रशिया का खतरनाक उपग्रहभेदी क्षेपणास्त्र परीक्षण अमरीका बर्दाश्त नहीं करेगी

अमरीका के विदेश मंत्रालय की चेतावनी

धोकादायक, परीक्षण

वॉशिंग्टन/मॉस्को – रशिया ने सोमवार को क्षेपणास्त्र प्रक्षेपित करके अंतरिक्ष में अपना ही एक बंद उपग्रह उड़ा दिया। इस पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर से तीव्र प्रतिक्रिया आई है। रशिया का यह परीक्षण गैरजिम्मेदाराना और खतरनाक होकर, अमरीका इसके आगे ऐसे परीक्षण बर्दाश्त नहीं करेगी, ऐसी चेतावनी अमरीका ने दी। वहीं, रशिया को अंतरिक्ष की सुरक्षा के बारे में कुछ भी लेना-देना नहीं है यह इस परीक्षण से स्पष्ट होता है, ऐसी आलोचना ब्रिटेन ने की है।

रशिया के लष्कर ने सोमवार सुबह क्षेपणास्त्र का परीक्षण करके ‘सेलिना-डी’ इस उपग्रह की धज्जियाँ उड़ाईं। सन १९८२ से अंतरिक्ष में होनेवाला यह उपग्रह नाकाम हुआ था, ऐसी जानकारी रशिया के लष्कर ने मंगलवार को जारी की। लेकिन यह परीक्षण करके रशिया ने अपनी मगरूरी दिखा दी होने की आलोचना अमरीका के विदेश मंत्रालय ने की। रशिया का उपग्रहभेदी क्षेपणास्त्र परीक्षण विध्वंसक था, ऐसा आरोप अमरीका के विदेश मंत्रालय ने किया है।

धोकादायक, परीक्षण

‘इस परीक्षण के कारण कक्षीय कचरे के दिखाई देनेवाले १,५०० टुकड़े और उससे कम आकारवाले लाखों टुकड़ों इनके कारण इस कक्षा से भ्रमण करनेवाले सभी देशों के सैटेलाइट्स को ख़तरा निर्माण हुआ है’, ऐसी चेतावनी प्राईस ने दी। उसी समय, अंतरिक्ष के सशस्त्रीकरण का विरोध करनेवाले रशिया के दावे अप्रामाणिक और पाखंडी होने का दोषारोपण अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राईस ने किया। साथ ही, इस गैरजिम्मेदाराना हरकत पर अमरीका अपने मित्र तथा सहयोगी देशों के साथ चर्चा करनेवाली है, ऐसा अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया।

धोकादायक, परीक्षण

ब्रिटेन और नाटो ने भी रशिया के क्षेपणास्त्र परीक्षण की आलोचना की। इससे निर्माण हुआ कचरा अगले कुछ वर्षों तक अन्य देशों के उपग्रह तथा मानवीय अंतरिक्ष उड़ानों के लिए खतरनाक साबित होगा, ऐसी आलोचना ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वॉलेस ने की। वहीं, रशिया ने इस परीक्षण से अपना गैरजिम्मेदाराना बर्ताव दिखा दिया है, ऐसा नाटो के प्रमुख जेन स्टोल्टनबर्ग ने कहा है। उसी के साथ, इस परीक्षण के कारण अन्तर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्था में काम करनेवाले अमेरिकन, जर्मन इनके साथ ही रशियन अंतरिक्ष वीरों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ने का आरोप हो रहा है। लेकिन रशियन विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह ने रशिया पर हो रहे ये आरोप ठुकराए।

रशिया ने क्षेपणास्त्र प्रक्षेपित करके अंतरिक्ष में अपना बंद उपग्रह छेदने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले सन २०१५ और २०१६ में रशिया ने उपग्रहभेदी क्षेपणास्त्र का परीक्षण किया था। वहीं, सन २०१८ में उपग्रहभेदी क्षेपणास्त्र से लैस होनेवाले रशिया के मिग-31 लड़ाकू विमान के फोटोग्राफ्स माध्यमों में वायरल हुए थे। सन २०२० में रशिया ने दो बार उपग्रहभेदी क्षेपणास्त्र का परीक्षण किया था।

रशिया समेत चीन, अमरीका और भारत इन दुनिया के ४ देशों ने उपग्रहभेदी क्षेपणास्त्र का सफल परीक्षण किया है। इनमें से सन २००७ में चीन ने किया हुआ उपग्रहभेदी क्षेपणास्त्र का परीक्षण आलोचना का विषय बना था।

English   मराठी

इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:

https://twitter.com/WW3Info
https://www.facebook.com/WW3Info