ताइवान का युद्ध उम्मीद से पचास गुना भयंकर होगा

- ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन

लंदन – ‘आनेवाले समय में चीन ने ताइवान पर हमला किया तो फिर यूक्रेन का संघर्ष काफी छोटे महसूस होगा। भौगोलिक, रणनीतिक और आर्थिक परिणामों की पृष्ठभूमि पर ताइवान का युद्ध यूक्रेन से भी ५० गुना अधिक भयंकर होगा। इस युद्ध से खड़े होने वाले आर्थिक संकट का आम तौर पर विचार करना भी मुमकीन नहीं होगा। इसके सामने कोविड के बाद का आर्थिक संकट यानी आम सिरदर्द लगेगा’, ऐसी चेतावनी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने दी।

ताइवान का युद्ध

‘लोवी इन्स्टीट्यूट’ नामक ब्रिटीश अभ्यास गुट ने आयोजित बैठक में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने यह बयान करके चीन के खतरे की ओर गंभीरता से देखने की गुहार लगायी। चीन का ताइवान पर हमला करने का खतरा हर दिन बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ताइवान की सुरक्षा पर ध्यान दे, ऐसा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री रहते मॉरिसन ने चीन के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाई थी। चीन ऑस्ट्रेलिया की राजनीति में दखलअंदाज़ी कर रहा है, यह आरोप मॉरिसन ने लगाया था। साथ ही साउथ चाइना सी की समुद्री यातायात की स्वतंत्रता और ताइवान के मुद्दे पर मॉरिसन ने चीन विरोधी भूमिका अपनाई थी। कोरोना की महामारी चीन से फैलने का आरोप भी मॉरिसन ने लगाया था। इसी बीच द्वीप देश वनातू में चीन के सैन्य अड्डे का निर्माण करने का भी मॉरिसन ने सख्त विरोध किया था।

ताइवान का युद्ध

ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज्‌ चीन के संबंध सुधारने के लिए पहल कर रहे हैं। चीन ने लगाए प्रतिबंधों की वजह से ऑस्ट्रेलियन उद्योग क्षेत्र को २० अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। इस वजह से ७० प्रतिशत ऑस्ट्रेलियन नागरिक चीन के साथ मित्रता के संबंध बनाने के लिए प्राथमिकता दे रहे हैं, यह दावा भी किया जा रहा है। लेकिन, लोवी इन्स्टीट्यूट ने किए सर्वेक्षण के बाद चार में से तीन लोग अभी तक चीन को अपना शत्रु देश समझते हैं। अगले २० सालों में चीन ही ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ा खतरा साबित होगा, ऐसा ड़र ऑस्ट्रेलिया की जनता व्यक्त कर रही हैं, ऐसा इस अभ्यास गुट ने कहा हैं।

इसी बीच, मॉरिसन की तरह ब्रिटीश अभ्यास गुट के कार्यक्रम में उपस्थित रहे तिब्बत के पूर्व प्रधानमंत्री पेंपा त्सेरिंग ने भी चीन का ताइवान पर जल्द ही हमला होने की संभावना होने की चेतावनी दी। आर्थिक संकट से घिरा चीन इससे बाहर निकालने के लिए ताइवान पर हमला कर सकता है, ऐसा दावा त्सेरिंग ने किया। चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी अपने अस्तित्व के लिए ताइवान या भारत पर हमला करेगा, ऐसी चेतावनी त्सेरिंग ने दी।

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