बीजिंग – चीन के रिअल इस्टेट क्षेत्र की शीर्ष कंपनियॉं ‘एवरग्रैण्ड’ और ‘कैसा’ विदेशों से प्राप्त किए कर्ज़ का भुगतान करने में असफल हुई हैं| इस वजह से अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजन्सी ‘फिच’ ने इन दोनों कंपनियों को ‘डिफॉल्टर’ यानी ‘कर्ज़ डुबानेवाली’ घोषित किया है| ‘एवरग्रैण्ड’ कंपनी १ अरब डॉलर्स से भी अधिक कर्ज़ का भुगतान कर नही सकी है| इसके अलावा ‘कैसा’ ने ४० करोड़ डॉलर्स कर्ज़ का बकाया ना करने की बात स्पष्ट हुई है| बीते महीने में ही अमरीका की ‘फेडरल रिज़र्व्ह’ ने चीन के रिअल इस्टेट क्षेत्र के संकट की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ सकता है और इससे अमरीका समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचेगा, यह चेतावनी दी थी|
बीते वर्ष से चीन की संपत्ति एवं निर्माण क्षेत्र की शीर्ष कंपनी ‘एवरग्रैण्ड’ के शेअर्स की कीमत ८० प्रतिशत से भी अधिक टूटी थी| इस कंपनी पर ३०५ अरब डॉलर्स कर्ज़ का बोझ है और इसका भुगतान करने में कंपनी सक्षम ना होने के दावे किए जा रहे थे| कंपनी ने कुछ कर्ज़ का भुगतान के लिए अधिक समय प्राप्त किया था| साथ ही कर्ज़ के कुछ हिस्से का भुगतान करने मे सफल भी हुई थी| लेकिन, कुछ दिन पहले ही कंपनी ने एक निवेदन जारी करके, कर्ज़ के अगली किश्तों का भुगतान करने की क्षमता ना होने का बयान किया था| इस वजह से कंपनी ‘डिफोल्टर’ होने की संभावना बढ़ी थी|
गुरूवार के दिन ‘फिच रेटिंग्ज्’ नामक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने ‘एवरग्रैण्ड’ को ‘डिफोल्टर’ करार दिया| एवरग्रैण्ड ने करीबन १.२ अरब डॉलर्स का भुगतान नही किया है, ऐसा फिच ने कहा| एवरग्रैण्ड समेत दो उप कंपनियों को ‘रिस्ट्रिक्टेड डिफोल्टर’ घोषित किया गया है| इसके अलावा चीन के रिअल इस्टेट क्षेत्र की ‘कैसा होल्डिंग ग्रुप’ कंपनी पर भी ‘डिफोल्टर’ की मुहर लगाई गई है| इस कंपनी ने ४० करोड़ डॉलर्स कर्ज़ का भुगतान नही किया है|
फिच के ऐलान के बाद बीते छह महीनों में चीन के रिअल इस्टेट क्षेत्र में ‘डिफोल्टर’ करार दिए गए कंपनियों की संख्या १० हुई है| चीन की अर्थव्यवस्था में रिअल इस्टेट और संबंधित क्षेत्र का हिस्सा लगभग ३० प्रतिशत है| चीन के बैंकों ने प्रदान किए कर्ज़ों में सबसे अधिक डुबे हुए कर्ज़ भी इसी क्षेत्र से होने की बात सामने आयी है| वर्ष २०२१ में चीन की कंपनियों ने डुबाए कर्ज़ और ब्याज़ की कुल राशि १० अरब डॉलर्स तक जा पहुँची है और इनमें से ३६ प्रतिशत राशि रिअल इस्टेट क्षेत्र की कंपनियों से संबंधित है|
चीन की सेंट्रल बैंक ने जारी किए निवेदन में कर्ज़ प्रदान करनेवालों के एवं शेअर होल्डर्स के हितसंबंध सुरक्षित रखे जाएंगे, ऐसा कहा है| साथ ही एवरग्रैण्ड का भविष्य बाज़ार के नियमों पर तय होगा, यह भी स्पष्ट किया गया है| ‘एवरग्रैण्ड’ और ‘कैसा’ डिफोल्टर होने का बड़ा असर चीन और हॉंगकॉंग में दिखाई देगा, यह दावा स्थानिय विश्लेषक कर रहे हैं| इसके पीछे चीन के सेंट्रल बैंक ने कुछ दिन पहले घोषित की हुई करीबन १९० अरब डॉलर्स अर्थसहायता प्रमुख कारण बताई जा रही है| लेकिन, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खास तौर पर अमरीका और यूरोप के निवेशकों में इसकी तीव्र गूंज सुनाई देने की संभावना जताई जा रही है|
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