वॉशिंग्टन – अमरीका के ‘स्नैपबैक’ प्रतिबंधों से इन्कार करने के बाद यूरोपिय देशों ने ईरान के खिलाफ़ कार्रवाई करने के लिए एक उंगली भी उठाई नहीं है, ऐसे सख्त शब्दों में अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने यूरोपिय देशों को फटकार लगाई है। अमरीका ने शनिवार को ईरान के खिलाफ़ प्रतिबंधों का ऐलान किया और यूरोपिय देशों ने अमरीका की यह कार्रवाई ठुकराई है। इसके खिलाफ़ अमरीका ने अधिक आक्रामक भूमिका अपनाई है और प्रतिबंधों का पालन ना करनेवाले देशों पर भी कार्रवाई करने की धमकी दी है। इसके आगे ईरान के मुद्दे पर अमरीका और यूरोप के बीच नया तनाव निर्माण होने के संकेत भी इसके साथ प्राप्त हो रहे हैं।
वर्ष २०१८ में ईरान के साथ किए गए परमाणु समझौते से पीछे हटने के बाद अमरीका ने ईरान पर राजनयिक, आर्थिक और लष्करी दबाव बढ़ाना शुरू किया है। शनिवार को ईरान पर ‘स्नैपबैक’ प्रतिबंध लगाने का ऐलान अमरीका ने किया था। अमरीका ने ईरान पर पूरे के पूरे सभी प्रतिबंध लगाए हैं और संयुक्त राष्ट्रसंघ के सभी स्थायी सदस्य देश इन प्रतिबंधों का पालन करें, यह आवाहन भी अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने किया था। इसमें ईरान पर हथियारों से संबंधित प्रतिबंधों का भी समावेश है। ईरान पर लगाए गए अमरीका के इन प्रतिबंधों का रशिया और चीन ने पहले भी विरोध किया है और ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने भी आपत्ति जताई है।
लेकिन, यह आपत्ति ठुकराकर अमरीका ने प्रतिबंधों को लेकर और भी सख्त भूमिका अपनाई है। अमरीका ने लगाए प्रतिबंधों का संयुक्त राष्ट्रसंगठन के सभी सदस्य देशों ने पालन किए जाने की उम्मीद है। यदि कोई देश इसमें नाकाम होता है तो उसे भी अमरीका की कार्रवाई का मुकाबला करना पडेगा, यह इशारा भी अमरीका ने दिया। इन प्रतिबंधों में ईरान पर हथियारों की बिक्री करने के लिए लगाई गई पाबंदी का भी समावेश है। इस मुद्दे पर अमरीका ने यूरोपिय देशों को कड़े सवाल किए हैं।
यूरोपिय देश निजी स्तर पर ईरान को हथियारों की बिक्री पर पाबंदी लगाने की आवश्यकता व्यक्त करते हैं। लेकिन, इस दिशा पर कार्रवाई करने के लिए एक उंगली भी नहीं उठाते। ईरान को जिन हथियारों की बिक्री होगी वही हथियार बाद में हिज़बुल्लाह जैसे गुट के हाथ में जाएंगे, इस बात का अहसास रखे, ऐसे कड़े शब्दों में अमरिकी विदेशमंत्री पोम्पिओ ने यूरोपिय देशों की नरम भूमिका पर कडा प्रहार किया। यूरोपिय देशों पर सीधे आरोप लगाके अमरीका ने ईरान के मुद्दे पर अपनी नीति अधिक आक्रामक करने के स्पष्ट संकेत दिए हैं। अमरीका की इस भूमिका की वजह से ईरान मुद्दे पर अमरीका और यूरोप में फिरसे तनाव निर्माण होने की संभावना है।
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