हैलिफैक्स/मास्को – ‘रशिया का यूक्रेन पर हमला तानाशाही और अशांतिभरा विश्व कैसा होगा, इसकी झलक है। ऐसे विश्व में रहना हम में से किसी को पसंद नहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु अस्त्रों के प्रसार का साया है और यूक्रेन युद्ध इस प्रसार का निमंत्रक है। इससे विश्व अधिक असुरक्षित होता जाएगा। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की तरह निरंकुश तानाशाह रशिया-यूक्रेन युद्ध पर नज़र रखे हुए हैं। यदि रशिया इसमें सफल हुई तो परमाणु अस्त्र रखनेवाले देशों को अन्य देशों का शिकार करने का अनुज्ञा-पत्र मिलेगा, यही भावना दृढ़ होगी। इससे विश्व में परमाणु अस्त्रों के लिए हो रही स्पर्धा अधिक गतिमान होगी’, ऐसी गंभीर चेतावनी अमरिकी रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन ने दी।
कनाड़ा में हो रही अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में अमरिकी रक्षा मंत्री ने रशिया-यूक्रेन युद्ध पर अपनी भूमिका रखी। यह संघर्ष २१वीं सदी का भविष्य तय करने वाला संघर्ष होने का दावा रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने किया। रशिया का यूक्रेन पर हमला वैश्विक स्तर पर मौजूद नियमों पर आधारित व्यवस्था को ही चुनौती देता है, यह इशारा उन्होंने दिया। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने हमले का एवं युद्ध का विकल्प चुना है और यह बात यूरोप की सुरक्षा के अलावा नाटो के लिए भी सबसे बड़ी चुनौती होने की बात अमरिकी रक्षा मंत्री ने रेखांकित की।
रशिया ने विश्व को सुरक्षित रखने वाले नियमों पर आधारित व्यवस्था तबाह की है और अपने सामायिक मूल्यों पर हमला किया है, यह दावा ऑस्टिन ने किया। पुतिन के युद्ध के कारण यूरोप पर महायुद्ध के बाद का सबसे बड़ा संकट आन पडा है, यह दावा भी अमरिकी रक्षा मंत्री ने इस दौरान किया। रशिया की आक्रामकता की वजह से यूरोपिय देश ड़रे हुए हैं, ऐसा कहने के साथ ही अमरीका या नाटो इस युद्ध में खींचे नहीं जाएंगे, यह गवाही भी उन्होंने दी। अमरीका और नाटो यूक्रेन के पीछे ड़टकर खड़े रहेंगे और नाटो सदस्य देशों की एक इंच भूमि भी रशिया के कब्ज़े में जाने नहीं देंगे, ऐसी चेतावनी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने इस दौरान दी। रशिया-यूक्रेन संघर्ष में यूक्रेन को अधिकाधिक सफलता प्राप्त हुई तो रशिया फिर से परमाणु धमकियां देना शुरू कर सकती है, यह दावा भी उन्होंने इस दौरान किया।
इस के साथ ही उन्होंने रशिया और चीन की मित्रता एवं चीन ने ताइवान पर हमला करने के लिए शुरू की हुई तैयारी का भी ज़िक्र किया। अमरीका और सहयोगी देशों ने यूक्रेन संघर्ष से सबक सिखा है और चीन को रोकने के लिए ‘इंडो-पैसिफिक’ के देशों को अधिकाधिक सहायता मिल रही है, इस पर भी अमरिकी रक्षा मंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देश रशिया की सहायता कर रहे हैं, इसकी भी ऑस्टिन ने इस दौरान आलोचना की।
रशिया-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अपनी न्युक्लियर फोर्सेस को अलर्ट पर रहने के आदेश दिए थे। इसके बाद नए परमाणु अस्त्रों का परीक्षण एवं परमाणु युद्धाभ्यास का आयोजन करके रशिया की परमाणु तैयारी भी दिखाई थी। रशिया परमाणु हथियारों को लेकर कर रही बयान खोखले ना होने का इशारा भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दिया था। कुछ महीने पहले रशिया में सेना अधिकारियों की बैठक में यूक्रेन के खिलाफ ‘टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स’ इस्तेमाल करने की मांग भी वरिष्ठ अधिकारियों ने की थी।
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