रशिया, चीन के साथ अमरीका का परमाणु युद्ध भड़क सकता है – पेंटागन की रिपोर्ट की चेतावनी

वॉशिंग्टन – ‘सारी दुनिया परमाणु युद्ध के करीब पहुँची है। शत्रु देश होनेवाले रशिया, चीन, उत्तर कोरिया और ईरान के साथ अमरीका का परमाणु युद्ध भड़क सकता है’, ऐसी गंभीर चेतावनी अमरीका का रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में से दी। यह रिपोर्ट जारी होने के दूसरे ही दिन, ‘कॉन्फरन्स ऑन डिसआर्मामेंट’ में अमरीका के राजदूत ने, चीन विकसित कर रहे नए परमाणु तंत्रज्ञान पर चिंता ज़ाहिर की। नौसेना और हवाई बल को परमाणु-अस्त्र-सिद्ध करने के लिए चीन की जारी गतिविधियाँ, स्थिरता के लिए खतरा होने की चेतावनी अमरीका के राजदूत ने दी।

परमाणु युद्ध

अमरीका का रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने पिछले हफ्ते ६७ पन्ने वाली रिपोर्ट प्रकाशित की। ‘जॉईंट न्यूक्लिअर ऑपरेशन्स’ शीर्षक होनेवाली यह रिपोर्ट, ‘फेडरेशन ऑफ अमेरिकन सायन्टिस्ट्स’ ने तैयार की है। इसमें अमरीका और शत्रु देश रशिया, चीन, उत्तर कोरिया तथा रान इनके बीच परमाणु युद्ध का खतरा अधिक ही बढ़ा होने की चेतावनी दी। पिछले दशक भर में रशिया और चीन ने अपने परमाणु अस्त्रों का अद्ययावतीकरण करके उनकी संख्या बढ़ाई है, ऐसा इसमें कहा गया है।

‘इस दशकभर में ये चारों देश अपने परमाणु अस्त्रों की संख्या और क्षमता कम करें, इसके लिए अमरीका ने प्रयास किए। लेकिन शत्रु देशों ने उल्टी दिशा में प्रवास जारी रखकर, परमाणुअस्त्रों की संख्या बढ़ाकर उनका अद्ययावतीकरण भी जारी रखा। इससे दुनिया के विभिन्न भागों में इन परमाणु-अस्त्र-सिद्ध शत्रु देशों के साथ संघर्ष भड़कने की और उसमें से परमाणु युद्ध भड़कने की संभावना बढ़ी है’, ऐसा इस रिपोर्ट में जताया गया है। रशिया और चीन इनसे अमरीका को सर्वाधिक खतरा होने का दावा इसमें किया गया है।

परमाणु युद्ध

रशिया के साथ ‘इंटरमिजिएट-रेंज न्यूक्लिअर फोर्सेस’ (आयएनएफ) और ‘स्ट्रॅटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रिटी’ (स्टार्ट) ये समझौते करके, परमाणु अस्त्रों की संख्या को मर्यादित करने के लिए अमरीका ने कोशिशें कीं। लेकिन इन समझौतों के बाद भी रशिया ने अपने परमाणु अस्त्र अद्यतन किए। वहीं, अमरीका के लष्करी सामर्थ्य से प्रतिस्पर्धा करनेवाले चीन ने भी अपने परमाणु अस्त्रों का अद्ययावतीकरण किया, ऐसा इस रिपोर्ट में कहा गया है। चीन की परमाणु सिद्धता पर, स्विट्जरलैंड में आयोजित ‘कॉन्फरन्स ऑन डिसआर्मामेंट’ में, अमरीका के राजदूत रॉबर्ट वुड ने चिंता ज़ाहिर की।

पानी में से प्रवास करनेवाले ड्रोन्स अथवा लड़ाकू विमानों पर बिठाए जा सकने वाले क्रूझ क्षेपणास्त्रों को परमाणु अस्त्रों से सिद्ध करने के लिए चीन की कोशिशें जारी हैं, ऐसा आरोप वुड ने किया। चीन अगर अपने इरादों में क़ामयाब रहा, तो सामरिक स्थिरता खतरे में पड़ जाएगी। क्योंकि ऐसा परमाणु तंत्रज्ञान अमरीका के पास भी नहीं है, इसका एहसास वुड ने जिनेवा परिषद को करा दिया।

इसी बीच कामा इससे पहले भी अमेरिका के अधिकारी और लश्करी विश्लेषकों ने परमाणु युद्ध के खतरे के बारे में आगाह किया था। लेकिन पेंटागन की रिपोर्ट ने, यह परमाणु युद्ध अमरीका और रशिया, चीन, उत्तर कोरिया तथा ईरान के बीच भड़केगा, ऐसी चेतावनी देकर परिस्थिति की गंभीरता बढ़ाई है।

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