वॉशिंगटन/बुडापेस्ट – मध्य यूरोपीय देशों को रशिया ईंधन की आपुर्ति, चीन से प्राप्त हो रहे निवेश एवं ईरान को मिल रहे बढते समर्थन की पृष्ठभूमि पर अमरिकी विदेश मंत्री माईक पोम्पिओ सोमवार के दिन यूरोप की यात्रा पर पहुंंचे। विदेश मंत्री पोम्पिओ हंगेरी, स्लोवाकिया, पोलैंड, बेल्जियम एवं आईसलैंड इन यूरोपीय देशों की यात्रा कर रहे है। इस दौरान पोलैंड में हो रही ‘फ्युचर ऑफ पीस ऍण्ड सिक्युरिटी इन मिडल ईस्ट’ परिषद अहम साबित होगी और इस परिषद में इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू भी उपस्थित रहेंगे।
यूरोप को ईंधन आपुर्ति कर रहे देशों में रशिया चोटी के स्थान पर है और इस के जरिए रशिया यूरोपीय देशों को शिकंजे में ले सकता है, ऐसा आरोप अमरिका लगातार करती रही है। रशिया की यूरोप में शुरू ईंधन परियोजना एवं निवेश रोकने के लिए अमरिका ने आक्रामक भूमिका अपनाई है और अधिक से अधिक देश रशिया का साथ छोड दे, इसके लिए कोशिश कर रही है। इसी हेतू अमरिकी ईंधन सप्लाई के साथ अन्य आर्थिक सहुलियत एवं समझौते करने के लिए अमरिका कदम बढा रही है। विदेश मंत्री पोम्पिओ इनकी इस यूरोप यात्रा में इन्हीं कोशिशों को अंजाम देने पर जोर दिया जाएगा, ऐसे संकेत अमरिकी विदेश विभाग ने दिए है।
यूरोप यात्रा के लिए हंगेरी की राजधानी बुडापेस्ट में पहुंचे पोम्पिओ प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन इनसे भेंट करके कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसमें रशिया पुरस्कृत ईंधन परियोजना को दिए जा रही सहायता रोककर नाटो से रशियन आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए हो रही मुहिमों की सहायता करे, ऐसी मांगों का समावेश है। हंगेरी के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग करार करने के संकेत भी दिए गए है। इसमें ‘एअर ऍण्ड मिसाइल डिफेन्स सिस्टिम’ शामिल होने की जानकारी सूत्रोंने दी। हंगेरी के प्रधानमत्री ऑर्बन अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इनके समर्थक के तौर पर पहचाने जाते है, इस बात को ध्यान में रखकर हंगेरी के साथ सहयोग पुख्ता करने पर जोर दिया जाएगा, ऐसा विदेश विभाग के अधिकारी ने स्पष्ट किया है।
हंगेरी से साथ स्लोवाकिया और पोलैंड में चीन का बडा निवेश है। हंगेरी और पोलैंड में चीन की विवादास्पद ‘हुवेई’ कंपनी ने किए निवेश का भी समावेश है और इसके विरोध में अमरिकी विदेश मंत्री अपनी भूमिका रखेंगे, ऐसा माना जा रहा है। स्लोवाकिया ने अमरिका के साथ रक्षा सहयोग करने के संकेत दिए है और ‘एफ-१६’ लडादू विमानों की खरीदी करने के लिए प्रस्ताव रखा है। इस संबंधी पोम्पिओ इनकी इस भेंट में आखरी बातचीत होगी, ऐसा कहा जा रहा है।
पोलैंड में होनेवाली ‘फ्युचर ऑफ पीस ऍण्ड सिक्युरिटी इन मिडल ईस्ट’ यह परिषद अमरिका ने ईरान के विरोध में शुरू की हुई कोशिशों का अहम स्तर माना जाता है। पिछले वर्ष में यूरोपीय देशों ने ईरान को कई प्रकार की सहायता की है और इस सहायता पर अमरिका ने कडी आपत्ति जताई है। लेकिन, कुछ यूरोपीय देशों ने अमरिका का विरोध ठुकरा कर ईरान की सहायता करने की भूमिका कायम रखी है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने यूरोप में ही ईरान के मुद्दे पर विशेष परिषद का आयोजना करना ध्यान आकर्षित करनेवाली बात साबित होती है। इस परिषद में इस्रायल के प्रधानमंत्री के साथ अमरिकी उप राष्ट्राध्यक्ष माईक पेन्स भी शामिल हो रहे है।
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