नई दिल्ली – ‘परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल ना करने की निती भारत ने आजतक अपनाई है| लेकिन, इसके आगे स्थिति देखकर भारत निर्णय करेगा’, ऐसी कडी चेतावनी रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने दी है| धारा ३७० हटाने के बाद पाकिस्तान लगातार भारत को परमाणु युद्ध की धमकियां दे रहा है| इस पर यह भारत का जवाब है और पाकिस्तान की परमाणु धमकियों का भारत पर असर नही होगा, यह कडी चेतावनी भी भारतीय रक्षामंत्री ने दी है| उनके इस वक्तव्य पर पाकिस्तान में खलबली मची है|
पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भारत को गंभीर परिणामों की धमकियां दे रहे है| साथ ही कश्मीर के मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू होगा और इसमें से परमाणु युद्ध का विस्फोट हो सकता है, ऐसे गैरजिम्मेदाराना वक्तव्य करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित कर रहे है| साथ ही उनके मंत्रिमंडल के सदस्य एवं कट्टरतावादी विश्लेषक भी भारत के विरोध में पाकिस्तान परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है, ऐसे धमका रहे है| भारत का लष्करी सामर्थ्य पाकिस्तान से कई ज्यादा है| इस वजह से युद्ध में नाकामयाब होने पर पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के अलावा कोई विकल्प नही रहेगा, ऐसा इन लोगों का कहना है|
भारत का द्वेष करनेवाले कुछ विश्लेषक तो भारतीय समाचार चैनलों से बात करते समय नई दिल्ली और मुंबई पर परमाणु बम गिराने की चेतावनी दे रहे है| लेकिन, भारतीय विश्लेषकों ने इसपर करारा जवाब दिया है| आजतक परमाणु हथियारों के बलबुते पर ब्लैकमेलिंग करके पाकिस्तान ने भारत की लष्करी कार्रवाई रोकने की कोशिश की| लेकिन इससे आगे पाकिस्तान की यह ब्लैकमेलिंग भारत बर्दाश्त नही करेगा, यह इशारा इन भारतीय विश्लेषकों ने दिया था| लेकिन, अधिकृत स्तर पर पाकिस्तान का सियासी नेतृत्व ही लगातार परमाणु युद्ध की धमकियां देने लगने से भारत ने इस देश को स्थिति का एहसास दिलाया दिखाई दे रहा है|
वर्ष १९९८ में भारत ने राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण करके अपनी परमाणु क्षमता सिद्ध की थी| इसके बाद भारत ने परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल ना करने की (नो फर्स्ट यूज) निती अपनाई थी| लेकिन, इसके बाद परमाणु परीक्षण करनेवाले पाकिस्तान ने खुद पर यह प्रतिबंध लगाए नही है| पाकिस्तान इसी स्थिति का लाभ उठाकर भारत पर परमाणु हमला कर सकता है, यह तर्क पाकिस्तान के सामरिक विश्लेषक व्यक्त कर रहे है| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भी उनके इस तर्क का समर्थन करनेवाले वक्तव्य करने के बाद इनकी धमकियों पर गंभीरता से संज्ञान लेने के लिए भारत मजबूर हुआ है|
Pokhran is the area which witnessed Atal Ji’s firm resolve to make India a nuclear power and yet remain firmly committed to the doctrine of ‘No First Use’. India has strictly adhered to this doctrine. What happens in future depends on the circumstances.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 16, 2019
रक्षामंत्री ने देश की परंपरागत परमाणु निती में स्थिति के नुसार बदलाव हो सकते है, यह कहकर पाकिस्तान को डर के साए में फंसाया है| पाकिस्तान के माध्यमों में इस विषय पर बातचीत शुरू हुई है और भारत अब पाकिस्तान को परमाणु हमले की धमकियां दे रहा है क्या? यह सवाल भी पाकिस्तानी पत्रकार पुछने लगे है| लेकिन, यह पाकिस्तान की गैरजिम्मेदाराना धमकियों पर प्राप्त हुई प्रतिक्रिया होने की बात इस देश के माध्यम अपने लाभ के लिए नजरअंदाज कर रहे है|
पाकिस्तान के भूतपूर्व राष्ष्ट्राध्यक्ष परवेझ मुशर्रफ ने अपने ही देश की सरकार को परमाणु हथियारों को लेकर गैरजिम्मेदाराना वक्तव्य ना करें, यह सूचना डटकर की थी| पाकिस्तान ने भारत पर एक परमाणु बम गिराया तो भारत २० परमाणु बम गिराकर पाकिस्तान की राख करेगा| इससे दूर रहना है तो पाकिस्तान को भारत पर एक ही समय पर ५० परमाणु बमों से हमला करना होगा| पाकिस्तान इसके लिए तैयार है क्या? यह सवाल मुशर्रफ ने किया था| परमाणु युद्ध में पहला हमला करनेवाला देश दुश्मन पर हावी हो सकता है,यह बात यदि सच है, फिर भी भारत ने सेकंड स्ट्राईक, यानी परमाणु हमला होने पर उसे जवाब देने का सामर्थ्य प्राप्त किया है| भारत जमीन, हवां एवं समुद्री मार्ग से भी परमाणु हमलें करने की क्षमता रखनेवाला देश बना है और इससे भारत को अब कोई भी एटमी ब्लैकमेल नही कर सकता, यह इशारा प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ समय पहले ही दिया था|
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