लंदन – ‘‘वर्ष २०१४ में ‘आयएस’ के आतंकियों ने सीरिया के कोबानी शहर पर किए आतंकी हमले के आदेश तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने जारी किए थे| ‘आयएस’ का प्रमुख अबू बक्र अल बगदादी ने एर्दोगन के आदेशों का पालन किया था’’, यह चौकानेवाली जानकारी बगदादी के भरौसेमंद सहयोगी ने सार्वजनिक की है| एर्दोगन और ‘आयएस’ का सहयोग अभी भी कायम होने का दावा भी इस ‘आयएस’ कमांडर ने किया है, यह समाचार लंदन स्थित एक समाचार पत्र ने प्रसिद्ध किया है|
इस वर्ष मार्च महीने में ‘सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस’ (एसडीएफ) के बागियों ने उत्तरी सीरिया में की कार्रवाई में ‘आयएस’ के कुछ आतंकियों को गिरफ्तार किया था| ‘आयएस’ के यह आतंकी सीरियन कुर्दों के नियंत्रण में होनेवाले कारागृह में रखे गए थे| इनमें ‘आयएस’ का प्रमुख बगदादी का भरौसेमंद ताहा अब्दुर रहिम अब्दुल्लाह इस आतंकी कमांडर का भी समावेश था| सीरियन कुर्दों ने की हुई जांच के दौरान ताहा अब्दुल्लाह ने कुछ सनसनीखेज दावे किए है|
‘‘वर्ष २०१४ में ‘आयएस’ ने सीरिया के बडे क्षेत्र का कब्जा करना शुरू किया था| इश दौरान तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने बगदादी को सूचना की थी| सीरिया के उत्तरी कोबानी इस कुर्दों के शहर पर भीषण हमला करने के आदेश एर्दोगन ने बगदादी को दिए थे| बगदादी ने भी संगठन के अन्य कमांडर्स से बातचीत किए बिना एर्दोगन के आदेशों पर अमल करने की सूचना जारी की थी’’, यह जानकारी ताहा अब्दुल्लाह ने दी|
‘सीरियन राजधानी दमास्कस पर हमला करने का उद्देश्य हम रखकर थे| दमास्कस के लिए होनेवाले युद्ध की तैयारी भी हमने रखी थी| पर, बगदादी ने कोबानी पर हमला करने के आदेश किए| हमने विरोध करने के बावजूद बगदादी के आदेशों में बदलाव नही हुआ| इसका असर कोबानी पर हुए हमलें में हुआ| इस हमले में ‘आयएस’ को जान-माल का बडा नुकसान उठाना पडा था’, यह नाराजगी भी ताहा अब्दुल्लाह ने व्यक्त की|
तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन और ‘आयएस’ का सहयोग अभी भी कायम होने का दावा भी ताहा अब्दुल्लाह ने किया है| अमरिका के हमले में बगदादी के मारे जाने के बाद ‘आयएस’ का प्रमुख ‘अब्दुल्लाह करदास’ उर्फ हाकी अब्दुल्लाह उर्फ अबु ओमर तुर्कमनी को किया गया था| अब्दुल्लाह करदास के तुर्की के साथ होनेवाले संबंधों की वजह से ही उसे आयएस का प्रमुख किया गया था, यह जानकारी ताहा अब्दुल्लाह ने दी| बगदादी के भरौसेमंद सहयोगी ने सार्वजनिक की हुई इस जानकारी पर अभी तुर्की ने प्रतिक्रिया दर्ज नही की है|
वर्ष २०१४ के सितंबर महीने में ‘आयएस’ के आतंकियों ने कोबानी पर हमला किया था| करीबन छह महीने ‘आयएस’ के आतंकवादी और कुर्दों में संघर्ष हुआ ता| इस संघर्ष में ‘आयएस’ ने कुर्दों के ३५० गांवों पर कब्जा किया था| इस दौरान तीन लाख से भी अधिक कुर्द कोबानी से बाहर भागे थे| मार्च २०१५ में कुर्दों ने ‘आयएस’ के कब्जे में गए सभी गांवों पर फिर से कब्जा किया था| ‘आयएस’ पर यह कार्रवाई करने के लिए अमरिका ने ही कुर्दों की सहायता की थी| वही, अमरिका की इस सहायता पर तुर्की ने कडी आलोचना भी की थी|
तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन और आयएस के बीच सहयोग होने का दावा पहले भी सीरियन सरकार से युरोपिय गुप्तचर यंत्रणा एवं अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने किया था| ‘आयएस’ के जख्मी आतंकियों को तुर्की पनाह दे रहा है| साथ ही तुर्की ने ‘आयएस’ की सहायता से अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन की तस्करी शुरू की है, यह आरोप भी सीरियन मानव अधिकार संगठनों ने किया था| वही, तुर्की ने यह सभी आरोप ठुकराए थे| पर, बगदादी के भरौसेमंद सहयोगी ने सार्वजनिक की हुई जानकारी के बाद फिर एक बार तुर्की की आतंकवाद विरोधी मुहीम की ओर संदिग्धता से देखा जा रहा है|
इसी बीच पिछले महीने में तुर्की ने आतंकवाद के विरोध में शुरू किए संघर्ष पर सीरियन कुर्दों ने आपत्ति जताई थी| सीरियन कुर्दों को लक्ष्य करने के लिए अपने कैद में होनेवाले ‘आयएस’ के आतंकियों को रिहा करने के लिए ही तुर्की ने हमारे विरोध में यह मुहीम शुरू की है, यह आरोप कुर्द कर रहे थे|
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