कॅनबेरा/बीजिंग – ऑस्ट्रेलिया के ‘अराफुरा सी’ इस उत्तरी भाग में गश्त करनेवाले ‘पी-8ए पोसायडन’ इस निगरानी विमान पर चीन के युद्धपोत ने लेझर हमला किया। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग ने यह आरोप किया होकर, यह हमला सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही गंभीर घटना होने की बात जताई है। चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर लेझर हमला करने की यह पिछले तीन सालों में दूसरी घटना है। इससे पहले मई 2019 में चीन ने ‘साऊथ चाइना सी’ क्षेत्र से गुजर रहे ऑस्ट्रेलियन हेलिकॉप्टर पर लेझर से हमला किया था।
गुरुवार को चीन के दो युद्धपोत ऑस्ट्रेलिया के ‘अराफुरा सी’ इस उत्तरी सागरी क्षेत्र से प्रवास कर रहे थे। इस क्षेत्र में गश्त करनेवाले ऑस्ट्रेलियन हवाई बल के ‘पी-8ए पोसायडन’ इस निगरानी विमान ने उनकी गतिविधियाँ रिकॉर्ड कीं। मध्यरात्रि के लगभग साढ़ेबारह बजे चिनी युद्धपोतों में से एक युद्धपोत ने ऑस्ट्रेलिया के निगरानी विमान पर लेझर से हमला किया। हमले के कारण निगरानी विमान की मुहिम में रोड़ा पैदा होने का दावा किया गया है। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग ने इस घटना की जानकारी सार्वजनिक की होकर, चीन की इस हरकत का तीव्र निषेध दर्ज किया है।
‘चिनी युद्धपोत ने किया हुआ लिवर का हमला यह सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही गंभीर घटना है। ऐसी घटनाओं से जीवित हानि हो सकती है। इस हमले के कारण ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग के जवानों की सुरक्षा खतरे में आई थी। व्यवसायिक लश्कर से इस प्रकार की हरकत की उम्मीद नहीं होती है। चीन की हरकत अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने वाली साबित होती है’, इन शब्दों में ऑस्ट्रेलिया के रक्षा बलों ने चीन की आलोचना की है। चीन से इस घटना पर अभी भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
पिछले कुछ सालों में ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंध तनावपूर्ण बने होकर, लेझर हमले की इस नई घटना से दोनों देशों में तनाव अधिक ही बढ़ने की संभावना सामने आ रही है। ‘साऊथ चाइना सी’ तथा ताइवान के मुद्दे पर चीन के विरोध में आक्रामक रवैया अपनाए हुए ऑस्ट्रेलिया को चीन बार-बार धमका रहा है। अगर ताइवान का पक्ष लिया, तो ऑस्ट्रेलिया चिनी क्षेपणास्त्रों का लक्ष्य बन सकता है, ऐसी चेतावनी भी चीन द्वारा दी गई थी।
चीन ने अन्तर्राष्ट्रीय नियमों की परवाह न करते हुए अपने प्रतिस्पर्धी देशों पर अति प्रगत शस्त्रों का इस्तेमाल करने की शुरुआत की है। ऑस्ट्रेलियन निगरानी विमान पर किया लेझर हमला यह चीन की आक्रामकता एक और उदाहरण होने का दावा अन्तर्राष्ट्रीय माध्यमों द्वारा किया जा रहा है। इससे पहले चीन ने ‘ईस्ट चाइना सी’ तथा उत्तरी अफ्रीका में स्थित जिबोती के पास से गुजर रहे अमरीका के विमानों पर लेझर के हमले किए थे।
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