अंतरिक्ष युद्ध के लिए नाटो का ‘ऑपरेशनल कमांड’ कार्यरत – नाटो प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने किया ऐलान

अंतरिक्ष युद्ध के लिए नाटो का ‘ऑपरेशनल कमांड’ कार्यरत – नाटो प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने किया ऐलान

ब्रुसेल्स – रशिया और चीन जैसे शत्रुदेश प्रगत मिसाइल और हवाई सुरक्षा एवं उपग्रह नष्ट करने के लिए ‘लेजर सिस्टिम्स’ जैसी यंत्रणा कार्यान्वित कर रहे है, इस ओर ध्यान आकर्षित करके नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने अंतरिक्ष युद्ध के लिए नाटो की ‘ऑपरेशनल कमांड’ कार्यरत होने का ऐलान किया| बुधवार के दिन ब्रुसेल्स में नाटो सदस्य देशों के विदेशमंत्रियों की मौजुदगी में हुई बैठक में यह जानकारी उन्होंने दी|

     

पिछले कुछ वर्षों में अमरिका, रशिया, चीन, फ्रान्स जैसे प्रमुख देश अंतरिक्ष क्षेत्र में होनेवाले संभावित युद्ध के लिए जोरदार तैयारी करते दिख रहे है| इन प्रमुख देशों की यह तैयारी शुरू होते हुए नाटो जैसी प्रमुख लष्करी संगठन इस क्षेत्र में पीछे छुटने की बात स्पष्ट हुई थी| जुलाई महीने में ब्रिटेन के प्रमुख अभ्यासगुट ‘रॉयल इन्स्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल अफेअर्स’ (कैथम हाउस) ने इस विषय पर एर रपट भी प्रसिद्ध किया था|

इस रपट में नाटो के अलग अलग सदस्य देशों ने अंतरिक्ष में लष्करी उपग्रह स्थापित किए है और इनमें से किसी देश के उपग्रह पर हुआ सायबर हमला नाटो की पूरी यंत्रणा के लिए घातक साबित हो सकता है, यह दावा भी किया गया था| इन उपग्रहों पर नाटो का नियंत्रण ना होने की अहम बात भी इस रपट ने सामने रखी थी| इस रपट पर नाटो सदस्य देशों ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज की थी|

इसके बाद नाटो ने संबंधित मुद्दे पर बातचीत करने के लिए बैठक का आयोजन किया और स्वतंत्र ‘स्पेस पॉलिसी’ को मंजूरी दी थी| इसी के बीच अंतरिक्ष में बढ रही हथियारों की स्पर्धा पर ध्यान देकर इस क्षेत्र में सुरक्षा बढाने पर अधिक ध्यान देने का प्लैन पेश किया गया था| नाटो के सदस्य देश होनेवाले फ्रान्स ने खुद की स्वतंत्र ‘स्पेस फोर्स’ स्थापित करने का ऐलान करके अपनी धारणा अलग होगी, यह संकेत दिए थे| फ्रान्स की इस भुमिका से मुश्किलों में फंसे नाटो ने आखिर में पुख्ता भूमिका अपनाकर अंतरिक्ष क्षेत्र यह भविष्य में युद्धभूमि साबित होगी, यह स्वीकार किया और इस क्षेत्र के युद्ध की तैयारी रखने के लिए स्वतंत्र ‘कमांड’ स्थापित करने का ऐलान किया है|

इस ऐलान के बाद नाटो सदस्य देश तुरंत ही अंतरिक्ष में मिसाइल एवं अन्य यंत्रणा की तैनाती नही करेंगे, पर इस दिशा में पूरी तरह से हथियारों के साथ सज्जित रहने का निर्णय किया गया है, यह स्टॉल्टनबर्ग ने स्पष्ट किया| इस दौरान रशिया और चीन जैसे देश विकसित कर रहे प्रगत मिसाइलों का भी जिक्र किया गया| चीन और रशिया इन दोनों देशों ने अंतरिक्ष युद्ध के लिए बडी मात्रा में तैयारी करने की बात पहले ही स्पष्ट हुई है|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले वर्ष से ‘स्पेस फोर्स’ और बाद में ‘स्पेस कमांड’ स्थापित करने के लिए अनुमति दी है और यह कमांड ‘युनिफाईड कॉम्बैट कमांड’ होने का ऐलान भी किया है|

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