रशिया एझोव्ह समुद्र पर अपना अधिकार जमा रहा है – यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष का आरोप

रशिया एझोव्ह समुद्र पर अपना अधिकार जमा रहा है – यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष का आरोप

मारीपोल – पूर्व यूक्रेन के नियंत्रण के लिए रशिया और यूक्रेन के बीच शुरू संघर्ष सीधे ‘एझोव्ह’ समुद्र तक जा पहुंचा है। यूक्रेन ‘एझोव्ह’ के क्षेत्र में नौदल के लिए नया अड्डा निर्माण हो रहा है और आनेवाले वर्ष के आखिर तक यह नौदल अड्डा कार्यान्वित होगा, ऐसी घोषणा राष्ट्राध्यक्ष ‘पेट्रो पोरोशेन्को’ ने की है। प्रत्युत्तर के तौर पर रशिया द्वारा वहां के विवादाग्रस्त भाग में पुल निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है साथ ही यूक्रेन के जहाजों को एझोव्ह के समुद्र में प्रवेश करने पर बंदी लगा दी गयी है। इस बात का उदाहरण देते हुए यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा रशिया एझोव्ह के समुद्र पर अपना अधिकार जमाने की तैयारी में है ऐसा आरोप किया है।

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दशक भर पहले रशिया और यूक्रेन में हुए करार के अनुसार एझोव्ह का समुद्र दोनों देशों के जहाजों के लिए मुक्त होगा। पर पिछले कई महीनों से एझोव्ह के समुद्र में तनाव बढ़ गया है और रशिया इस सागर क्षेत्र पर अपना अधिकार जमाने की कोशिश कर रहा है ऐसा आरोप यूक्रेन की पोरोशेन्को सरकार कर रही है। रशिया द्वारा ‘कर्च’ के खाड़ी क्षेत्र में यात्राबंदी जारी करने की वजह से यूक्रेन के व्यापारी जहाजों की सागरी परिवहन  स्वतंत्रता खतरे में आने की आलोचना यूक्रेन ने की है।

रशिया के इस भूमिका पर अमरिका और यूरोपीय महासंघ द्वारा आक्षेप लिया गया है। यूक्रेन के व्यापारी जहाजों पर प्रतिबंध लगाकर रशिया यूक्रेन को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है, ऐसा आरोप अमरिका के विदेश मंत्रालय ने कुछ दिनों पहले किया था। साथ ही रशिया एझोव्ह के समुद्र पर लगायी गयी प्रवास बंदी को वापस ले, ऐसी मांग अमरिका ने की थी। रशिया द्वारा जारी की गई प्रवास बंदी यूक्रेन के साथ यूरोपीय देशों के जहाजों के लिए बाधाकारक साबित होने की आलोचना यूरोपीय महासंघ ने की है। मात्र रशिया एझोव्ह समुद्र पर प्रवास बंदी के अपने निर्णय पर कायम है।

५ वर्ष पहले यूक्रेन के साथ संघर्ष में क्रिमिआ पर अपना अधिकार जमा लेने के पश्चात्‌ रशिया ने क्रिमिआ को जोड़ने के लिए ‘कर्च’ में बड़े पुल का निर्माण कार्य शुरू किया है। परंतु क्रिमिआ यह अपना ही भूभाग है जिसे रशिया ने हथीया लिया है, ऐसा आरोप करनेवाले यूक्रेन द्वारा इस पुल के निर्माण कार्य के प्रति विरोध किया जा रहा है। पाश्चिमात्य देशों द्वारा रशिया के इस पुल निर्माण कार्य पर आक्षेप लिया गया था, फिर भी रशिया ने इस क्षेत्र में अपना पुल निर्माण कार्य शुरू ही रखा है।

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