खाड़ी क्षेत्र के दो हज़ार आतंकी आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्ध में उतरे – रशियन विदेशमंत्री का दावा

खाड़ी क्षेत्र के दो हज़ार आतंकी आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्ध में उतरे – रशियन विदेशमंत्री का दावा

मॉस्को/येरेवान/बाकु – मध्य एशिया के आर्मेनिया और अज़रबैजान के जारी युद्ध में खाड़ी क्षेत्र के करीबन दो हज़ार आतंकी शामिल होने का दावा रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव ने किया है। लैवरोव ने अपने दावे में स्पष्ट तौर पर किसी भी देश का ज़िक्र नहीं किया है। लेकिन, बीते सप्ताह में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष से की हुई चर्चा में यह मुद्दा उठाया था, यह कहकर इन आतंकियों के पीछे तुर्की का ही हाथ होने के संकेत दिए हैं। रशिया के साथ फ्रान्स, आर्मेनिया और अन्य देशों ने आर्मेनिया-अज़रबैजान के युद्ध में तुर्की ने सीरियन आतंकियों को उतारने का आरोप किया था। तुर्की और अज़रबैजान दोनों देशों ने यह आरोप ठुकराए थे। लेकिन, रशियन विदेशमंत्री ने इससे संबंधित किया दावा सामने आने से यह मुद्दा दुबारा उठा है।

खाड़ी क्षेत्र

आर्मेनिया और अज़रबैजान का युद्ध अब एक महीने बाद भी जारी है और युद्धविराम की सभी कोशिशें नाकाम हुई हैं। अज़रबैजान ने नागोर्नो-कैराबख प्रांत एवं करीबी इलाके के लगभग २०० गांवों पर कब्जा करने का दावा किया है। नागोर्नो-कैराबख में १,२०० से अधिक आर्मेनियन सैनिक मारे गए हैं और ४० हज़ार से अधिक नागरिक विस्थापित हुए हैं। अज़रबैजान की सेना नागोर्नो-कैराबख एवं आर्मेनिया को जोड़नेवाले इलाके तक पहुँची है और मंगलवार से इन हमलों की तीव्रता बढ़ने की बात सामने आयी है। अज़रबैजान को प्राप्त हुई इस सफलता के पीछे तुर्की का हाथ होने की बात स्पष्ट हुई है।

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तुर्की ने अज़रबैजान को बड़ी मात्रा में हथियार और अन्य रक्षा सामान की आपूर्ति की है। साथ ही तुर्की ने खाड़ी क्षेत्र के सैंकड़ों आतंकियों को भी नागोर्नो-कैराबख में उतारा है। युद्ध शुरू होने के बाद कुछ ही दिनों में आर्मेनिया ने सीरियन आतंकी इस युद्ध में उतरने का आरोप किया था। आर्मेनिया के इस दावे के बाद फ्रान्स, रशिया, अमरीका, ईरान, सीरिया जैसे देशों ने भी आतंकवाद के मुद्दे पर तुर्की को फटकार लगाई थी। लेकिन, तुर्की ने इन आरोपों से इन्कार किया था। इस पृष्ठभूमि पर, रशिया के विदेशमंत्री ने फिर एक बार आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्ध में आतंकवाद का ज़िक्र करना ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हो रहा है। रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने यह मुद्दा सीधे तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष के साथ हुई चर्चा के दौरान उपस्थित करने का ज़िक्र करके विदेशमंत्री लैवरोव ने तुर्की को लक्ष्य किया है। साथ ही रशिया ने तुर्की के आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीरता से संज्ञान लेने के स्पष्ट संकेत भी रशियन विदेशमंत्री ने दिए हैं।

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आर्मेनिया ने नागोर्नो-कैराबख में अज़रबैजान के लिए लड़ रहे कुछ सीरियन आतंकियों को हिरासत में लेने का दावा किया हैं। इनमें से एक आतंकी ने अपने गुट को गांव के सभी आर्मेनियन्स की हत्या करने के आदेश प्राप्त होने का सनसनीखेज कबूलनामा दिया है। इन आतंकियों ने यह जानकारी भी साझा की है कि, हम तुर्की के रास्ते वहां पर पहुँचे हैं और हमें दो हज़ार डॉलर्स की लालच दिखाई गई थी। सीरिया के कम से कम हज़ार आतंकी अज़रबैजान में थे, यह बात भी संबंधित आतंकी ने अपने कबूलनामे में कही है, यह बात आर्मेनियन वृत्तसंस्था ने साझा की है।

इसी बीच, ईरान ने भी आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्ध में युद्धविराम करने की कोशिश के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्लाह अली खामेनी ने इससे संबंधित एक ट्विट किया है। इस ट्विट में उन्होंने आर्मेनिया ने नागोर्नो-कैराबख का हिस्सा अज़रबैजान के हाथों में दे और साथ ही इस क्षेत्र के सभी आर्मेनियन्स की सुरक्षा की गारंटी प्राप्त हो, यह कहा है। साथ ही इस क्षेत्र के आतंकियों ने ईरान में प्रवेश करने की कोशिश की तो उनके खिलाफ आक्रामक कार्रवाई की जाएगी, यह इशारा भी दिया है। खामेनी के इस ट्विट की पृष्ठभूमि पर रशिया अब ईरान की सहायता से आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्धविराम की कोशिश में होने का वृत्त कुछ रशियन माध्यमों ने जारी किया है।

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