वॉशिंग्टन – अमरीका और चीन एवं रशिया जैसें शत्रु देशों के बीच जल्द ही सायबर युद्ध भड़कने की संभावना होने की चेतावनी, अमरीका में स्थित सायबर सुरक्षा क्षेत्र की अग्रीम कंपनी ‘फायर आय’ के प्रमुख ने दी है। इस युद्ध से अमरीका के आम नागरिकों को जोरदार झटका लगेगा, यह इशारा ‘फायर आय’ के प्रमुख केविन मैन्डिया ने दिया हैं। रशियन हैकर्स ने बीते वर्ष अमरीका के ‘न्युक्लिअर नेटवर्क्स’ के साथ अहम सरकारी विभागों पर सायबर हमलें किए थे। ‘फायर आय’ ने इन हमलों की जानकारी पहली बार सामने लायी थी। इस वजह से इस कंपनी के प्रमुख ने सायबर युद्ध को लेकर दी चेतावनी अहम साबित होती है।
‘करीबी दिनों में सायबर क्षेत्र में खुलेआम युद्ध भड़क सकता हैं। इच्छा हो या ना हो, अमरीका के नागरिक भी इस युद्ध में खींचे जाएंगे। ऐप्स और रोज़ाना इस्तेमाल हो रहें उपकरण एवं यंत्रणा काम नहीं कर सकेगी। आम नागरिकों को इस विषय की ज्यादा जानकारी नहीं है। कंप्युटर्स के काम ना करने से, यकायक कई सेवाओं की आपूर्ति करनेवाली यंत्रणाओं का काम ठप होगा’, इन शब्दों में ‘फायर आय’ के प्रमुख केविन मैन्डिया ने, नए सायबर युद्ध में अमरीका की आम जनता को भी नुकसान पहुँचेगा, यह चेतावनी दी।
सायबर क्षेत्र के हमलों के लिए और प्रतिहमलों के लिए कोई भी नियम या निकष ना होने के कारण, एक के बाद एक लगातार चौकानेवाले हमलें होते रहेंगे, ऐसी चेतावनी ‘फायर आय’ के प्रमुख ने दी। ‘सायबर हमलें या इस क्षेत्र में घातपात से संबंधित नियमों को मंज़ुरी प्राप्त होगी, ऐसी संभावना काफी कम है। क्योंकि यह क्षेत्र असमान युद्ध तकनीक का हिस्सा है। मौजूदा समय में लड़ाकू विमान या टैंकों का इस्तेमाल करके कई देश अमरीका को परास्त नहीं कर सकते। लेकिन, सायबर क्षेत्र में निवेश करके यह देश शायद अमरीका को शिकस्त दे सकते हैं। यदि किसी देश की यंत्रणा हैक करना संभव है, तो इसका मतलब उस देश पर सायबर हमला हो सकता है’, इन शब्दों में मैन्डिया ने सायबर युद्ध का अहसास कराया।
सूचना एवं तकनीक क्षेत्र की अग्रीम अमरिकी कंपनियां ‘मायक्रोसॉफ्ट’, ‘सोलरविंडस्’ और ‘फायर आय’ पर पीछले वर्ष बड़ा सायबर हमला हुआ था। ‘मायक्रोसॉफ्ट’ के प्रमुख ने यह अमरीका के इतिहास का सबसे बड़ा सायबर हमला होने की आशंका जताई थी। ‘फायर आय’ कंपनी, अमरीका में कई सरकारी विभागों में सायबर सुरक्षा और कंप्युटर नेटवर्क से संबंधित परियोजनाओं में शामिल है। इन विभागों में ‘सोलरविंडस्’ कंपनी के सॉफ्टवेअर का भी बड़ी मात्रा में इस्तेमाल होता हैं। ऐसें हमलों का बड़ा झटका अमरीका के अर्थ, व्यापार और ऊर्जा विभाग को लगने की बात दिखाई पड़ी थी।
अमरीका की ‘सायबरसिक्युरिटी ॲण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्युरिटी एजन्सी’ (सीआयएसए) समेत ‘होमलैण्ड सिक्युरिटी’, ‘एफबीआय’ और ‘नैशनल सिक्युरिटी एजन्सी’ जैसीं प्रमुख यंत्रणाओं ने, इन हमलों के पीछे रशिया का हाथ होने की बात कही थी। अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने भी, इन हमलों के पीछे रशिया का हाथ होने की बात स्पष्ट तौर पर कबुल की थी। इस पृष्ठभूमि पर ‘फायर आय’ के प्रमुख ने सीधे सायबर युद्ध को लेकर दिया इशारा ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित होता है।
अमरीका के नामांकित आर्थिक विशेषज्ञ नुरिअल रुबिनी ने बीते वर्ष जल्द ही पहले वैश्विक सायबर युद्ध का भड़का उड़ने का इशारा दिया था। अमरीका ने रशिया, चीन, ईरान और उत्तरकोरिया पर प्रतिबंध लगाए हैं और ये देश पारंपरिक संघर्ष में अमरीका को प्रत्युत्तर देने के लिए सक्षम नहीं हैं। इस वजह से वे अमरीका को रोकने के लिए अपारंपरिक युद्धतकनीक का इस्तेमाल करेंगे, यह इशारा रुबिनी ने दिया था।
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