वॉशिंगटन – सौदी की ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलें ईरान ने ही किए है, इसके सबुत अभी प्राप्त नही हुए है| लेकिन, यह हमलें ईरान ने ही किए होने की बात दिख रही है| इस वजह से इन हमलों को जवाब देने के लिए जरूरी कार्रवाई करने की तैयारी हुई है’, इन शब्दों में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर लष्करी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है| अमरिका के रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने भी राष्ट्राध्यक्ष का समर्थन किया है|
‘ईरान के विरोध में अमरिका के हाथ में सभी विकल्प है| लेकिन, हमें नया संघर्ष शुरू करना नही है, लेकिन कभी कभी संघर्ष करने के लिए विवश होते है| सौदी पर हुआ हमला काफी बडा था और ऐसे हमलों को उससे भी अधिक बडी कार्रवाई से जवाब देना आवश्यक है’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा है| रक्षामंत्री एस्पर के साथ हुई बातचीत के बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने गिने चुने शब्दों में ईरान पर लष्करी कार्रवाई करना जरूरी होने की बात कहकर यह कार्रवाई करने के विकल्प का समर्थन किया दिख रहा है|
रक्षामंत्री एस्पर ने खाडी क्षत्र की अस्थिरता के लिए ईरान ही जिम्मेदार होने का आरोप रखा है| सौदी अरब के ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों के लिए ईरान जिम्मेदार होने का सीधे जिक्र करने से एस्पर दूर रहे| लेकिन, ‘ईरान ने कुचले अंतरराष्ट्रीय नियमों की सुरक्षा के लिए अमरिका की सेना अपने मित्रदेशों की सहायता करेगी’, यह कहकर अमरिकी रक्षामंत्री ने सौदी की सहायता करने का ऐलान किया| इस बारे में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और पेंटॅगॉन के लष्करी अधिकारियों के साथ हमारी बातचीत होने की जानकारी रक्षामंत्री एस्पर ने दी|
इसी बीच रक्षामंत्री एस्पर ने सौदी अरब के क्राउन प्रिन्स और रक्षामंत्री प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान एवं इराक के रक्षामंत्री नजाह अल शेमारी के साथ भी बातचीत की| कुछ घंटे पहले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने स्वयं ही प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से बातचीत की थी| अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ जल्द ही सौदी पहुंच रहे है, यह ऐलान भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया है|
प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने भी ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों का जवाब देने के लिए अपना देश तैयार और सक्षम है, यह ऐलान किया था| ऐसे में अमरिका से हमलें के इशारें प्राप्त होते समय ईरान ने अमरिका और इस्रायल के विध्वंसक डुबोने की धमकी दी है| खाडी क्षेत्र की इन गतिविधियों पर रशिया ने चिंता व्यक्त की है| सौदी अरब के ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों की वजह से लष्करी कार्रवाई की संभावना बढी है, यह दावा रशिया के ‘फॉरेन इंटेलिजन्स सर्व्हिस’ के संचालक सर्जेई नैरिश्कीन ने किया| लेकिन, बातचीत के जरिए इस खतरे से बचने की कोशिश करें, यह निवेदन नैरिश्कीन ने किया|
इस दौरान, ईंधन परियोजनाओं पर हुए हमलों की वजह से सौदी के ईंधन उत्पाद पर बडा नकारात्मक असर हुआ है| अगले महीने तक सौदी के ईंधन उत्पाद में प्रति दिन तीस लाख बैरल्स की कमी रहेगी, यह चिंता ‘एसएण्डपी प्लैटस्’ इस अमरिकी अभ्यासगुट ने व्यक्त की है|
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