तेहरान – ईरान की सरकार के विरोध में शुरू निदर्शन दबाने में ईरानी सुरक्षा यंत्रणा असफल साबित होती है तो, रोहानी सरकार सीरिया में संघर्ष कर रहे गुटों की सहायता प्राप्त करे, यह सूचना ईरान के ‘तेहरान इस्लामिक रिव्होल्युशनरी कोर्ट’ के प्रमुख ‘मुसा घजनफराबदी’ इन्होंने की है| उनके इस वक्तव्य पर ईरान की जनता से तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है और कुछ पत्रकारों ने रोहानी सरकार पर कडी आलोचना की है|
अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने पिछले वर्ष ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से वापसी करके ईरान पर कडे प्रतिबंध लगाए थे| अबतक अमरिका ने तीन स्तर पर ईरान पर लगे प्रतिबंध बढाए है और इसका सीधा परिणाम ईरान की अर्थव्यवस्था पर और ईंधन की निर्यात पर हो रहा है| इस वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था की बडी गिरावट हो रही है और राष्ट्राध्यक्ष रोहानी इनकी आर्थिक नीति असफल होने की आलोचना ईरान की जनता, व्यापारी एवं कामगार कर रहे है|
पिछले आठ महीनों में ईरान के १६ से अधिक शहरों में रोहानी सरकार के विरोध में प्रदर्शन हुए है| इन प्रदर्शनों में शामिल हुई ईरान की जनता और व्यापारी एवं कामगारों ने रोहानी सरकार खारिज करने की मांग की थी| वही, कुछ शहरों में हुए प्रदर्शनों के दौरान ईरान में चरमपंथी विचारधारा लानेवाले सर्वोच्च धर्मगुरू आयातुल्ला खामेनी की हुकूमत पलट देने की मांग भी की गई थी|
इन प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए ईरान की सरकार ने पुलिस बल के साथ सहायता के लिए रिव्होल्युशनरी गार्डस् को उतारा था| लेकिन, ईरान की सेना को यह प्रदर्शन शांत करने में पूरी सफलता प्राप्त नही हो सकी है| आज भी ईरान के कुछ शहरों में सरकार के विरोध में प्रदर्शन हो रहे है| इस पृष्ठभूमि पर धार्मिक नेता घजनफराबदी ने कोम शहर में किए भाषण मंें विदेश की ‘रिजर्व्ह फोर्स’ का इस्तेमाल करने का सुझाव ईरान सरकार को दिया है|
ईरान की सुरक्षा यंत्रणाओं को इन प्रदर्शनों की चुनौती संभालना मुमकिन नही हो रहा है तो, या प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने में यह यंत्रणा असफल साबित होती है तो रोहानी सरकार विदेश में अपने प्रभाव में होने वाले जहाल गुटों को सहायता के लिए साथ ले, ऐसा घजनफराबदी इन्होंने कहा है| फिलहाल सीरिया में शुरू संघर्ष में ईरान के नेतृत्व में ईराक की ‘हश्द अल शाबी’, अफगानी ‘फत्तेमिया ब्रिगेड’, पाकिस्तान की ‘झैनेबियोन’ और येमन में हौथी बागी संघर्ष कर रहे है| ईरान से जुडे यह गुट यानी विदेश में मौजूद ईरान की ‘रिजर्व्ह फोर्स’ होने का दावा ईरान के नेता और अधिकारी कर रहे है| ईरान की हुकूमत को बचाना है, तो इस गुट का इस्तेमाल हो, ऐसा मुसा घजनफराबदी इन्होंने स्पष्ट किया है|
‘सीरिया और अन्य देशों में शुरू संघर्ष में उतारे गए विदेशी सैनिकों का इस्तेमाल एक दिन ईरान की जनता के विरोध में ही किया जाएगा| ईरान की जुल्मी हुकूमत को बचाने के लिए इन विदेशी गुटों का इस्तेमाल किया जाएगा, यह ईरान की प्रादेशिक नीति और ईरान से जुडे चरमपंथियों का समर्थन करनेवालों ने भी कभी सोच नही होगा’, ऐसे कडे शब्दों में ‘रेजा हाघिघात नेजाद’ इस ईरान के प्रसिद्ध पत्रकार ने की है|
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