राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और तानाशाह उन की ऐतिहासिक भेंट

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और तानाशाह उन की ऐतिहासिक भेंट

बातचीत सकारात्मक होने का राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प का दावा

सिंगापूर – उत्तर कोरिया के तानाशाह ‘किम जॉंग-उन’ के साथ अपनी भेंट जबरदस्त साबित हुई। ऐसा बताते हुए अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने यह ऐतिहासिक भेंट सफल हुई ऐसा भी कहा है। जल्द ही उत्तर कोरिया परमाणू अस्त्रों से मुक्त होगा, ऐसा दावा भी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने किया। उसी समय, अमरिका और दक्षिण कोरिया के बीच का युद्धअभ्यास समाप्त करने का ऐलान करते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने उत्तर कोरिया की मॉंग स्वीकार की है। उत्तर कोरिया जैसे देश को परमाणु अस्त्र छोडने के लिए राजी करने से ट्रम्प के विदेश नीति को बडी सफलता मिलने का चित्र दिखाई दे रहा है।

ऐतिहासिक भेंटसिंगापूर में हुई भेंट पर सारी दुनिया की नजर लगी हुई थी। इस भेंट पर अनिश्‍चितता का साया था। खुद ट्रम्प द्वारा, उत्तर कोरिया के तानाशाह को खत लिखकर, भेंट रद्द करने के बारें में बताया गया था। पर उसके बाद उत्तर कोरिया द्वारा लिये गये समझौतेवाली भूमिका की वजह से राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इस भेट के लिए तैय्यार हुए थे। मंगलवार को राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और तानाशाह किम जॉंग-उन के बीच ४५ मिनट बातचीत संपन्न हुई। इस बातचीत के बाद दोनो नेताओं ने सहमति समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस समझौते का विवरण अभी तक खुला नही किया गया है।

इसके बाद संवाददात परिषद को संबोधित करते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस भेट पर समाधान जताया। यह ऐतिहासिक भेंट है ऐसा कहत हुए ट्रम्प ने इस को सकारात्मक प्रतिसाद मिला, ऐसा स्पष्ट किया। उत्तर कोरिया के विवादित परमाणु कार्यक्रम के बारे में तथा अन्य वादग्रस्त मसलों पर हुई बातचीत से दोनो देशों के संबंधों में बडी प्रगती हुई, ऐसा दावा ट्रम्प ने किया है। पिछले सात दशकों में ऐसा किसी ने सोचा भी नही था, ऐसी फटकार भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस समय लगायी। ‘मै यहॉं बातचीत के लिए कैसा आ सकता हूँ? ऐसा सवाल पूछा गया। पर कोरियन देशों में स्थित करोडो नागरिकों की जान बचाने के लिए में कभी भी इस प्रकार की बातचीत के लिए तैय्यार रहुंगा।’ ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस वक्त कहा।

ऐतिहासिक भेंट‘यह सिर्फ बातचीत थी, इसके बाद राजनीतिक स्तर पर कोशिशें शुरु होगी। इसके लिए विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ और उनकी टीम चर्चा में शामिल होगी।’ ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने आगे कहा। साथ ही उत्तर कोरिया पर अमरिका ने डाले प्रतिबंध पिछे लेने का फैसला जल्दबाजी से नही लिया जायेगा। यह प्रतिबंध वैसे ही रहेंगे, ऐसे संकेत ट्रम्प ने दिये है। उत्तर कोरिया द्वारा पिछले महीनें परमाणु परीक्षण के लिए इस्तेमाल किये जानेवाली जगह पर विस्फोट किया गया था। भविष्य में यह देश परमाणु परीक्षण नही करेगा, ऐसा इस विस्फोट से साफ किया गया था। इसका जिक्र करते हुए अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष द्वारा उत्तर कोरिया की प्रशंसा की गयी।

इसी बीच, परमाणु अस्त्र छोडने के लिए उत्तर कोरिया राजी होना, यह राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के विदेश नीति को मिली बडी सफलता दिखाई देती है। इस से पहले उत्तर कोरिया के तानाशाह के साथ परमाणू युद्ध के धमकियों का आदानप्रदान करनेवाले ट्रम्प की अमरिकी मीडिया, विश्‍लेषक और कई राजकीय नेताओं कडी निंदा की थी। पर ट्रम्प की यह आक्रामक नीति सफल हुई, ऐसा दिखाई पड रहा है। इस से राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की प्रशासन के उपर नियंत्रण और भी मजबूत हुआ, ऐसे दिख रहा है। खास बात यह है की, उत्तर कोरिया जैसे चीन के प्रभुत्त्ववाले देश को अमरिका का कहना मानने के लिए मजबूर करते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने चीन को बडा झटका दिया, ऐसे दिखाई दे रहा है।

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