विषाणुओं के साए से घिरी हुई चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की वजह से विश्‍व खतरों से घिरा है – अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री पोम्पिओ का आरोप

विषाणुओं के साए से घिरी हुई चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की वजह से विश्‍व खतरों से घिरा है – अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री पोम्पिओ का आरोप

वॉशिंग्टन/बीजिंग – ‘चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत विषाणुओं के साए से घिरी हुई है। चीन के वैज्ञानिकों ने बीते दशक से कुल दो हज़ार नए विषाणुओं की खोज़ की है। विश्‍व के अन्य देशों को इतनी बड़ी संख्या में विषाणुओं की खोज़ करने के लिए २०० वर्षों का लंबा समय लगा था। चीन के वैज्ञानिक विषाणुओं का खोज़ कर रहे हैं, लेकिन, हुकूमत इनकी सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रही है और इस वजह से पूरा विश्‍व खतरों से घिर गया है’, यह आरोप अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने किया।

चीनी कम्युनिस्ट हुकूमत

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना की महामारी की जड़ें चीन में ही होने के आरोप करके चीन को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, यह इशारा लगातार दिया था। ट्रम्प प्रशासन के अन्य प्रमुख नेता और अफसरों ने भी कोरोना वायरस का फैलाव चीन से ही होने की बात कहकर इससे संबंधित जानकारी अमरीका के हाथों में होने के दावे किए थे। बीते महीने में ही ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायज़ेशन’ (डब्ल्यूएचओ) का दल चीन में जाँच के लिए पहुँचा था और तभी अमरीका ने कोरोना के संक्रमण से संबंधित अहम जानकारी सार्वजनिक की थी।

‘चीन के वुहान इन्स्टिट्युट ऑफ वायरॉलॉजी’ के ताल्लुकात चीनी सेना से हैं। वर्ष २०१९ में इस लैब के वैज्ञानिक चमगादड़ों से संबंधित कोरोना वायरस पर प्रयोग कर रहे थे। यह वायरस जनुकिय स्तर पर फिलहाल संक्रमित हुए कोरोना वायरस के साथ ९६ प्रतिशत से अधिक मात्रा में मेल खाता है। वुहान लैब के कुछ वैज्ञानिक भी वर्ष २०१९ में बीमार हुए थे और उनके शरीर में मौजूदा स्थिति में पाए जा रहे कोरोना संक्रमितों की तरह ही आसार दिखाई दिए थे’, इस बात की अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने पोल खोली थी।

अमरीका में सरकार में बदलाव होने के बाद राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और उनके प्रशासन ने इस मुद्दे पर ज्यादा ध्यान देनेवाली भूमिका अपनाई नहीं है। ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायज़ेशन’ ने कोरोना के मुद्दे पर चीन को खुला छोड़ने के बाद भी बायडेन ने नाराज़गी व्यक्त करने के अलावा कोई भी संकेत नहीं दिया है। इस पृष्ठभूमि पर पूर्व विदेशमंत्री पोम्पिओ ने कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर फिर एक बार चीन पर लगाए आरोप ध्यान आकर्षित करनेवाले साबित होते हैं। पोम्पिओ ने चीन पर लगाए इन आरोपों में वुहान इन्स्टिट्युट ऑफ वायरॉलॉजी के पूर्व संचालक युआन झिमिंग ने लिखे लेख का भी दाखिला दिया है।

‘चीन में कई जैविक लैब्स का निर्माण हो रहा है। इन लैब्स में जैविक सुरक्षा का व्यवस्थापन करने के लिए तुरंत प्रावधान करने की आवश्‍यकता है। इन लैब्स में शुरू विषाणुओं से संबंधित अनुसंधान से कोई बड़ी आपत्ति निर्माण हो सकती है’, यह बात झिमिंग ने वर्ष २०१९ में लिखे अपने लेख में कही थी। ब्रिटेन के एक विशेषज्ञ एंड्रिअस फुल्दा ने भी चीन के लैब्स से विषाणु बाहर निकलना कुछ दुर्लभ बात ना होने का इशारा दिया था। वर्ष २००४ में सार्स का विषाणु चीन के लैब से ही फैला था, इस ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री ने चीन की शासक हुकूमत द्वारा विषाणुओं की खोज़ करने के लिए हो रही कोशिशें और साथ ही जैवसुरक्षा को लेकर दिखाई जा रही निष्क्रियता की किमत विश्‍व को चुकानी पड़ रही है, यह आरोप लगाया। इसके आगे भी यह जारी ना रहे, यह इशारा भी उन्होंने इस बार दिया है।

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