पॅरिस – फ्रान्स में राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युअल मॅक्रॉन के खिलाफ शुरु प्रदर्शन मतलब ‘क्रांती की शुरुआत है’ ऐसे आक्रामक शब्दों में निदर्शकों ने सरकार को कडी चेतावनी दी है। पिछले दो हफ्तों से फ्रान्स की राजधानी पॅरिस और नजदीकी क्षेत्रों में तीव्र प्रदर्शन शुरु है। पिछले हफ्ते से इस प्रदर्शन ने हिंसक मोड ले लिया है। फ्रेंच सरकार द्वारा रखी गयी कडी सुरक्षाव्यवस्था के बावजूद प्रदर्शनकारियों की आक्रामकता कायम है। आखिरी उपाय के तौर पर आपातकाल लागू करने की संभाव्यता सरकार द्वारा जतायी गयी है।
शनिवार को राजधानी पॅरिस में चल रहे प्रदर्शनों को फिर एक बार हिंसक मोड लगा हुआ दिखायी पडा। सैंकडो प्रदर्शनकारियों ने ‘चॅम्प एलिसी’ के साथ अन्य हिस्सों में धरना देकर भारी तोडफोड करते हुए कई जगहों पर आग लगा दी। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने लाठी और कुर्हाडी के साथ दुकान, इमारत और वाहनों को क्षति पहुँचायी तथा अनेक गाडियों को आग भी लगा दी। इस में पुलिस, अग्नीशमन दल और अन्य यंत्रणाओं की गाडियों का समावेश है।
‘यलो वेस्ट’ नाम से पहचाने जानेवाले प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर किए हमलों में २३ पुलिस जख्मी हुए है। फ्रेंच यंत्रणाओं ने अब तक ४०० से अधिक प्रदर्शनकारियों को कब्जे मे लिया है तथा १३० से ज्यादा प्रदर्शनकारि जख्मी होने की बात भी सामने आयी है। पुलिसों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आँसू-गैस तथा पानी के फवारों का बडी मात्रा में इस्तेमाल किया। पर पुलिसी कार्रवाई का आंदोलन पर कोई भी असर ना होते हुए दिखाई पड रहा है और प्रदर्शनकारी और ही आक्रामक तथा हिंसक होते दिखाई पड रहे है।
दो हफ्ते पहले शुरु हुए इन प्रदर्शनों पर अब हिंसक कट्टरपंथी गटों ने कब्जा किया है, ऐसा दावा फ्रेंच यंत्रणाओं द्वारा किया जा रहा है। शनिवार को राजधानी पॅरिस के साथ अन्य हिस्सों में हुए प्रदर्शनों में ७५ हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी सहभागी हुए, ऐसा दावा अंतर्गत सुरक्षा मंत्रालय ने किया। प्रदर्शन में हुई हिंसा की वजह से राजधानी पॅरिस का कुछ हिस्सा शनिवार को पूरी तरह ‘लौकडाऊन’ करना पडा, ऐसी जानकारी सामने आ रही है।
इंधन की बढती कीमतें और राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन के एकतरफा फैसलों को विरोध दर्शाने के लिए शुरु हुए प्रदर्शन पर अभी तक नियंत्रण नही पाया गया है। इसलिए उसके खिलाफ आक्रामक उपाययोजना करने की संभाव्यता जतायी गयी है। रविवार को मॅक्रॉन ने आपत्कालिन बैठक आयोजित की है तथा प्रधानमंत्री एदुआर्द फिलिप ने अपनी विदेश यात्रा भी रद्द कर दी है। प्रदर्शन पर दबाव डालने के लिए आपातकाल का ऐलान करने का निर्णायक विकल्प इस्तेमाल किया जा सकता है, ऐसी संभावना भी सूत्रों ने व्यक्त की है।
‘यलो वेस्ट’ नाम से शुरु यह प्रदर्शन राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रॉन के लिए सबसे बडी चुनौती खडी कर सकता है, ऐसा दावा विश्लेषकों द्वारा किया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही मॅक्रॉन की लोकप्रियता ३० प्रतिशत से नीचे नीचांकी स्तर पर आने की बात सामने आयी थी। प्रदर्शन को रोक लगाने में आयी असफलता उनकी प्रतिमा को और भी खराब कर सकती है, ऐसा दिखायी दे रहा है।
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