ताइपे – यूक्रैन पर रशिया ने जैसा हमला किया, वैसा ही हमला अगर चीन ने ताइवान पर किया, तो विदेशों में स्थित अपनी संपत्ति की रक्षा कैसे करनी है, इसका विचार चीन कर रहा है| इसके लिए चीन ने अपने देश के और विदेशी बैंकों की बैठक का आयोजन किया था| इस प्रकार यहाँ पर चीन ताइवान पर हमला करने की तैयारी जुटा रहा है और वहाँ अमरीका ने ताइवान को होवित्ज़र तोंपें एवं रक्षा सामान आवश्यक समय पर प्रदान करने से इन्कार किया है| ऐन मौके पर अमरीका ने किया यह इन्कार ताइवान की रक्षा तैयारी पर असर करेगा और यह बात चीन के लिए फ़ायदेमन्द रहेगी|
अमरीका ने ताइवान को करीबन ७.५ करोड़ डॉलर्स के हथियार प्रदान करने के निर्णय का ऐलान किया था| इसमें ४० ‘१५५ एमएम’ एम १०९ ए ६ होवित्ज़र तोंपों का समावेश था| इन तोंपों की सहायता से ताइवान की मारक क्षमता मे काफ़ी इज़ाफा होता| पिछले साल अमरीका ने यह ऐलान करके, अमरीका ताइवान की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी होने का अहसास चीन को कराया था| लेकिन, चीन के हमले का खतरा बढ़ने के बावजूद, अमरिकी कंपनियों ने ताइवान की यह मॉंग करीबी समय में पूरी करना मुमकिन नहीं होगा, ऐसा संदेश दिया है|
रशिया ने यूक्रैन पर हमला करने के बाद अमरीका और नाटो का पूरा ध्यान यूक्रैन युद्ध पर केंद्रीत हुआ है| इस वजह से ताइवान पर हमला करने का बेहतर मौक़ा चीन को प्राप्त हुआ है| इस मौक़े का फ़ायदा उठाने की बड़ी तैयारी चीन ने जुटाई है, ऐसीं चेतावनियाँ अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने दी हैं| चीन के लड़ाक़ू विमान ताइवान की सीमा में लगातार घुसपैठ करके ताइवान की युद्ध तैयारी का अंदाज़ा लगा रहे हैं| ऐसें में ताइवान को सिर्फ जुबानी वादे करके अमरीका समय बर्बाद कर रही है|
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री एबे शिंजो ने कुछ हफ्ते पहले ही बायडेन प्रशासन की ताइवान संबंधित नीति की तीखीं आलोचना की थी| बायडेन प्रशासन की ताइवान संबंधित नीति स्थिर ना होने का आरोप जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ने लगाया था| इसके बाद भी बायडेन प्रशासन की नीति में विशेष बदलाव हुआ नहीं हैं| उल्टा चीन का आत्मविश्वास बढ़ानेवाले कदम उठाने का काम बायडेन प्रशासन ने किया हैं| ताइवान को आवश्यक तोंपें और अन्य हथियारों की आपूर्ति जल्द करना संभव नहीं होगा, ऐसा कहकर अमरीका ने ताइवान का विश्वासघात करने की बात स्पष्ट रूप से सामने आ रही है|
ऐसी स्थिति में हमारा देश इन हथियारों के लिए अन्य विकल्पों का विचार कर सकता हैं, यह ऐलान ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने किया। हालाँकि इसका ब्यौरा ताइवान ने सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन इस देश को जल्द से जल्द तोंपें प्राप्त करने के लिए गतिविधियॉं करनी होगी| चीन के हमले के आसार बढ़ने की स्थिति में ताइवान ने, हमारा देश यानी यूक्रैन नहीं और चीन यानी रशिया नहीं, इसका अहसास कराया था| साथ ही, जापान ने भी ताइवान पर चीन का हमला होना यानी हमारे देश पर हमला समझा जाएगा, यह चेतावनी दी है| इस वजह से ताइवान पर हमला करके ताइवान पर कब्ज़ा करना चीन के लिए उतना आसान नहीं रहा| लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के नेतृत्व की अमरीका अब ताइवान की सुरक्षा को अनदेखा कर रही है, यह बात चीन को काफी उत्तेजित कर रही हैं| इसी बलबूते पर चीन अब ताइवान पर हमला करने का निर्णय कर सकता हैं|
इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:
https://twitter.com/WW3Info | |
https://www.facebook.com/WW3Info |