उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य करने के लिए अमरिकी संसद ने पारित किया स्वतंत्र विधेयक

उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य करने के लिए अमरिकी संसद ने पारित किया स्वतंत्र विधेयक

वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान करने हेतू अमरिकी संसद में स्वतंत्र विधेयक रखा गया| चीन में उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचारों के पृष्ठभूमिपर पेश किए गए ‘उघुर एक्ट २०१९’ इस विधेयक को अमरिकी संसद में पारित किया गया है| अमरिकी संसद के प्रतिनिधिगृह में यह विधेयक मंजूर किया गया है| चीन ने यह विधेयक पारित होने पर कडी प्रतिक्रिया दर्ज की है| चीन ने चरमपंथियों के विरोध में शुरू की हुई कोशिशों में इस विधेयक के जरिए दरार बनाई गई है, यह इशारा चीन के विदेश मंत्रालय ने दिया है| मात्र, २४ घंटे पहले ही चीन ने अमरिका के ‘हॉंगकॉंग एक्ट’ के विरोध में आक्रामकता के साथ कार्रवाई की थी| पर, इसके बावजूद उघुरवंशियों के मुद्दे पर नया विधेयक पेश करके अमरिका ने चीन के सामने और भी मुश्किलें खडी की है|

    

चीन ने पिछले कुछ वर्षों से झिंजिआंग प्रांत के उघुरवंशिय इस्लामी नागरिकों पर लगातार अत्यार किया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर भी चीन की इस घिनौनी हरकत का संज्ञान लिया गया था| पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्रसंघ के एक रपट में चीन ने करीबन ११ लाख उघुरवंशियों को शिविरों में बंदी रखकर उनपर अत्याचार करने की बात की पोलखोल की थी| इस रपट के बाद पश्‍चिमी देशों ने उघुरों के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य करना शुरू किया है और इसके लिए अमरिका ने पहल की है| पिछले महीने में ही उघुरवंशिय महिलाओं को यौन उत्पीडन का सामना करना पड रहा है, यह जानकारी सामने आयी थी|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने चीन के उघुरवंशियों के मुद्दे पर लगातार आक्रामक भूमिका अपनाई है| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक की पृष्ठभूमि पर हुई ऐक बैठक में भी इस मुद्दे पर कडी कार्रवाई करने के संकेत दिए थे| अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने भी इस मुद्दे पर चीन के कान खिंचे थे| अमरिका एवं अन्य देशों में बसें उघुरवंशियों के झिनजियांग में बसे परिवारों पर चीन की हुकूमत अत्याचार कर रही है, यह आरोप विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने रखा था|

अक्टुबर महीने से अमरिका ने उघुरवंशियों के मुद्दे पर चीन के विरोध में कार्रवाई करना शुरू किया था| अमरिका के विदेश विभाग ने चीन के सरकारी अफसर और शासक कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य एवं उनके परिवार जनों को व्हिसा देने पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया था| झिंजिआंग प्रांत के अंतर्गत सुरक्षा विभाग के साथ १९ सरकारी यंत्रणा और ९ नीजि कंपनियों को अमरिका ने ब्लैक लिस्ट किया था| संसद में पेश किया गया विधेयक इसी कार्रवाई का अगला स्तर है|

‘उघुर एक्ट २०१९’ विधेयक में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष चीन की शासक हुकूमत से उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचारों की खुलेआम आलोचना करें, यह आग्रही मांग रखी गई है| साथ ही झिंजिआंग प्रांत एवं उघुरवंशियों के विरोध में जारी मुहीम का हिस्सा होनेवाले चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत के प्रमुख नेताओं पर प्रतिबंध लगाने की सिफारीश भी इस विधेयक में की गई है| ‘उघुर एक्ट २०१९’ विधेयक में कम्युनिस्ट पार्टी के ‘पॉलिटब्युरो’ के सदस्य होनेवाले ‘चेन क्वांगुओ’ का स्पष्ट तौर पर जिक्र है|

अमरिकन संसद ने उघुरवंशियों के विरोध में हो रही कार्रवाई के विरोध में यह कदम उठाने से चीन काफी गुस्सा हुआ है| ‘अमरिका ने उघुरों के मुद्दे पर की हुई गलती तुरंत ही सुधारनी होगी| इसके लिए संसद में रखा गया विधेयक कानून में परावर्तित होने से पहले रोकना जरूरी है| झिंजिआंग के जरिए चीन के अंदरुनि कारोबार में हस्तक्षेप करने की कोशिश बर्दाश्त नही की जाएगी’, यह चेतावनी भी चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने दी है|

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