परमाणु जंग का सामना करने के लिए अमरिका की आपातकालीन योजना तैय्यार

परमाणु जंग का सामना करने के लिए अमरिका की आपातकालीन योजना तैय्यार

वॉशिंग्टन – रशिया और अमरिका के बीच परमाणु जंग भडकने की चेतावनी दी जा रही है| इसके चलते अमरिका द्वारा परमाणु जंग का सामना करने के लिए एक आपातकालीन योजना तैय्यार की गयी है| ब्रिटन के एक दैनिक द्वारा इस संदर्भ में दिये खबर में, राजधानी वॉशिंग्टन के साथ न्यूयॉर्क और लॉस एंजेलिस जैसे मुख्य शहर अमरिका पर होनेवाले परमाणु हमले के लक्ष्य होंगे ऐसा खलबली मचानेवाला दावा किया गया है|

ऐसे परमाणु हमलों का सामना करने के लिए अमरिका की ‘डिपार्टमेंट ऑफ होमलॅण्ड सिक्युरिटी’ द्वारा परमाणु जंग के संदर्भ में आपातकालीन योजना बनायी गयी है| इस योजना को ‘नॅशनल रिस्पॉन्स सिनॅरिओ नंबर वन’ ऐसा नाम दिया गया है| इस आपातकालीन योजना के अनुसार परमाणु हमला होने के बाद अमरिकी शहरों में तत्काल सेना तैनात की जायेगी| सेना के जवान परमाणु हमले के बाद करीब तीन हजार वर्ग मैल का हिस्सा खाली कर देंगे| इस से परमाणु हमले से होनेवाली क्षति कम हो सकती है|

अमरिकी शहरों पर परमाणु हमला हुआ तो, १० हजार टन ‘टीनएटी’ स्फोटक का सामर्थ्यवाले परमाणु बॉम्ब का इस्तेमाल हो सकता है, ऐसी संभावना ध्यान में रखते हुए आपातकालीन योजना तैयार की गयी है| अमरिका के प्रमुख शहरों में आतंकवादियों द्वारा भी परमाणु बम का विस्फोट किया जा सकता है, ऐसी संभावना भी आपातकालीन योजना में व्यक्त हुई है| राजधानी वॉशिंग्टन में ऐसा हमला हुआ तो लाखो लोगों की जान जा सकती है, ऐसा दावा आपातकालीन योजना में किया है, ऐसे खबर में बताया गया है|

अमरिका पर अगर परमाणु हमला होता है, तो उस से करीब ६४ फीट गहरा और १५० फीट व्यास का गड्डा तयार होगा| साथ ही विकिरण की वजह से होनेवाला विषप्रयोग और अंधेपन के साथ अनेक व्याधि का सामना करना पड सकता है| ‘नॅशनल रिस्पॉन्स सिनॅरिओ नंबर वन’ में ऐसा बताया गया है| परमाणु हमले के बाद फिर एक बार अमरिकी शहरों को खडा करने के लिए काफी साल और अरबों डॉलर्स की पूंजी लग सकती है तथा अर्थव्यवस्था को भयावह मंदी का मुकाबला करना पडेगा, ऐसी संभावना भी व्यक्त की जा चुकी है|

जनवरी महीने में अमरिका के ‘सेंटर फॉर डिसिज् कंट्रोल ऍण्ड प्रिव्हेंशन’द्वारा (सीडीसी) परमाणु जंग के चलते नागरिकों द्वारा बरतायी जानेवाली सावधानी और तैय्यारी के बारे में मार्गदर्शन के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था| अन्य घटनाओं में दिये जानेवाले आपातकालीन प्रतिसाद से परमाणु हमले के प्रतिसाद का नियोजन और तैयारी काफी अलग रेहती है| यह समझ लोगों को इस कार्यक्रम द्वारा की गयी थी|

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