श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकियों ने किए कायराना हमले में ‘सीआरपीएफ’ के ४० जवान शहीद हुए है। जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहे ‘सीआरपीएफ’ के जत्थे पर यह हमला हुआ। इस जत्थे में ७० वाहन और २,५०० से अधिक जवान शामिल थे। पुलवामा जिले में जम्मू-श्रीनगर हायवे पर इस जत्थे पर आत्मघाती हमला किया गया। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के समर्थन पर खडी ‘जैश ए मोहम्मद’ इस आतंकी संगठन ने स्वीकारी है। इस हमले के बाद पूरे देश में क्रोध की तीव्र लहर उठी है और हमले के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान को हमेशा के लिए सबक सिखाया जाए, यह मांग हो रही है।
गुरूवार के दिन जम्मू-श्रीनगर हायवे पर श्रीनगर की दिशा में जा रहे ‘सीआरपीएफ’ के जत्थे पर दोपहर लगभग ३.३० बजे आत्मघाती हमला हुआ। इस हमले में १०० किलो बारूद का इस्तेमाल किया गया है और विस्फोटकों से भरी गाडी ‘सीआरपीएफ’ के बस से टकराकर विस्फोट किया गया। इस भयंकर विस्फोट में ४० जवान शहीद हुए है और इस संख्या में बढोतरी होने की आशंका जताई जा रही है। गुरूवार के दिन पुलवामा में हुआ यह हमला पिछले १५ वर्षों में कश्मीर घाटी में हुआ सबसे भयंकर हमला साबित हो रहा है। पाकिस्तान में स्थापित मुख्यालय से भारत में आतंकी गतिविधियां कर रहे ‘जैश ए मोहम्मद’ इस आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी स्वीकारी है। ‘जैश’ का आतंकी अदिल अहमद दार एक व्हिडीओ में इस हमले की जानकारी देता दिखाई दिया है।
‘जैश’ का प्रवक्ता मोहम्मद हसन ने ‘सीआरपीएफ’ की बहुत बडी हानी हुई है यह कहकर इस हमले पर संतोष जताते सामने आया है। पाकिस्तान के समर्थन पर खडी आतंकी संगठन पिछले कुछ दिनों से भारत को सबक सिखाने की धमकी दे रहे थे। यह आतंकी संगठन भारत में बडी आतंकी गतिविधि को अंजाम देने की तैयारी में होने की चेतावनी भी गुप्तचर विभाग से प्राप्त हो रही थी। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के विरोध में सुरक्षा बलों ने शुरू की हुई आक्रामक मुहीम को इस आतंकी हमले के साथ प्रत्युत्तर दिया गया है, ऐसा सामने आ रहा है।
इस हमले के बाद ‘जम्मू-श्रीनगर’ हायवे बंद किया गया है और इस मार्ग का नियंत्रण ‘सीआरपीएफ’ ने अपने हाथों में लिया है। साथ ही आतंकियों के विरोध में बडी सर्च मुहीम शुरू की गई है। इस दौरान पुलवामा हमले की जांच भी शुरू हुई है। सिक्युरिटी क्लिअरन्स प्राप्त होने के बाद ही ‘सीआरपीएफ’ की गाडीयां इस मार्ग पर आगे बढ रही थी, ऐसी जानकारी दी जा रही है। इस परिस्थिति में १०० किलो बारुद से भरी गाडी सीआरपीएप के जत्थे तक पहुंच कैसे सकता है, यह सवाल उपस्थित किया जा रहा है।
इस हमले की जानकारी प्राप्त होते ही पूरे देश में क्रोध की लहर उठी। शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही इस आतंकी हमले का बदला लेने की मांग देशभर में तीव्र हो रही है। इस हमले के बाद ‘नैशनल सिक्युरिटी एजन्सी’?ने शीघ्रता से बैठक बुलाई। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंग इन्होंने अपने सभी तय कार्यक्रम रद्द किए और वह जल्द ही जम्मू-कश्मीर पहुंच रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से इस हमले पर बातचीत की है, ऐसा बताया जा रहा है।
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