लंडन – रशिया की बढती आक्रामकता और संभावित हमलों को जवाब देने के लिए ब्रिटन ने सायबरजंग की पूरी तैय्यारी की है। रशिया अगर ब्रिटन या यूरोपीय देशों पर हमला करता है तो राजधानी मॉस्को पर सायबर हमला करके वह पूरी तरह अंधेरे में डुबाने की योजना ब्रिटन ने तैय्यार की है। इसलिए रशिया के खिलाफ बडे सायबर जंग का पूर्वाभ्यास हाल ही में लिया गया। रशिया के आक्रमण के खिलाफ परमाणु हमले को विकल्प के तौर पर ‘सायबरजंग’ की तैय्यारी की जा रही है, ऐसे संकेत ब्रिटीश सूत्रों ने दिए है।
पिछले हफ्ते ही ब्रिटन के साथ नेदरलॅण्ड और ऑस्ट्रेलिया ने रशिया के ‘जीआरयु’ द्वारा हुए सायबरहमले पूरी तरह अस्वीकृत है, ऐसी फटकार लगायी थी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और उससे जुडी प्रणालियों को निशाना करने की कोशिश हुई तो उसके बचाव के लिए करारा जवाब दिया जायेगा, ऐसी चेतावनी ब्रिटन सह अन्य देशों ने दी थी। इस चेतावनी के पहले ब्रिटन का रक्षा विभाग और खुफिया एजन्सी ‘जीसीएचक्यू’ ने रशिया के खिलाफ ‘ऑफेन्सिव्ह सायबर फोर्स’ के तैय्यारी का ऐलान किया था।
कुछ महिने पहले ब्रिटन स्थित भूतपूर्व रशियन जासूस सर्जेई स्क्रिपल के हत्या की कोशिश की गयी थी। ईस के पिछे रशिया होने का इल्जाम लगाकर ब्रिटन ने रशिया पर कडे प्रतिबंधो का ऐलान किया था। साथ ही रशिया के कार्रवाईयों को जवाब देने के लिए अलग अलग विकल्स तैय्यार रखे, ऐसे आदेश ब्रिटन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने दिए थे। ईस में सायबरजंग के विकल्प का भी समावेश है और ब्रिटन के खुफिया एजन्सी ने रशिया के खिलाफ सायबरहमलों की तैय्यारी हो गयी है, ऐसे संकेत दिए थे।
इस पृष्ठभूमी पर ब्रिटन के प्रसारमाध्यमोम ने रशिया के खिलाफ हुए ‘सायबरजंग’ के पूर्वाभ्यास के बारे में दी खबर महत्त्वपूर्ण साबित होती है। इस खबर में ‘सायबरजंग’ का इस्तेमाल रशियन हमले को जवाब के रुप में किया जायेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत ब्रिटीश अधिकारियों ने दिए है।
‘रशियन आक्रमण को ‘जैसे का तैसा’ जवाब देने की क्षमता ब्रिटन के रक्षादलों में नही है। साथ ही रशिया के खिलाफ जंग भडकी तो उसका विस्तार और गति के बारे में ब्रिटीश यंत्रणा चिंतित है। रशियन हमले को जवाब देना पडा तो सीधे परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल करने की मजबूरी पैदा हो सकती है। पर उसके बिना सायबरहमलों का विकल्प ज्यादा प्रभावी साबित हो सकता है।’ ऐसा दावा ब्रिटीश अधिकारी और सूत्रों द्वारा किया गया है।
‘रशिया अगर ब्रिटन का विमानवाहू युद्धपोत परमाणु हमले में डुबाता है तो ब्रिटन के सामने दुसरा विकल्प क्या हो सकता है? उनकी पणडुब्बी डुबाना या फिर उत्तर रशिया में परमाणु अस्त्र डागना, ऐसे कारवाईयों से अलग कुछ नही किया जा सकता। ऐसे में सायबरक्षेत्र महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ब्रिटन आक्रामक सायबरहमले करते हुए राजधानी मॉस्को को पूरी तरह से अंधेरे में डुबा सकता है। यह बात रशियन नेतृत्त्व को सीधी चेतावनी देनेवाली साबित होगी।’ ऐसे शब्दों में ब्रिटीश सूत्रों ने रशिया के खिलाफ सायबरजंग का विकल्पही सर्वोत्तम साबित होगा, ऐसे संकेत दिए है।
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