यूरोपीय संसद की चुनाव में ‘ख्रिश्‍चन लोकतंत्र’ जितेगा – हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन

यूरोपीय संसद की चुनाव में ‘ख्रिश्‍चन लोकतंत्र’ जितेगा – हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन

बुखारेस्ट – अगले साल होनेवाले यूरोपीय संसद के चुनाव में ‘ख्रिश्‍चन लोकतंत्र’ यूरोप को विविध संस्कृती का मिश्रण बनानेवाले बहुसंस्कृतीवाद विचारधारा को पराभूत करेगा, ऐसी चेतावनी हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन ने दिया है। इस वक्त यूरोप का नेतृत्त्व करनेवाला अभिजात और उदारमतवादी वर्ग चिंतित है और उनका सत्ता से जाने का समय नजदीक आ गया है, ऐसे भी ऑर्बन ने कहा।

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यूरोप में सन २०१९ में मई महीने में संसद का चुनाव है। यह चुनाव यूरोपीय महासंघ के भवितव्य के बारे में निर्णायक साबित होगा, ऐसा पूर्वकथन विविध विश्‍लेषक तथा तज्ज्ञोंद्वारा किया जा रहा है। पिछले सालभर के समय में यूरोप में शरणार्थियों की समस्या बिगडती जा रही है और उसके खिलाफ जनता में तीव्र असंतोष दिखाई दे रहा है। यूरोपीय संघ के मुख्य देश रहें जर्मनी, फ्रान्स, ऑस्ट्रिया, इटली, पोलंड, हंगेरी, झेक रिपब्लिक, नेदरलॅण्ड जैसे देशों में राजनीतिक स्तर पर भी इसके जबरदस्त परिणाम उमडे हुए दिख रहे है।

शरणार्थियों को विरोध करनेवाले राजनीतिक गुटों को जनता का स्पष्ट समर्थन मिलते हुए नजर आ रहा है, तथा उसका स्वागत करनेवाले नेताओं को असफलता का सामना करना पड रहा है। जर्मनी की चैन्सेलर अँजेला मर्केल का शरणार्थियों के मसले पर पिछे हटना निर्णायक भाग माना जाता है। इस पृष्ठभूमि पर शरणार्थियों को विरोध करनेवाले दक्षिणपंथी विचारधारा के गुटों को साथ लाने की प्रक्रिया शुरु हो गयी है। इसके लिए फ्रेंच नेता ‘मरिन ली पेन’, हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन, ऑस्ट्रिया के चैन्सेलर ‘सेबॅस्टियन कर्झ’, इटली के अंतर्गत रक्षा मंत्री मॅटिओ सॅल्व्हिनी जैसे प्रमुख नेताओं ने अगुआई की है।

‘ख्रिश्‍चन लोकतंत्र’, चुनाव, बहुसंस्कृतीवाद, व्हिक्टर ऑर्बन, शरणार्थि, यूरोप का रुपांतरण, हंगेरी, अँजेला मर्केलकुछ दिन पहले अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के भूतपूर्व सलाहकार स्टिव्ह बॅनन ने यूरोप की यात्रा करते हुए ‘द मुव्हमेंट’ नाम के गुट की स्थापना करने का ऐलान किया था। यह ऐलान सन २०१९ में होनेवाले यूरोपीय संसद के चुनाव के लिए दक्षिणपंथी विचारधारा के गुटों की तैय्यारी शुरु हो गयी है, इस बात के संकेत माने जाते है। इस बीच हंगेरी के प्रधानमंत्री द्वारा रोमानिया में हंगेरिअन वंश के समूह के आगे किया भाषण ध्यान खींचनेवाला साबित होता है।

‘यूरोपीय संघ का विद्यमान नेतृत्त्व सदस्य देशों को शरणार्थियों की समस्या से सुरक्षित रखने में नाकामियाब रहा है। इसलिए अब उनका सत्ता छोडने का समय आ गया है। इस नेतृत्त्व को यूरोप का रुपांतर ख्रिश्‍चनों के काल के पश्‍चात वाले यूरोप में करना है। इस काल में यूरोपीय देश नामशेष होंगे। अगले साल होनेवाले चुनाव के माध्यम से इस प्रक्रिया को क्षीण किया जा सकता है। यूरोप का रुपांतरण रोकना हमारे हित में है।’ ऐसा ऑर्बन ने कहा है।

‘यूरोपीय संघ उदारमतवाद के मूल्य और विविध संस्कृती का मेल रहें बहुसंस्कृतीक यूरोप के आगे बढा रहा है। पर आनेवाले चुनाव में ख्रिश्‍चन लोकतंत्र के आगे यह सब ध्वस्त हो जायेगा।’ ऐसा दावा हंगेरी के प्रधानमंत्री ने किया। यह ख्रिश्‍चन लोकतंत्र पारंपारिक रुप से उदारमतवाद वाली नही, ऐसा कहते हुए इसका शरणार्थी और बहुसंस्कृतीवाद के साथ कम्युनिझम के मूल्यों को भी विरोध है, ऐसा प्रधानमंत्री ऑर्बन ने स्पष्ट किया।

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