अंतरिक्ष से पृथ्वी को बन रहे खतरों को रोकने अमरिकी और यूरोपिय अंतरिक्ष संस्था ‘प्लॅनेटरी डिफेन्स मिशन’ के लिए तैयार

अंतरिक्ष से पृथ्वी को बन रहे खतरों को रोकने अमरिकी और यूरोपिय अंतरिक्ष संस्था ‘प्लॅनेटरी डिफेन्स मिशन’ के लिए तैयार

वॉशिंगटन/ब्रुसेल्स – अंतरिक्ष में मंडरा रहे कई छोटे ग्रह पृथ्वी से टकराने की संभावना है| इससे बढ रहे खतरों की पृष्ठभूमि पर इन खतरों को रोकने के लिए तेजी से तैयारी हो रही है| अमरिका की अंतरिक्ष संस्था ‘नासा’ और यूरोपिय महासंघ की अंतरिक्ष संस्था ‘इएसए’ इस तैयारी के लिए एक होकर काम कर रही है| इसके तहेत अगले तीन वर्षों में पृथ्वी से अंतरिक्ष में पहला?‘प्लॅनेटरी डिफेन्स मिशन’ भेजा जाएगा, यह जानकारी दोनों अंतरिक्ष संस्थाओं से जुडे सूत्रों ने दी है|

पिछले कुछ वर्षों में परग्रहवासी, उडन तश्करी, ‘डिप स्पेस’ एवं अंतरिक्ष में मौजूद खनिजों के संबंधी नई नई जानकारी लगातार सामने आ रही है| अमरिका की नौसेना ने भी हाल ही में परग्रह से पहुंची ‘उडन तश्करी’ (यूएफओ) संबंधी खबर का समर्थन किया था| अमरिका के नेवाडा क्षेत्र में बने ‘एरिआ ५१’ में मौजूद परग्रहवासियों का मुद्दा भी पिछले हफ्तें में काफी गरमी के साथ चर्चा में रहा था| इसके बारे में बोलते समय अमरिका के वायुसेनाप्रमुख ने कुछ बातें गोपनीय रहना जरूरी है और सरकार यह हक रखती है, ऐसा कहकर इस विषय का रहस्य और भी बढाया था|

इस पृष्ठभूमि पर अंतरिक्ष से पृथ्वी पर टकरानेवाली चीजों से वसुंधरा की रक्षा करने के लिए शुरू हुई गतिविधियां ध्यान आकर्षित करती है| अमरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा ने पृथ्वी पर कुछ छोटे ग्रह एवं अंतरिक्ष की चीजें टकराने की संभावना होने के इशारें कई बार दिए है| इनमें से कुछ बातें धरती पर तबाही करने का कारण बनेगी, यह डर भी व्यक्त किया गया है| इस वजह से इन खतरों से पृथ्वी की रक्षा करने के लिए कदम उठाना जरूरी है और यूरोपिय महासंघ के साथ बनाई गई मुहीम इसमें एक अहम हिस्सा बनता है|

छोटे ग्रह टकराने की घटना से पृथ्वी की रक्षा करना यह पहला उद्देश्य रखकर इस मुहीम को बनाया गया है| इस मुहीम को ‘एस्टरॉईड इम्पैक्ट ऍण्ड डिफ्लेक्शन एसेसमेंट’ (एआईडीए) यह नाम दिया गया है| इसके तहेत अगले तीन वर्षों में ‘नासा’ और यूरोप की ‘इएसए’ यह अतंरिक्ष संस्था दो उपग्रह यंत्रणा प्रक्षेपित करेगी| ‘नासा’ की यंत्रणा को ‘डार्ट’ यह नाम दिया गया है और ‘इएसए’ की यंत्रणा ‘हेरा’ के तौर पर जानी जाएगी|

पृथ्वी के निकट की कक्षा में घुमनेंवालें ‘डिडिमॉस बी’ इस छोटे ग्रह को लक्ष्य किया जाएगा| ‘नासा’ की ‘डार्ट’ यंत्रणा वर्ष २०२१ में प्रक्षेपित की जाएगी और वर्ष २०२२ में लक्ष्य से जा टकराएगी, यह बताया गया है| इसके बाद यूरोप की अंतरिक्ष संस्था की यंत्रणा प्रक्षेपित की जाएगी, यह जानकारी सूत्रों ने दी है| इस संपूर्ण मुहीम का अध्ययन करने के लिए एक स्वतंत्र उपग्रह भी भेजा जाएगा, यह जानकारी इस मुहीम से जुडे अधिकारी ने दी है|

कुछ महीनों पहले जापान की अंतरिक्ष संस्था ने पृथ्वी के निकट पहुंचने की संभावना होनेवाले एक छोटे ग्रह पर अंतरिक्ष यान उतारने में कामयाबी हासिल की थी|

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