लंडन – ‘‘‘साऊथ चायना सी’ और नजदीकी सागरी क्षेत्र में कहीं भी सफर करने के लिए चीन स्वतंत्र है। पर यह करते वक्त चीन द्वारा इस क्षेत्र में विध्वंसक युद्धपोत तैनात नही होने चाहिए। ऐसा हुआ तो इस क्षेत्र में तनाव बढते हुए संघर्ष शुरु होगा और उसका परिणाम जंग में हो सकहा है’’, ऐसी कडी चेतावनी मलेशिया के प्रधानमंत्री ‘महाथिर मोहम्मद’ ने दी। कुछ दिन पहले ही महाथिर ने चीन के महत्त्वाकांक्षी ‘सिल्क रूट’ को भी कडा विरोध दर्शाया था।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के आमसभा के बाद मलेशिया को वापिस आने से पहले प्रधानमंत्री महाथिर ने एक ब्रिटीश चैनल से बातचीत की| इस बातचीत में महाथिर ने ‘साऊथ चायना सी’ के सागरी क्षेत्र में पैदा हो रहे तनाव पर चिंता जतायी। ‘साऊथ चायना सी’ के सागरी क्षेत्र पर चीन सार्वभौम अधिकार नही रख सकता, ऐसा महाथिर ने इस वक्त कहा।
‘‘किसी भी सागरी क्षेत्र से स्वतंत्र रुप से सफर करने का चीन को अधिकार है। पर उसी समय चीन को अन्य देशों के जहाजों को ‘साऊथ चायना सी’ और ‘मलाक्का खाडी’ से सफर करते वक्त रोकना नही चाहिए, ऐसी हमारी अपेक्षा है।’’ ऐसी फटकार मलेशियन प्रधानमंत्री ने लगायी। साथ ही इस सागरी क्षेत्र में किसी भी तरह का तनाव पैदा ना हो ऐसी मलेशिया की अपेक्षा है, ऐसे प्रधानमंत्री महाथिर ने कहा।
इसी लिए मलेशिया ‘साऊथ चायना सी’में युद्धपोत और विध्वंसक के तैननाती के खिलाफ है, ऐसा मलेशियन प्रधानमंत्री ने कहा। ‘अगर चीन इस सागरी क्षेत्र में विध्वंसक युद्धपोत तैनात करता है तो अन्य देश भी इस क्षेत्र में दाखिल होंगे। ऐसा हुआ तो इस सागरी क्षेत्र में तनाव बढेगा और संघर्ष भडक सकता है। इस संघर्ष की वजह से बडी जंग शुरु हो सकती है।’ ऐसी चिंता महाथिर ने जतायी। पिछले कई दिनों से चीन द्वारा इस सागरी क्षेत्र में हो रही तैनाती तथा अमरिका और अन्य देशों के युद्धपोतों को चीन द्वारा दी जा रही धमकियां, इस पृष्ठभूमी पर मलेशियन प्रधानमंत्री की चेतावनी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
‘साऊथ चायना सी’ के सागरी क्षेत्र पर चीन के साथ ही मलेशिया, व्हिएतनाम, फिलिपाईन्स, ब्रुनेई और तैवान जैसे देशों ने भी हक मॉंगा है। पर अन्य देशों के अधिकार को अनदेला करते हुए चीन इस सागरी क्षेत्र पर अपना प्रभुत्त्व प्रस्थापित करने के तैय्यारी में है। अमरिकी नौसेना के ‘इंडो पॅसिफिक कमांड’ के प्रमुख ने साऊथ चायना सी क्षेत्र में चीन को रोकने के लिए जंग ही करनी पडेगी, ऐस कहा था। यह चेतावनी इस सागरी क्षेत्र की स्थिती विस्फोटक हो गयी है, ऐसा साफ दिखा रही है। ऐसी स्थिती में कुछ दशकों का राजकीय अनुभव रहे मलेशियन प्रधानमंत्री ने दी चेतावनी से इस मसले की गंभीरता और भी बढी है।
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