नई वैश्विक आर्थिक व्यवस्था आकार ले रही है

- रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्रि मेदवेदेव का दावा

वैश्विक आर्थिक व्यवस्था

मास्को – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई वैश्विक आर्थिक व्यवस्था आकार ले रही है और इसमें पश्‍चिमी देशों को विशेष स्थान नही होगा, यह दावा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष दिमित्रि मेदवेदेव ने किया है| प्रतिबंध लगाकर रशियन अर्थव्यवस्था को अपाहिज करने की अमरीका और पश्‍चिमी देशों की साजिश उन पर ही ‘बूमरैंग’ बनकर टकराई है, यह इशारा भी उन्होंने दिया| रशियन ईंधन के साथ ही अनाज, धातु और अन्य अहम उत्पादनों के निर्यात के कारोबार भी रुबल के ज़रिये करने के संकेत रशिया के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने दिए हैं|

रशिया-यूक्रैन युद्ध का एक महीने से अधिक समय बीत चुका है और अमरीका एवं मित्रदेशों ने रशिया पर लगातार सख्त प्रतिबंध लगाना जारी रखा है| रशियन अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले ईंधन क्षेत्र के साथ ही वित्त, बैंकिंग, रक्षा, निवेश, अंतरिक्ष, तकनीक जैसे सभी क्षेत्रों को लक्ष्य किया गया है| रशिया पीछे हटे, इस मंशा से प्रतिबंधों का हथियार की भांति इस्तेमाल किया जा रहा है| रशियन अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ रहा है, फिर भी रशिया ने अब तक पीछे नहीं हटी है| बल्कि, अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए विभिन्न विकल्पों का इस्तेमाल कर रही है|

इस पृष्ठभूमि पर रशिया के सिक्युरिटी कौन्सिल के उपाध्यक्ष दिमित्रि मेदवेदेव ने पश्‍चिमी देशों की जोरदार आलोचना की| ‘रशिया की सेंट्रल बैंक के विदेशी मुद्रा भंड़ार पर प्रतिबंध लगाकर अमरीका और यूरोपिय महासंघ ने अपनी ही प्रतिमा धूल में मिलायी है| जो देश अन्य देशों के खातों को कुर्क करते हैं, कारोबारी एवं निजी संपत्ति की चोरी करते हैं और निजी संपत्ति से जुड़े मूल्यों को तोड़ते-मरोड़ते हैं, उन पर भरोसा करना मुमकिन नहीं है’, इन शब्दों में मेदवेदेव ने पश्‍चिमी देशों की आलोचना की|

‘पश्‍चिमी देशों की रशिया को रोकने की कोशिश नाकाम हुई है| अंतरराष्ट्रीय स्तर के आर्थिक कारोबार में नए तत्व अपनाने की गतिविधियॉं शुरू हुई हैं| मौजूदा अर्थ संबंधी वैश्विक व्यवस्था में बदलाव करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है’, इन शब्दों में मेदवेदेव ने नई वैश्विक आर्थिक व्यवस्था के संकेत दिए| ‘आरक्षित मुद्राओं पर भरोसा धुएँ की भांति धुंदला रहा है| डॉलर और यूरो का इस्तेमाल करने की कल्पना ज्यादा अवास्तव नहीं रही और स्थानीय चलनों के इस्तेमाल का पर्व शुरू हो रहा है’, यह संदेश भी रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ने विश्‍व को दिया|

रशिया की सरकार ने अपनी मुद्रा रुबल का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल बढ़ाने की तैयारी शुरू की है| रशियन सरकार के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने इसकी जानकारी दी| पश्‍चिमी देशों ने रशिया के ईंधन क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश करने पर इसके आगे ईंधन का कारोबार रुबल में किया जाएगा, यह जवाब भी रशिया ने दिया था| अब सिर्फ ईंधन ही नहीं, बल्कि अनाज और कच्चे माल के रूप में निर्यात हो रहे सामान की कीमत भी रुबल के माध्यम से ही तय की जाएगी, ऐसा पेस्कोव ने कहा| चीन और भारत जैसे शीर्ष देशों को रशिया ने इससे संबंधित प्रस्ताव देने की बात भी सामने आयी है|

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