पॅरिस – यूरोप के लिए अमरिका को आर्थिक क्षेत्र में दुनिया के पुलिस की तरह स्वीकारने की जरुरत नही और यूरोप अमेरिका का ताबेदार राज्य नही बना है| ऐसी उग्र चेतावनी फ्रान्स द्वारा दी गयी है| ईरान परमाणु समझौते के मसले पर रशिया, यूरोपीय देश, तुर्की जैसे देशों ने अमरिकी फैसले को कडा विरोध दर्शाया है तथा स्वतंत्र भूमिका लेने के संकेत दिये है| फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन द्वारा ईरान के परमाणु समझौते से पिछे हटना जंग का ऐलान हो सकता है, ऐसी चेतावनी पहले ही दी थी|
अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को ईरान के परमाणु समझौते से बाहर निकलने का फैसला लिया था| ट्रम्प की इस फैसले से पहले ब्रिटन, फ्रान्स तथा जर्मनी इन देशों ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष को उनकी नीति बदलने का आवाहन किया था| लेकिन ट्रम्प ने अपनी भूमिका पर अडे रहते हुए ईरान के परमाणु समझौते से बाहर निकलने की घोषणा की थी| उनके इस घोषणा पर अंतरराष्ट्रीय स्तर से तीव्र प्रतिक्रियांए आ रही है| इस्रायल, सौदी अरेबिया और संयुक्त अरब अमिरात के अलावा अन्य प्रमुख देशों ने परमाणु समझौता कायम रखने के लिए कोशिशें शुरु की है|
शुक्रवार को फ्रान्स के वित्तमंत्री द्वारा आक्रामक वक्तव्यों द्वारा यूरोप अमरिका के सामने नही झुकेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत दिए गये| ‘यूरोप के लिए अमरिका को दुनिया का आर्थिक पुलिस के रुप में मानने की जरुरत नही है| यूरोप को अमरिका की झालर को लटकते हुए ताबेदार राज्य बनने की आवश्यकता नही| यूरोप अपने आर्थिक हितसंबंध बनाये रखते हुए ईरान के साथ कारोबार कायम रखने के बारे में फैसला ले सकता है|’ ऐसे शब्दों में वित्तमंत्री ब्रुनो ले मेर ने यूरोप को स्वतंत्र भूमिका लेने का आवाहन किया|
फ्रान्स के विदेश मंत्री जीन-वेस ले ड्रिअन ने भी चेतावनी देते हुए कहा कि, ईरान पर प्रतिबंद?लगाने का अमरिकी फैसला स्वीकारा नही जाएगा| ईरान के साथ हितसंबंध बनाये रखने के लिए यूरोपीय देश हर तरह की कोशिश करेंगे, ऐसा फ्रेंच विदेश मंत्री ने बताया| जर्मन चैन्सेलर अँजेला मर्केल ने इस मसले पद सावधानी की भूमिका लेते हुए अमरिका के साथ साझेदारी पर सवाल खडे नही कये जा सकते, ऐसा स्पष्ट किया|
एक तरफ यूरोप अमरिका के खिलाफ आक्रामक संकेत देते हुए दिखाई दे रहा है, वहीं रशिया और तुर्की ने भी ईरान मसले पर अमरिकी फैसला खारिज कर दिया है| तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन द्वारा इस मसले पर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के साथ बातचीत भी हुई है| इस समय अमरिकी फैसला गलत है और ईरान के साथ समझौता आगे लेके जाने के लिए कोशिश करनी होगी, इस बात पर दोनो नेताओं में एकमत हुआ, ऐसी जानकारी सूत्रों द्वारा दी गयी| तुर्की के वाणिज्य मंत्री ने भी ईरान के साथ कारोबार कायम रखने के संकेत देते हुए ‘सबल ईरान, सबल तुर्की’ ऐसे शब्दों मे ईरान के साथ संबंधो का समर्थन किया|
इसी बीच, ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने ईरान और इस्रायल में हुए संघर्ष पर प्रतिक्रिया देते हुए ईरान को खाडी क्षेत्र में नया तनाव नही चाहिए, ऐसा बयान दिया| उसी समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन पाने के लिए ईरान के विदेश मंत्री जावेद झरिफ शनिवार से अंतरराष्ट्रीय दौरे पर जा रहे है और इस दौरान वह रशिया, चीन और यूरोप को भेट देंगे|
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