है, ऐसी धमकी चीनी माध्यमों ने दी है। चीन के रक्षा विभाग ने भी इस युद्धाभ्यास का समर्थन करते समय अमरीका और तैवान को धमकाया है। तैवान का इस्तेमाल करके चीन पर नियंत्रण बनाने का विचार कर रहे या विदेश शक्तियों की सहायता सामर्थ्य बढ़ाने की योजना करनेवाले अपनी कल्पनाओं का खेल कर रहे हैं। जो भी कोई आग से खेलने की सोच में है वह भी इसमें जलेगा, यह बात ठीक से ध्यान में रखें, ऐसी धमकी चीन के रक्षा विभाग के प्रवक्ता रेन गुओकीआंग ने दी है।
चीन के विमानों की तैवान की सीमा में होनेवाली घुसपैठ और युद्धाभ्यास पर अमरीका ने कड़ी आपत्ति दर्ज़ की है। अमरीका ने आदरांजली अर्पित करने के लिए शिष्टमंडल को रवाना किया होते हुए चीन ने लष्करी ताकत पर दबाव बनाने की कोशिश की, ऐसी आलोचना अमरीकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने की। चीन ने बीते महीने से तैवान की सीमा के करीब एक के बाद एक युद्धाभ्यास करना जारी रखा है और यह तैवान के साथ अमरीका के विरोध में दबाव बढ़ाने की नीति होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं।
इसी बीच, अमरीका के साथ ही जापान ने भी तैवान के साथ सहयोग बढ़ाने के संकेत दिए हैं। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री योशिरो मोरी ने शनिवार के दिन शिष्टमंडल के साथ तैवान की भेंट की। इस दौरान उन्होंने तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग वेन से बातचीत करने की जानकारी सूत्रों ने साझा की। साथ ही जापान के नए रक्षामंत्री के तौर पर नोबुआ किशी की हुई नियुक्ती चीन के लिए नया सिरदर्द साबित होने के संकेत प्राप्त हुए हैं। किशी, पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो एबे के छोटे भाई हैं और बीते कई वर्षों से जापान-तैवान सहयोग के लिए ‘कॉन्टैक्ट मैन’ के तौर पर सक्रिय थे। उन्होंने कुछ महीनें पहले तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग वेन से भेंट की थी, यह भी कहा जा रहा है। किशी की नियुक्ती के बाद जापान के नए प्रधानमंत्री योशीहीदे सुगा तैवान की राष्ट्राध्यक्षा के साथ फोन पर बातचीत करेंगे, यह समाचार भी प्रसिद्ध हुआ है।
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