‘व्हाईट हाऊस’ का ‘हुसैनिया’ होने तक अमरिका के विनाश की घोषणा ईरानी करते रहेंगे – ईरान के धर्मगुरू का विस्फोटक बयान

‘व्हाईट हाऊस’ का ‘हुसैनिया’ होने तक अमरिका के विनाश की घोषणा ईरानी करते रहेंगे – ईरान के धर्मगुरू का विस्फोटक बयान

तेहरान – ‘‘इस्लाम परचम दुनिया भर में फडकता रहे इस लिए ईरान की जनता संघर्ष कर रही है| जब तक अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष का निवासस्थान ‘व्हाईट हाऊस’ बदल कर हुसैनिया यानी शिया इस्लामिक सेंटर बनता नही तब तक ईरान की जनता अमरिका कके विनाश की घोषणा करते रहेगी’’, ऐसा ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरू के नजदीकी आयातुल्ला ‘लोत्फोल्ला देझ्खाम’ इन्होंने कहा है|

ईरान की सियासी रचना के नुसार इस देश में सभी अधिकार सर्वोच्च धर्मगुरू आयातुल्लाह खामेनी इनके हाथ में केंद्रीत है| खामेनी इनके नजदीकी और प्रतिनिधि रहे आयातुल्ला ‘लोत्फोल्ला देझ्खाम’ इन्होंने किए इस वक्तव्य को बडा महत्व प्राप्त हुआ है| इस्लाम धर्म का परचम पूरे दुनिया में फहरा कर हमारे मुक्तिदाता इमाम महदी इनका राज पुरे दुनिया पर स्थापित होगा, यह ईरान की जनता का कडा विश्‍वास है| इसी लिए ईरान की जनता बिना थके संघर्ष कर रही है, यह दावा देझ्खाम इन्होंने किया|

इस वजह से ईरान के शत्रू डर गए है| इस डर की वजह से ही अमरिका ने ईरान पर कठोर प्रतिबंध लगाए है| यदिन अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्हें ईरान का डर नही लगता, तो उन्होंने ईरान को ईंधन बेचने से रोका नही होता| ईरान की जनता की दहाड से जागतिक शक्ति भी डरी हुई है, यह दावा देझ्खाम इन्होंने किया| लेकिन, अपने मुक्तिदाता इमाम महदी प्रकट होंगे और उनका राज पुरे दुनिया पर स्थापित हुए बिना एवं व्हाईट हाऊस बदल कर हुसैनिया यानी शिया इस्लामिक सेंटर बनता नही तब तक ईरान की जनता अमरिका के विनाश की घोषणा देना बंद नही करेगी, यह देझ्खाम इन्होंने आगे कहा|

उनके इस विवादास्पद वक्तव्य के बाद उपस्थित लोगों ने अमरिका के विरोध में जोरदार घोषणाबाजी करने का वृत्त है| इसके पहले भी ईरान के नेताओं ने इस्रायल और अमरिका के विरोध में उग्र भाषणबाजी की थी| लेकिन, देझ्खाम इनका यह वक्तव्य ईरान और अमरिका के बीच संघर्ष शुरू होने की स्थिति बनी होने के दौरान होने से काफी विस्फोटक साबित होता है|

इस्रायल के कुछ नेता सीरिया में शुरू ईरान की गतिविधियां रोकने के लिए सीधे ईरान पर हमला करने का प्रस्ताव रख रहे है| तभी, सीरिया पर हो रहे इस्रायल के हमले रोकना है तो, इस्रायल पर हमले करना जरूरी है, एसा तर्क ईरानी लष्करी अधिकारी रख रहे है| उसी समय अमरिका भी, ईरान पर लष्करी कार्रवाई करने का विकल्प अभी छोडा नही है, यह याद दिला रही है| साथ ही ईरान पर लगे प्रतिबंधों के विरोध में जाकर युरोपीय देशों ने ईरान के साथ व्यवहार किया तो उनपर भी कार्रवाई होगी, ऐसा डंडा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने उठाया है|

इस वजह से पहले ही बडे दबाव में आयी ईरान की अर्थव्यवस्था परास्त होने की आशंका बढ रही है| ऐसी स्थिति में ईड़ान के सर्वोच्च धर्मगुरू आयातुल्लाह खामेनी इनके प्रतिनिधि ने अमरिका के विरोध में दिया यह इशारा आग में घी डालने का काम कर रहा है|

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