अमरिकी शिक्षा संस्था में चीन के छात्रा एवं शोधकर्ताओं पर पाबंदी – अमरिकी संसद में विधेयक प्रस्तुत

अमरिकी शिक्षा संस्था में चीन के छात्रा एवं शोधकर्ताओं पर पाबंदी – अमरिकी संसद में विधेयक प्रस्तुत

वॉशिंगटन/बीजिंग – चीन की सेना से अमरिका के साथ विदेश में बडी संख्या में छात्रा एवं शोधकर्ताओं को भेजा जा रहा है और उनके अध्ययन का लाभ उठाकर चीन की सेना उनका इस्तेमाल दुश्मनों के विरोध में कर रही है, यह आरोप अमरिकी सांसदों ने रखा है| इस गतिविधियों से बचने के लिए अमरिकी शिक्षा संस्था में संवेदनशील क्षेत्र के खोजकार्य के लिए पहुंचनेवाले और चीन की सेना से जुडे छात्र और शोधकर्ताओं को प्रवेश देने से इन्कार करने के लिए जरूरी प्रावधान किया जा रहा है| यह मुमकिन हो इस लिए अमरिकी संसद में संबंधित विधेयक पेश किया गया है| संसद के दोनों सभागृह में एक ही समय पर यह विधेयक रखा गया है और इस विधेयक को संसद में दोनों दलों के सांसदों ने समर्थन दिया है|

सिर्फ २४ घंटे पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने चीन और चीन की कंपनीयों से अमरिका के सायबर एवं तकनीक क्षेत्र के लिए बना खतरा रोकने के लिए ‘नैशनल इमर्जन्सी’ का ऐलान किया था| उसके बाद अमरिका के व्यापार विभाग ने व्यापार संबंधी ‘ब्लैक लिस्ट’ प्रसिद्ध की है और इसमें चीन की ‘हुवेई’ के समेत अन्य ७० कंपनीयों का समावेश है| इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी संसद के दोनों सभागृह में एक ही समय पर चीन के विरोध में विधेयक पेश होना ध्यान आकर्षित करता है|

पिछले वर्ष से ट्रम्प प्रशासन और अमरिका ने चीन की ‘हुवेई’ कंपनी के विरोध में काफी कठोर भूमिका अपनाई है| अमरिका के सरकारी विभागों में हुवेई का इस्तेमाल करने पर पहले ही पाबंदी लगाई गई है| हुवेई के साथ ही चाइना मोबाईल इस चीन सरकार से जुडी कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाने की कोशिश शुरू है| चीन की कंपनीयों की अमरिकी कंपनीयों पर कब्जा करने की कोशिश में भी ट्रम्प प्रशासन ने अडंगा लाया है|

अमरिका के वरिष्ठ सिनेटर मार्को रुबिओ इन्होंने पिछले वर्ष अमरिकी शिक्षा संस्थाओं में चीन से हो रहे हस्तक्षेप की ओर ध्यान केंद्रीत किया था| इसके बाद अब सिनेटर टेड क्रूझ, मार्शा ब्लैकबर्न, चक ग्रासले, टॉम कॉटन के समेत आठ सांसदों ने चीन के विरोध में विधेयक पेश किया| इस विधेयक में चीन की कई शिक्षा संस्था को सेना उजागर तौर पर सहायता कर रही है, यह आरोप किया गया है|

इन्हीं शिक्षा संस्थाओं से अमरिका के साथ कई देशों में चीन छात्रा और शोधकर्ता भेजता रहता है| यह छात्रा और शोधकर्ता अमरिका की खुली व्यवस्था का अवैध लाभ उठाकर कई संवेदनशील तकनीक की जानकारी प्राप्त करते है| यही जानकारी आगे चीन की लष्कर के लिए इस्तेमाल होती है| चीन का लष्कर यह जानकारी और तकनीक का इस्तेमाल अमरिका के साथ अन्य देशों के विरोध में करता है, यह आरोप अमरिकी सांसदों ने यह विधेयक पेश करते समय खुले तौर पर किया है|

अमरिकी संसद में रखा गया यह विधेयक दो देशों में बने तनाव में और भी बढोतरी करनेवाला साबित होगा, यह संकेत विश्‍लेषकों ने दिए है|

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