जिनीवा/वॉशिंग्टन/मॉस्को – शुक्रवार को जिनीवा में संपन्न हुई अमेरिका-रशिया की बैठक में कोई भी निर्णायक हल निकालने में सफलता नहीं मिली। अमेरिका के परराष्ट्रमंत्री ऐन्थनी ब्लिंकन ने इशारा दिया कि, रशिया युक्रेन पर हमले की कोशिश की तो उसे तेज़ी से तथा आक्रामक प्रत्युत्तर दिया जाएगा। तो रशिया के उपपरराष्ट्रमंत्री सर्जेई रिब्कोव ने ताकीद की है कि, रशिया किसी से नहीं डरती, यहां तक कि, अमेरिका से भी नहीं। रशिया इस तरह के किसी भी दबाव में नहीं झुकेगी।
रशिया द्वारा युक्रेन की हद में नए एवं आक्रामक तैनाती की शुरुआत की है, यह बात पिछले महीने सामने आई थी। तत्पश्चात पश्चिमी देशों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए रशिया पर ठोस निर्बंध लगाने के तथा युक्रेन को बडे पैमाने पर संरक्षण सहायता देने के इशारे दिए थे। पश्चिमी देशों की इस आक्रामक भूमिका की पृष्ठभूमि पर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने ’सिक्युरिटी पैक्ट’ का प्रस्ताव रखा था। उसमें युक्रेन को किसी भी स्थिति में नाटो की सदस्यता ना दी जाए, ऐसा आग्रहपूर्वक मांग की गई थी। अमेरिका एवं नाटो ने यह मांगा भले ही अस्वीकार की फिर भी इस बात पर चर्चा के लिए तैयारी दर्शाई थी। इसके बाद दोनों तरफ से बैठकें हुईं थी। परंतु उसमें से कुछ भी निष्पन्न नहीं हुआ।
शुक्रवार को जिनीवा में हुई चर्चा इन्हीं बैठकों का अगला चरण माना जाता है। अमेरिका के परराष्ट्रमंत्री ब्लिंकन एवं रशिया के परराष्ट्रमंत्री सर्जेई लैवरोव के साथ प्रमुख अधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में लगभग डेढ घंटा चर्चा चली। बैठक के दौरान, अमेरिका ने रशिया को लिखित प्रतिसाद देने की बात कबूली है, यह दोनों तरफ से कहा गया। अगले हफ्ते अमेरिका रशिया को लिखित प्रतिसाद सौंपेगी, ऐसा स्पष्ट किया गया। इसके अलावा अगले समय में राजनैतिक समझौतों का मार्ग खुला रखने पर एकमत होने की जानकारी सूत्रों ने दी।
पर युक्रेन सीमा पर तनाव के मुद्दे पर कोई भी हल नहीं निकला है। रशिया ने युक्रेन पर हमले की कोशिश की तो उसे अमेरिका एवं मित्रदेश तीव्र प्रत्युत्तर देंगे, अमेरिका के परराष्ट्रमंत्री ने यह ताकीद दी है। तो रशिया के उपपरराष्ट्रमंत्री रिब्कोव ने स्पष्ट किया है कि, रशिया किसी के दबाव में अथवा डर से नहीं झुकेगी।
इस दौरान ब्रिटेन ने युक्रेन को 2000 ’ऐंटी टैंक मिसाई लॉंचर्स’ दिए हैं और कुछ दिन पूर्व ब्रिटेन का विमान शास्त्रास्त्र लेकर युक्रेन में दाखिल हुआ है। इसके अलावा ब्रिटेन के ‘स्पेशल ऑपरेशन्स ब्रिगेड’ के हिस्से वाली 30 जवानों की टुकडी भी युक्रेन में दाखिल होने की बात कही गई है। ब्रिटेन द्वारा युक्रेन को ’सर्विलन्स ड्रोन्स’ भी भेजे जाने की जानकारी ब्रिटिश माध्यमों ने दी है।
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