येरेवान/बाकु – आर्मेनिया ने दो अंतरराष्ट्रीय ईंधन पाईप लाईन के क्षेत्र में क्लस्टर रॉकेट के जोरदार हमले करने का आरोप अज़रबैजान ने किया है। आर्मेनिया ने र्इंधन पाइपलाईन को लेकर किए गए यह आरोप ठुकराए है, फिर भी अज़रबैजान की सेना के ईंधन भंड़ार तबाह करने का दावा किया है। इस बयान के कारण दोनों देशों में जारी युद्ध अधिक तीव्र होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही विश्व स्तर पर जारी गतिविधियां भी तेज़ हुई हैं और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने युद्धविराम करने की आवश्यकता स्पष्ट की है। गुरूवार के दिन जेनीवा में एक बैठक होने की बात सामने आ रही है और इस बैठक के लिए अज़रबैजान के विदेशमंत्री शामिल होंगे, यह भी कहा जा रहा है। तभी ईरान ने भी राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्ध बंद नहीं हुआ तो इससे क्षेत्रिय युद्ध भड़क सकता है, यह इशारा भी दिया है।
लगातार १२ दिनों से आर्मेनिया-अज़रबैजान का युद्ध हो रहा है और इसकी तीव्रता प्रति दिन अधिक बढ़ने की बात सामने आ रही है। आर्मेनिया ने अज़रबैजान के ईंधन क्षेत्र पर हमले करने की बात कही जा रही हैं। अज़रबैजान में बाकु-तब्लिसी-सिहन और साउथ कॉकेशस गैस पाईपलाईन यह दो अंतरराष्ट्रीय र्इंधन पाईपलाईन मौजूद हैं। यह दोनों पाईपलाईन नागोर्नो-कैराबख प्रांत की सीमा के करीब स्थित हैं और इस क्षेत्र में क्लस्टर रॉकेट के हमले होने का दावा अज़रबैजान ने किया। कुछ बम बाकु-तब्लिसी-सिहन ईंधन पाईप लाईन से १ मीटर दूरी पर गिरने का दावा अज़रबैजान ने किया है।
आर्मेनिया ने ईंधन क्षेत्र पर हमले करने के आरोप ठुकराए हैं। लेकिन, साथ ही अज़रबैजान में स्थित लष्करी ईंधन भंड़ारों पर हमले करने की जानकारी साझा की है। कैराबख की दक्षिणी सीमा के करीब स्थित ऑईल डेपो पर हमले करने की जानकारी आर्मेनिया के प्रवक्ता ने साझा की। इसके आगे भी अज़रबैजान में मौजूद सामरिक नज़रिये से अहम ठिकानों पर हमले जारी रहेंगे, यह इशारा दिया गया है। ईंधन क्षेत्र और भंड़ारों पर हुए हमलों की वजह से अब अंतरराष्ट्रीय र्इंधन बाजार में भी युद्ध की गूँज सुनाई दे सकती है, यह समझा जा रहा है।
इसी बीच आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्ध तीव्र हो रहा है तभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्धविराम करने के लिए हो रही गतिविधियां भी तेज हुई हैं। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने एक साक्षात्कार में युद्धविराम आवश्यक होने का निवेदन किया है। साथ ही कहा है कि, यह युद्ध एक दु:खद घटना है और इस पर रशिया को बड़ी चिंता है। इसके अलावा, रशिया ने पहले भी समझौते का पालन किया है और आगे भी इसके लिए वचनबद्ध है, इन शब्दों में आर्मेनिया की सुरक्षा के लिए रशिया तैयार है, यह वादा किया।
पुतिन के इस बयान की पृष्ठभूमि पर जेनीवा शहर में आर्मेनिया-अज़रबैजान मुद्दे पर बैठक शुरू हुई है। रशिया की पहल से शुरू हुई इस बैठक में अज़रबैजान के विदेशमंत्री शामिल होने की बात कही जा रही है। लेकिन, आर्मेनिया ने इस बैठक में शामिल होने से इन्कार किया है। तुर्की ने भी इस पर आलोचना की है और नागोर्नो-कैराबख की स्थिति में बदलाव लाने की आवश्यकता है, इन शब्दों में संकेत दिए हैं कि यह युद्ध जारी रहेगा।
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