लंडन – ‘फिलहाल आई हुई कोरोना की महामारी, यह किसी बीमारी ने दुनिया में उथल-पुथल मचाने की आखिरी बारी नहीं है। अगली महामारी इससे अधिक भयावह हो सकती है। कोरोना के बाद आनेवाली महामारी का वायरस अधिक संक्रामक और घातक साबित हो सकता है’, ऐसी गंभीर चेतावनी ब्रिटेन की अग्रसर संशोधिका सारा गिल्बर्ट ने दी। इटली के संशोधक ने भी, आनेवाले कुछ दशकों में मानव जाति को कोरोना की तरह ही बड़ी महामारी का सामना करना पड़ेगा, ऐसा डटकर कहा है। वहीं, अमरीका की स्वास्थ्य यंत्रणा के प्रमुख फ्रान्सिस कॉलिन्स ने, ‘ओमिक्रॉन’ यह कोरोना का आखरी वैरीअंट ना होकर, कोरोना के वायरस में और भी बड़े बदलाव आ सकते हैं, ऐसा जताया है।
पिछले महीने में अफ्रीका महाद्वीप से सामने आए ‘ओमिक्रॉन व्हेरिअंट’ ने दुनियाभर में खलबली मचाई है। इस नए वेरिएंट के संक्रमण की रफ्तार पहले के वेरिएंट की तुलना में अधिक होने की बात सामने आई है। इससे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर फिर एक बार चिंता का माहौल पैदा हुआ है। अधिकांश विशेषज्ञों ने टीकाकरण, मास्क का इस्तेमाल और स्वास्थ्य विषयक नियमों का पालन इनपर ज़ोर देना आवश्यक है, ऐसा आवाहन किया है। उसी समय, कुछ विशेषज्ञ नई महामारी की संभावना पर भी गौर फरमा रहे हैं।
ब्रिटीश संशोधिका सारा गिल्बर्ट ने कोरोना पर टीका विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है। इस कारण उन्होंने दी चेतावनी गौरतलब साबित हो रही है। गिल्बर्ट ने नई महामारी की चेतावनी देते समय ही, उसे रोकने के लिए अभी से प्रयास शुरू करने होंगे, इसका एहसास भी करा दिया। कोरोना के कारण हुए आर्थिक नुकसान को मद्देनज़र रखते हुए, संशोधन तथा संक्रमणों को रोकने की सिद्धता इनके लिए अधिक निधि उपलब्ध करा देने की ज़रूरत है, ऐसा ब्रिटिश संशोधिका ने कहा है। कोरोना की महामारी का मुकाबला करते समय प्राप्त हुई जानकारी तथा अन्य बातों का इस्तेमाल, अगली महामारी के विरोध में किया जा सकता है, इसपर भी उन्होंने गौर फरमाया। उसी समय, ओमिक्रॉन को लेकर हालाँकि डरने की ज़रूरत नहीं है, फिर भी एहतियात बरतने होंगे, ऐसा मशवरा भी गिल्बर्ट ने दिया।
गिल्बर्ट के बाद इटली के संचालक ने भी नई महामारी को लेकर दावा किया है। इटली की पॅडोव्हा यूनिवर्सिटी के अभ्यासक मार्को मॅरानी ने, आने वाले कुछ दशकों में नई महामारी आने की संभावना होने की चेतावनी दी है। पिछली चार सदियों में दुनिया में आई विभिन्न महा मारियो का अध्ययन करके मॅरोनी ने यह दावा किया है। आने वाली पीढ़ी को कोरोना की तरह ही बड़ी महामारी का सामना करना पड़ने की संभावना 38 प्रतिशत है, ऐसा उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है।
इसी बीच, अमरीका की ‘नॅशनल इन्स्टिट्यूट्स ऑफ हेल्थ’ के निदेशक फ्रान्सिस कॉलिन्स ने कोरोना के नए वेरिएंट के संदर्भ में चेतावनी दी है। ओमिक्रॉन यह कोई कोरोना का आखिरी वेरिएंट ना होकर, कोरोना के वायरस में और भी बदलाव होकर नये वेरिएंट सामने आएंगे, इसपर कॉलिन्स ने गौर फरमाया। पिछले महीने में अफ्रीका से सामने आए ओमिक्रॉन के वेरिएंट का संक्रमण दुनिया भर के लगभग ४० देशों में फैला होकर, उसकी पूरी व्याप्ति अभी भी सामने नहीं आई है, ऐसा जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने कहा है।
इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:
https://twitter.com/WW3Info | |
https://www.facebook.com/WW3Info |