बैरुत – पिछले हफ्ते भर से सिरिया के दक्षिण भाग ‘डेरा’ में सिरियन लष्कर एवं रशिया में ने शुरु किए हमलों के वजह से लगभग ५० हजार जनता बेघर होने का दावा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने किया है। उनमें से कई बेघर इस्राइल के गोलान पहाडियों की दिशा से तथा कई जॉर्डन के सीमारेखा के लिए रवाना हुए हैं। पर सिरिया में विस्थापितों के इस नए झुंड के लिए अपनी सीमारेखा बंद रहेगी, ऐसी भूमिका जॉर्डन ने स्वीकारी है। इसकी वजह से सिरियन बेघरों का नया प्रश्न निर्माण होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
इस्राइल और जॉर्डन की सीमा के पास होनेवाले ‘डेरा’ में सिरियन लष्कर ने व्यापक मुहिम छेड़ी है। पिछले मंगलवार से सिरियन लष्कर ने डेरा में विद्रोहीयों के अड्डों पर हमले किए हैं। चार दिनों से रशियन लड़ाकू विमानों ने हमले शुरू करने की वजह से इस संघर्ष की व्याप्ति बढ़ने का दावा किया जा रहा है। परंतु सिरियन लष्कर और विद्रोहीयों में भडके हुए इस संघर्ष की वजह से हजारों लोग शरणार्थी होने की जानकारी संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानव अधिकार संगठन दी है।
इनमें से कई शरणार्थी इस्राइल के गोलान पहाड़ियों के सीमारेखा के लिए रवाना हुए हैं। इस्राइल के सीमारेखा के पास कोई भी डर न होने का दावा शरणार्थियों में से कई लोग कर रहे हैं। तथा शरणार्थियों का एक झुंड जॉर्डन के लिए रवाना हुआ है। इससे पहले सिरिया के संघर्ष में शरणार्थी हुए ६ लाख ६० हजार सिरियन नागरिक जॉर्डन के सीमाभाग में दाखिल हुए हैं।
पर आगे चलकर सिरिया के शरणार्थियों को अपने देश में प्रवेश नहीं होगा, ऐसी भूमिका जॉर्डन ने स्वीकारी है। इसके साथ संयुक्त राष्ट्रसंघ ने, सिरिया के दक्षिणी सीमारेखा की सुरक्षा के लिए आवश्यक निर्णय ले, ऐसा आवाहन जॉर्डन ने किया है। सिरिया के दक्षिणी ओर में संघर्ष भड़कने की आशंका जताई जा रही है, इसीलिए जॉर्डनने यह आवाहन किया है। ऐसा होने से विस्थापितीयों का प्रश्न जादा बिगड़ सकता है, ऐसा दावा संयुक्त राष्ट्रसंघ कर रहा है।
दौरान सिरियन लष्कर ने संघर्षबंदी का उल्लंघन करके, ‘डेरा’ में कार्यवाही शुरु करने की आलोचना अमरिका कर रहा है।
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