मॉस्को: ‘अमरीका, फ़्रान्स और ब्रिटन ने सिरिया पर किये हमलें यह आक्रमण ही है। ये हमलें यानी संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों का उल्लंघन है। इससे आंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर विध्वंसक परिणाम हुआ है’, ऐसा कहते हुए रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने इस हमले का निषेध किया। साथ ही, जिस रासायनिक हमले का बहाना बनाकर अमरीका ने सिरिया पर हमला किया है, वह रासायनिक हमला बनावट था, ऐसा गंभीर आरोप रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया है। इसीके साथ, अमरीका और दोस्त राष्ट्रों के इस हमले के गंभीर परिणाम होंगे, ऐसी चेतावनी भी पुतिन ने दी।
‘दौमा में हुए रासायनिक हमले की आंतर्राष्ट्रीय निरीक्षको द्वारा चल रही तहकिक़ात पूरी होने से पहले ही अमरीका, फ़्रान्स और ब्रिटन ने सिरिया पर ये हमलें किये। इन हमलों को संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षापरिषद की मान्यता नहीं थी। इस कारण ये हमलें ग़ैरक़ानूनी साबित होते हैं और इस प्रकार से नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा’ ऐसी आलोचना रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने की। अमरीका ने इससे पहले भी इस तरह के विध्वंसक हमलें किये थे। युगोस्लाविया में भी अमरीका ने ताकत का इस्तेमाल करके इसी प्रकार का नरसंहार किया था। अमरीका ने सिरिया पर किये इस हमले से, सिरिया से निर्वासितों के झुँड़ बाहर निकलेंगे और इस सारे क्षेत्र को व्याप्त करेंगे, ऐसी चेतावनी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दी है।
रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दी हुई यह चेतावनी बहुत ही गंभीर साबित होती है। इससे पहले सिरिया में ‘आयएस’ ने किया रक्तपात और ‘आयएस’ पर अमरीका एवं रशिया ने किये हमलें इनसे बहुत बड़ी उथलपुथल हुई थी। इस देश से बाहर निकले निर्वासितों के झुँड़ युरोपीय देशों में दाख़िल हुए थे, जिससे नयीं समस्याएँ खड़ी हुईं थीं।
अकेले जर्मनी में लाखों निर्वासित दाख़िल हुए थे। इस पृष्ठभूमि पर, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दी हुई यह चेतावनी औचित्यपूर्ण साबित होती है। सिरिया पर यदि अधिक हमले हुए और इस देश में यदि और भी अस्थिरता मच गयी, तो उसका नुकसान युरोपीय देशों को सहना पड़ेगा, यही चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन फ़्रान्स एवं ब्रिटन के साथ अमरीका को दे रहे हैं, ऐसा दिखायी दे रहा है।
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