नागोर्नो-कैराबख के शुशा शहर पर कब्जा करने का अज़रबैजान का दावा – आर्मेनिया ने दावा ठुकराया

नागोर्नो-कैराबख के शुशा शहर पर कब्जा करने का अज़रबैजान का दावा – आर्मेनिया ने दावा ठुकराया

बाकु/येरेवान – नागोर्नो-कैराबख के दूसरें क्रमांक के शुशा शहर पर कब्जा करने का दावा अज़रबैजान के राष्ट्राध्यक्ष इलहाम अलीयेव्ह ने किया है। अलीयेव्ह के दावे के बाद अज़रबैजान की राजधानी बाकु समेत कई शहरों में जल्लोष होने की जानकारी सामने आयी है। लेकिन आर्मेनिया ने, शुशा को लेकर अज़रबैजान ने किये दावे को ठुकराया है। आर्मेनिया के राष्ट्राध्यक्ष निकोल पशिनयान ने सोमवार के दिन सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी करके, शुशा के लिए लड़ाई जारी होने का भरोसा दिया हैं। इसी बीच शनिवार के दिन रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने फिर एक बार फ्रान्स और तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष के साथ, आर्मेनिया-अज़रबैजान युद्ध के विषय पर चर्चा की होने की जानकारी रशिया ने साझा की है।

पिछले कुछ दिनों में अज़रबैजान ने नागोर्नो-कैराबख में अपने हमलों की तीव्रता काफी मात्रा में बढ़ाई थी। ये हमलें शुशा पर कब्जा करने के लिए होने के दावे पत्रकार एवं विश्‍लेषकों ने किए थे। इसके साथ ही, इस शहर के लिए होनेवाली लड़ाई रक्तरंजित और निर्णायक होगी, ऐसीं चेतावनियाँ भी दीं थीं। इस वजह से, अज़रबैजान के राष्ट्राध्यक्ष ने रविवार के दिन किया ऐलान ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित होता हैं।

‘शुशा को आज़ाद किया गया है। ८ नवंबर का दिन अज़रबैजान की जनता के लिए इतिहास में विशेष तौर पर दर्ज़ होगा। शुशा फिर एक बार अज़रबैजान में शामिल हुआ है’ यह ऐलान अज़रबैजान के राष्ट्राध्यक्ष अलीयेव्ह ने किया है। अज़रबैजान के विदेश विभाग ने भी शुशा के मुद्दे पर निवेदन जारी किया है और अब पुरा नागोर्नो-कैराबख आज़ाद किए बिना अज़रबैजान रुकेगा नहीं, यह चेतावनी भी दी है। अज़रबैजान के ये दावे आर्मेनिया ने ठुकराए हैं।

शुशा के लिए बड़ी और निर्णायक लड़ाई हो रही है। शुशा पर कब्जा करना अज़रबैजान के लिए ख़याली पुलाव ही साबित होगा, यह बयान आर्मेनिया की सरकार ने किया है। आर्मेनिया के रक्षा विभाग ने भी, ‘सेना पर भरोसा करें’ यह कहकर, वहाँ पर संघर्ष जारी होने की बात कही है। आर्मेनिया के राष्ट्राध्यक्ष ने भी, ‘शुशा के लिए लड़ाई जारी हैं’ यह भरोसा देकर, ‘यह शहर खोया नहीं है’ यह खुलासा किया है। नागोर्नो-कैराबख की राजधानी स्टेपनकर्ट को आर्मेनिया से जोड़नेवाली कड़ी के तौर पर शुशा सामरिक नज़रिये से निर्णायक समझा जाता है। आर्मेनियन नागरिकों के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक नज़रिये से भी शुशा का स्थान बड़ा अहम है।

इसी बीच, आर्मेनिया-अज़रबैजान के बीच युद्धविराम करने के लिए रशिया ने नये से कोशिश शुरू की है। शनिवार के दिन रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन एवं तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन से फोन पर बातचीत की होने की जानकारी रशिया ने साझा की है।

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