गुगल, इंटेल समेत प्रमुख अमरिकी कंपनियों ने ‘हुवेई’ के साथ बने संबंध खतम किए – ‘हुवेई’ की ‘५जी’ की महत्वाकांक्षा को झटका

गुगल, इंटेल समेत प्रमुख अमरिकी कंपनियों ने ‘हुवेई’ के साथ बने संबंध खतम किए – ‘हुवेई’ की ‘५जी’ की महत्वाकांक्षा को झटका

वॉशिंगटन/बीजिंग – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प?इन्होंने घोषित की हुई ‘नैशनल इमर्जन्सी’ और चीन की कंपनियों का समावेश ‘ब्लैक लिस्ट’ में करने के निर्णय की पृष्ठभूमि पर ‘गुगल, ‘इंटेल’ समेत शीर्ष अमरिकी कंपनियों ने चीन की ‘हुवेई’ कंपनी के साथ बनाए संबंध खतम करने का ऐलान किया है|

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दूरसंचार एवं इंटरनेट क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों ने किए इस निर्णय की वजह से ‘हुवेई’ ने ‘५जी’ क्षेत्र को लेकर रखी महत्वाकांक्षा को जोरदार झटका लगा है| चीन के विदेशमंत्री ने दिए इशारे के बाद भी अमरिकी कंपनियों ने यह निर्णय करने से अब अमरिका-चीन व्यापार युद्ध और भी तीव्र होने के संकेत प्राप्त हो रहे है|

पिछले हफ्ते में बुधवार के दिन अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने विदेशी दूरसंचार कंपनियों के विरोध में आपात्काल का ऐलान किया था| अमरिका के दुश्मन माहिती एवं दूरसंचार तकनीक क्षेत्र की कमजोरी का लाभ उठाकर इसका इस्तेमाल सायबर हमलें एवं आर्थिक और औद्योगिक क्षेत्र की संवेदनशील जानकारी की जासूसी करने के लिए कर रहे है, यह आरोप किया गया था| आपात्काल का अध्यादेश जारी करने के साथ ही अमरिका के व्यापार विभाग ने व्यापार से जुडी ‘ब्लैक लिस्ट’ जारी की थी| इसमें चीन की ‘हुवेई’ समेत अन्य ७० कंपनियों का समावेश है|

इसके पहले ट्रम्प ने अमरिका के सरकारी विभागों के कॉन्ट्रैक्ट में चीन की कंपनियों को शामिल होने से रोकने के लिए आदेश जारी किया था| चीन की कंपनियां अमरिकी तकनीकी क्षेत्र की कंपनियों पर कब्जा करने की कोशिश में थी| उनकी यह कोशिश नाकाम की गई थी| ‘चायना मोबाईल’ इस चीन की शीष कंपनी को देश में दूरसंचार सेवा उपलब्ध कराने से भी दूर किया गया था| चीन की ‘झेडटीई’ कंपनी को अरबों डॉलर्स का जुर्माना लगाया गया था|

चीन की कंपनियों पर एक के बाद एक हो रही कार्रवाई और ‘ब्लैक लिस्ट’ जारी करने के निर्णय के बाद अब अमरिकी कंपनियों को भी ट्रम्प के आदेश का पालन करने पर विवश किया गया है| इंटरनेट क्षेत्र में दुनिया में सबसे प्रमुख रही ‘गुगल’ ने भी इसके आगे ‘हुवेई’ कंपनी को उनके स्मार्ट फोन में ‘ऑपरेटिंग सिस्टिम’ के साथ ‘यू-ट्युब’, ‘गुगल मॅप’ जैसे प्रमुख एप का इस्तेमाल करने की अनुमति नही रहेगी, यह स्पष्ट किया है| दुनियाभर में इस्तेमाल हो रहे ८० प्रतिशत से अधिक स्मार्ट फोन्स में गुगल की ‘अँड्रॉईड’ यह ‘ऑपरेटिंग सिस्टिम’ और ‘एप’ का इस्तेमाल होता है| इस वजह से गुगल ने किया निर्णय ‘हुवेई’ ने रखी ‘५जी’ की महत्वाकांक्षा के लिए बडा झटका साबित हुआ है|

‘गुगल’ के साथ ही अमरिका स्थित अन्य तकनीकी कंपनियों ने भी ‘हुवेई’ साथ बने संबंध खतम किए है| इनमें स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैब के लिए ‘सेमीकंडक्टर चिप्स’ की सप्लाई करनेवाली ‘इंटेल’, ‘क्वालकॉम’, ‘ब्रॉडकॉम’ जैसी शीर्ष कंपनियों का समावेश है| इन कंपनियों ने ‘हुवेई’ को इसके आगे चिपसेटस् सप्लाई करने से इन्कार किया है और इसका असर भविष्य में ‘हुवेई’ के ‘५ जी स्मार्टफोन’ के निर्माण पर हो सकता है| लेकिन, ‘हुवेई’ ने इस प्रकार की पाबंदी का सामना करने के लिए हमनें जरूरी प्रावधान किए है, यह खुलासा प्रसिद्ध किया है|

इस दौरान, अमरिकी कंपनियों ने की हुई घोषणा की कडी गुंज चीन के प्रसारमाध्यम एवं सोशल मीडिया पर उठती सुनाई दे रही है| अमरिका की शीर्ष ‘एपल’ कंपनी के उत्पादों पर पाबंदी लगाने की मुहीम जोर पकड रही है और इसका बडा झटका ‘एपल’ को लग सकता है, यह संकेत दिए जा रहे है|

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