तीसरा विश्वयुद्ध शुरू हुआ है

- नामांकित आर्थिक विशेषज्ञ् नॉरियल रुबिनी

तीसरा विश्वयुद्ध शुरू हुआ है

बर्लिन – ‘ईरान और इस्रायल कभी भी टकरा सकते हैं। यूक्रेन युद्ध में नाटो का शामिल होने की संभावना भी बढ़ी हैं। इसी बीच चीन भी आज ना कल ताइवान पर हमला करेगा, इसकी बायडेन प्रशासन बड़ी उत्सुकता से प्रतिक्षा कर रहा हैं। यह देखा जाए तो तीसरा विश्वयुद्ध शुरू हुआ है, यह प्रामाणिकता से स्वीकारना होगा। यूक्रेन में और सायबर क्षेत्र में तो यह युद्ध प्रत्यक्ष लड़ा जा रहा हैं’, ऐसी चेतावनी नामांकित आर्थिक विशेषज्ञ्ा नॉरियल रुबिनी ने दी। साथ ही भयंकर महंगाई, तीव्र आर्थिक मंदी और भारी मात्रा की बेरोजगारी के संकट का विश्व को सामना करना होगा, ऐसा कहकर रुबिनी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था का ‘क्रैश लैंडिंग’ होगा, यह इशारा भी दिया है।

 तीसरा विश्वयुद्ध शुरू हुआ हैसाल २००८ की आर्थिक मंदी के संकट का विश्व को काफी पहले ही अहसास कराने वाले आर्थिक विशेषज्ञ् ऐसी नॉरियल रुबिनी की पहचान हैं। इसी वजह से उन्हें वॉल स्ट्रीट के डॉक्टर डूम कहा जाता है। न्यूयॉर्क युनिवर्सिटी के प्रोफेसर नॉरियल रुबिनी के ‘मेगाथ्रेटस्‌‍ ः टेन डेंजरस ट्रेन्डस्‌‍ दैट इंपिरियल अवर फ्युचर ॲण्ड हाऊ टू सर्वायव देम’ नामक किताब पिछले महीने प्रकाशित हुई। इसमें उन्होंने विश्व को संभावित खतरों का अहसास कराया हैं और इस अवसर पर वह माध्यमों को साक्षात्कार दे रहे हैं। जर्मनी के ‘देर स्पिगल’ नामक नामांकित पत्रिका को दिए साक्षात्कार के दौरान रुबिनी ने तीसरां विश्वयुद्ध शुरू होने का अहसास स्पष्ट शब्दों में विश्व को कराया।

यूक्रेन में एवं सायबर क्षेत्र में प्रत्यक्ष युद्ध शुरू हैं ही। इसी के साथ ईरान और इस्रायल किसी भी क्षण टकराएँगे और घना संघर्ष शुरू होगा, ऐसी चेतावनी नॉरियल रुबिनी ने दी। इसके अलावा चीन ताइवान पर कब हमला करेगा, इसकी प्रतिक्षा बायडेन प्रशासन बड़े उत्साह से कर रहा हैं, यह दावा रुबिनी ने किया। इसका कारण भी रुबिनी ने इस साक्षात्कार के दौरान साझ्ाा किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सप्लाई हो रहे ५० प्रतिशत सेमीकंडक्टर्स का निर्माण ताइवान में ही होता हैं। इनमें से ८० प्रतिशत सेमीकंडक्टर्स अतिप्रगत वर्ग के हैं। ताइवान के यह सेमीकंडक्टर्स निर्माण केंद्र अमरीका को अपने देश में स्थापित करने हैं। इसके लिए अमरीका ताइवान पर चीन ने हमला करने की प्रतिक्षा कर रही हैं, ऐसा अनुमान नॉरियल रुबिनी ने बयान किया।

ताइवान पर कब्ज़ा पाने के लिए चीन को जल्द गति से सैन्य गतीविधियाँ करनी होगी। नहीं तो रशिया ने जैसे यूक्रेन पर हमला किया वैसें ही यह युद्ध लंबा चलेगा और यह चीन के बस की बात नहीं होगी। इसका अहसास भी चीन को हुआ हैं, यह दावा रुबिनी ने किया। इसके अलावा आर्थिक मोर्चे पर विश्व के सामने भीषण संकट खड़ा हुआ हैं, यह संकट १९७० के दशक की मंदी की तरह होगा, तो वह भाग्य की बात होगी। लेकिन, यदि यह मंदी साल १९४० की महायुद्ध की ओर धकेलनेवाली साबित हुई तो शामत होगी, ऐसा एक विश्लेषक ने किए बयान का दाखिला भी नॉरियल रुबिनी ने इस साक्षात्कार के दौरान दिया।

यूक्रेन युद्ध और ताइवान का झ्ाटका इस विश्व को भुगतने होने वाले कई झ्ाटकों में से एक-दो बाते होगी। रशिया और यूक्रेन का युद्ध ईरान और इस्रायल या चीन तक पहुँचने से पहले तेज़ गतिविधियाँ नहीं की, तो स्थिति अधिक गंभीर होगी ऐसा रुबिनी ने कहा। इसके साथ ही रणनीतिकारों ने स्टैगफ्लेशन से बचने के लिए आवश्यक प्रावधान करने होंगे, इसपर भी नॉरियल रुबिनी ने ध्यान आकर्िषत किया। एक ही समय पर धीमा पड़ा विकास दर, महंगाई और बेरोजगारी यह सभी समस्या एक ही समय पर तीव्र होती हैं, उसे स्ट्रैगप्लेशन कहा जाता है। विश्व जल्द ही भयंकर समस्या का सामना करेगा। ऐसी स्थिति में पूरे विश्व के देशों को निर्णय करना काफी कठिन होगा। क्यों कि, महंगाई रोकने के लिए ब्याजदर बढ़ाने होंगे। ऐसें में मंदी के खतरे से बचने के लिए ब्याजदर कम करने होंगे। इस वजह से कोई भी निर्णय किया या ना किया तो भी अनहोनी अटल होगी। इसी कारण से अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का विमान ‘हार्ड लैन्डिंग’ करेगा, यह कहकर इसके झ्ाटके सबको भुगतने होंगे, ऐसी चेतावनी नॉरियल रुबिनी ने दी।

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