तेहरान – नातांज़ परमाणु प्रकल्प में रविवार की सुबह हुए विस्फोट से युरेनियम संवर्धन के लिए इस्तेमाल हो रहे हज़ारों सेंट्रिफ्युजेस नाकाम और नष्ट हुए हैं। ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए यह काफी बड़ा झटका होने की बात ईरान के सांसद एवं पूर्व अधिकारी कबूल कर रहे हैं। लेकिन, ईरान की सरकार इस मुद्दे पर बोलने के लिए तैयार नहीं है। नातांज़ में हुई इस घटना की वजह से ईरान का परमाणु कार्यक्रम नौं महीने पिछड़ गया है, ऐसा इशारा अमरिकी अखबार ने कुछ घंटे पहले ही किया था। लेकिन, ईरान ने यह दावा भी ठुकराया था।
ईरान की संसद के रिसर्च सेंटर के प्रमुख अलीरेज़ा ज़कानी ने सरकार से जुड़े समाचार चैनल से बातचीत के दौरान नातांज़ परमाणु प्रकल्प में विस्फोट करवाने में शत्रुदेश कामयाब हुआ है, ऐसी निराशा से भरीं प्रतिक्रिया दर्ज़ की। रविवार के विस्फोट के दौरान नातांज़ परमाणु प्रकल्प के हज़ारों सेंट्रिफ्यूजेस नष्ट हुए हैं। इस प्रकल्प के कुछ सामानों में ३०० पौंड़ भार के विस्फोटक थे। इन विस्फोटकों को प्रकल्प के डेस्क में रखा गया था। इन्हीं विस्फोटकों से धमाका होने का दावा ज़कानी ने किया।
इसी बीच, परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व प्रमुख फेरेयदून अब्बासी-दावानी ने भी ईरानी माध्यमों से बातचीत करते समय शत्रुदेशों की यंत्रणा अपनी साज़िश में कामयाब होने की बात कही। नातांज़ परमाणु प्रकल्प को बड़ा नुकसान पहुँचाने की सटीक योजना शत्रु ने रचि थी और इसमें वह कामयाब हुआ, ऐसी आलोचना भी दावानी ने की।
नातांज़ परमाणु प्रकल्प का इलेक्ट्रिकल सब-स्टेशन ५० मीटर गहराई में लगाया गया था। शत्रु के मिसाइल हमले में भी इस सबस्टेशन का नुकसान नहीं होता। लेकिन, इस सबस्टेशन के डेस्क में विस्फोटक लगाकर पूरा सबस्टेशन तबाह करने की योजना में ईरान का शत्रु कामयाब हुआ, ऐसा दावा दावानी ने किया। इसके लिए ईरान की सुरक्षा यंत्रणा भी ज़िम्मेदार होने का आरोप दावानी ने किया।
इसी बीच, ईरान ने इस हमले की जाँच के आदेश दिए हैं और इस साज़िश में ईरान के ही कुछ लोग शामिल हैं, ऐसा आरोप ईरानी वृत्तसंस्थाएं लगा रही हैं।
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