अमरिकी विदेश विभाग पर रशिया का सायबर हमला होने की बात स्पष्ट – अमरिकी अफ़सरों का आरोप

अमरिकी विदेश विभाग पर रशिया का सायबर हमला होने की बात स्पष्ट – अमरिकी अफ़सरों का आरोप

वॉशिंग्टन/मास्को – अमरिकी विदेश विभाग पर रशिया ने सायबर हमला करने की बात स्पष्ट हुई हैं। इस हमले में रशियन हैकर्स ने विदेश विभाग के अफ़सरों के हज़ारों ई-मेल्स की जानकारी की चोरी करने की बात कही जा रही हैं। बीते वर्ष के दिसंबर महीने में अमरीका की ‘फायर आय’ और ‘सोलरविंडस्‌’ नामक सूचना एवं तकनीक क्षेत्र की कंपनियों पर बड़ा सायबर हमला किया गया था। रशिया ने किए इस हमले में अमरीका के ‘न्युक्लिअर वेपन्स नेटवर्क’ समेत अर्थ, ऊर्जा और व्यापार विभाग के कम्प्युटर सिस्टिम्स को लक्ष्य किए जाने क बात सामने आयी थी। लेकिन, विदेश विभाग पर हुआ हमला इसी हमले का हिस्सा है या नही, इसकी जानकारी अमरिकी यंत्रणाओं ने अभी सार्वजनिक नही की हैं।

मंगलवार के दिन अमरीका के कुछ माध्यमों ने रशिया के सायबर हमले का वृत्त प्रसिद्ध किया। इस वृत्त में बायडेन प्रशासन एवं संसद के सूत्रों के दाखिले से यह जानकारी देने का दावा किया गया हैं। रशियन हैकर्स ने किए सायबर हमले में विदेश विभाग के ‘ब्युरो ऑफ यूरोपियन ॲण्ड यूरेशियन अफेअर्स’ एवं ‘ब्युरो ऑफ इस्ट एशियन ॲण्ड पैसिफिक अफेअर्स’ के ई-मेल्स को लक्ष्य किया गया। विदेश विभाग एवं व्हाईट हाऊस ने इन हमलों पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज़ की हैं लेकिन, फिर भी पुख्ता जानकारी साझा नही की हैं।

हम सायबर हमलों का मुद्दा गंभीरता से संभाल रहे हैं, ऐसा विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा हैं। ऐसें में किसी विभाग पर हुए सायबर हमलों के बारे में व्हाईट हाऊस निवेदन जारी नही करेगा, ऐसा बयान राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार ऐन न्यूबर्गर ने किया। बीते दशक से रशिया ने अमरीका के विदेश विभाग पर सायबर हमला करने की यह दुसरीं घटना हैं। इससे पहले वर्ष २०१४ में रशियन हैकर्स ने अमरीका के विदेश विभाग पर सायबर हमला करने की बात स्पष्ट हुई थी।

बीते वर्ष अमरीका की निजी कंपनियाँ और सरकारी विभागों पर हुए सायबर हमलों के पीछे रशिया का ही हाथ होने की बात स्पष्ट हुई थी। अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने इस हमले के पीछे रशिया का हाथ होने की बात स्पष्ट शब्दों में स्वीकारी थी। अमरीका की ‘सायबर सिक्युरिटी ॲण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्युरिटी एजन्सी’ (सीआयएसए) समेत ‘होमलैण्ड सिक्युरिटी’, ‘एफबीआय’ और ‘नैशनल सिक्युरिटी एजन्सी’ इन प्रमुख यंत्रणाओं ने हमले के पीछे रशिया ही होने की रपट पेश की थी। इस रपट में हमले का दायरा अभी पुरी तरह से स्पष्ट ना होने का इशारा दिया था।

इसके बाद जनवरी महीने में राष्ट्राध्यक्ष पद का भार संभालने के बाद ज्यो बायडेन ने प्रशासन को प्रत्युत्तर देने की योजना पेश करने के निर्देश दिए थे। रशिया के इस हमले को प्रत्युत्तर देने की तैयारी अमरिकी प्रशासन ने जुटाई हैं और रशियन नेटवर्क्स पर खुफिया सायबर हमलें करने के संकेत अमरिकी अफसरों ने दिए थे। अमरीका की इस योजना पर रशिया ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। इस पृष्ठभूमि पर रशिया के नए सायबर हमले से संबंधित वृत्त प्रसिद्ध होना ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

इसी बीच, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर एक अंतरराष्ट्रीय समझौता होना आवश्‍यक हैं, ऐसा आवाहन किया होने का वृत्त रशियन माध्यमों ने जारी किया हैं।

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