अमरीका और ब्रिटेन यूक्रैन को ‘कंट्रोल’ कर रहे हैं

- रशियन विदेशमंत्री का आरोप

अमरीका और ब्रिटेन यूक्रैन को ‘कंट्रोल’ कर रहे हैं
मास्को/किव, – अमरीका और ब्रिटेन को रशिया-यूक्रैन युद्ध लंबे समय तक चलाना है और इसके लिए वह यूक्रैन को नियंत्रित कर रहे हैं, ऐसा जोरदार आरोप रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने लगाया।  रशिया विरोधी ‘हायब्रिड वॉर’ में यूक्रैन का इस्तेमाल किया जा रहा हैं, इसकी कबुली पश्चिमी देशों ने पहले ही दी हैं, इसपर भी लैव्हरोव्ह ने ध्यान आकर्षित किया। रशिया के सिक्युरिटी काऊन्सिल के सचिव निकोलाय पत्रुशेव्ह ने भी लैव्हरोव्ह के आरोपों का समर्थन किया हैं। पश्चिमी देशों ने रशिया के खिलाफ अघोषित युद्ध शुरू किया हैं और इसके लिए यूक्रैन का इस्तेमाल किया जा रहा हैं, ऐसा आरोप पत्रुशेव ने लगाया।
 

रशिया-यूक्रैन युद्ध शुरू होने के बाद ८० से भीअधिक दिन हुए हैं। इस दौरान रशिया ने पूर्व एवं दक्षिण यूक्रैन के कई शहरों पर कब्ज़ा किया हैं। रशिया ने पश्चिमी यूक्रैन के लिव इलाके में और राजधानी किव के करीबी क्षेत्र पर भी मिसाइल हमलें जारी रखे हैं। पिछले कुछ दिनों में यूक्रैन की सेना ने रशियन सीमा में कई गावों पर हमलें करना शुरू करने की बात भी सामने आयी है। रशिया लगातार इस युद्ध की तीव्रता बढ़ा रही हैं और यूक्रैन अभियान के उद्देश्य प्राप्त किए बिना पीछे ना हटने का इशारा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दिया है।

युद्ध तीव्र होने के साथ ही शांतिवार्ता पुरी तरह से बंद हुई है। रशिया और यूक्रैन इन दोनों देशों ने इसके लिए एक-दूसरे पर आरोप-प्रति आरोप करना जारी रखा है। इस पृष्ठभूमि पर रशियन विदेशमंत्री ने किया बयान ध्यान आकर्षित कर रहा हैं। ‘इस्तंबूल में हुई चर्चा के दौरान यूक्रैन ने समझौते लिए स्वीकार करने योग्य प्रस्ताव दिए थे। लेकिन, उसने पेश की हुई कल्पना पश्चिमी देशों को मंजूर ना होने की बात कही गयी। यूक्रैन पर अमरीका और ब्रिटेन का नियंत्रण होने की जानकारी हमें प्राप्त हुई हैं’, ऐसा आरोप रशिया के विदेशमंत्री लैव्हरोव्ह ने लगाया।

‘अमरीका और ब्रिटेन यूक्रैन की गतिविधियों के निर्णय करते हैं। अमरीका और ब्रिटेन को रशिया-यूक्रैन युद्ध लंबे समय तक जारी रखना हैं। युद्ध जितना लंबा चलेगा उतनी ज्यादा रशियन सेना को नुकसान पहुँचाना मुमकिन होगा, यही उनकी मंशा है। इस वजह से अमरीका, ब्रिटेन और कुल मिलाकर पश्चिमी देशों ने शांति समझौते के लिए किसी भी तरह का पुख्ता प्रस्ताव नहीं दिया’, यह दावा रशियन विदेशमंत्री ने किया। अमरीका, ब्रिटेन और यूरोपिय नेताओं ने किसी भी स्थिति में रशिया यह युद्ध जितना नहीं चाहिये, ऐसें बयान बार बार किए हैं, इस ओर भी लैव्हरोव्ह ने ध्यान आकर्षित किया। रशिया के विरोध मे ‘हायब्रिड वॉर’ शुरू हैं और यूक्रैन इसका हिस्सा होने की बात पश्चिमीदेशों ने बारबार कबुल की हैं, ऐसा रशियन विदेशमंत्री ने इस दौरान कहा।

विदेशमंत्री लैव्हरोव्ह के बयान का रशिया के सिक्युरिटी काऊन्सिल के सचिव निकोलाय पत्रुशेव्ह ने भी समर्थन किया। ‘अमरीका के साथ पश्चिमी देशों ने रशिया के खिलाफ व्यापार मुहीम शुरू की हैं और भारी संख्या में प्रतिबंध भी लगाए हैं। यह बात यूक्रैन यानी सीर्फ रशिया विरोधी अघोषित युद्ध के लिए आगे किया कारण हैं, यही साबित करती हैं’, ऐसा पत्रुशेव्ह ने कहा।

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